गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार में राजभवन के कार्यक्रम में आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए. तब इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो नहीं आए हैं उन्हीं से पूछिए. बता दें कि इस कार्यक्रम में जेडीयू के कई चेहरे दिखे लेकिन आरजेडी की तरफ से केवल एक नेता शामिल हुए. हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री आलोक मेहता इस कार्यक्रम में शामिल हुए. वो राजभवन में थोड़ी देर ही रुके और बीच में ही चले गए.
उधर, हम के नेता जीतन राम मांझी से तेजस्वी यादव के राजभवन न आने को लेकर सवाल पछा गया तो उन्होंने कहा, ”हमें तो पहले से ऐसा अहसास था कि गठबंधन (जेडीयू-आरजेडी) ताश के पत्ते की तरह बिखर जाएगा.” क्या बिहार में खेला हो गया है? पत्रकारों के इस सवाल पर मांझी ने कहा, ”कोई भी व्यक्ति यह समझ सकता है कि खेला हो रहा है या नहीं हो रहा है.”
तेजस्वी से ही पूछा जाए- नेता प्रतिपक्ष
बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. विजय कुमार सिन्हा से जब तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”वो बताएंगे. प्रतिपक्ष संवैधानिक पद, संवैधानिक संस्था और राष्ट्रीय पर्व का सम्मान करता है. जिस भी दायित्व पर मैं रहता हूं, मैं आता हूं और अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता हूं.”
कोई भी पार्टी खुलकर कुछ कहने को नहीं तैयार
जेडीयू के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की चर्चा तेज हो गई है तो एनडीए और महागठबंधन दोनों में ही शामिल नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं लेकिन कोई भी कुछ भी खुलकर तो नहीं कह रहा. बीजेपी की ओर से सुशील मोदी ने कहा कि अभी इंतजार करना चाहिए केंद्रीय नेतृत्व उचित निर्णय लेगा, हम लोग उस निर्य़ण का समर्थन करेंगे. वहीं, एलजेपी पासवान के नेता चिराग पासवान ने भी यही बात दोहराई है कि सही समय का इंतजार करना चाहिए.
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