झारखंड की राजनीति में नया साल नया हलचल लेकर आया है. सुबह जैसे ही ये पता चला कि जेएमएम के गांडेय के विधायक सरफराज अहमद ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है. राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे, कोई इसे पार्टी के अंदर कलह बता रहा था तो कोई कुछ और. लेकिन दोपहर होते-होते यह बड़ी हलचल में बदल गई।
कोई कह रहा है कि कल्पना सोरेन सीएम बनेंगी तो कई कुछ कह रहा है. लेकिन इस बीच ये बात भी सामने आ रही है कि कल्पना सोरेन झारखंड की सीएम नहीं बन सकती है. उसके लिए मुंबई हाईकोर्ट के एक फैसले को आधार बनाया जा रहा है।
झारखंड की राजनीति में इस बदलाव को लेकर बड़े-बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी बातें रखनी शुरू कर दी हैं. पहले बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर ताबड़तोड़ कई पोस्ट कर इस हलचल को और हवा दे दी. निशिकांत दुबे के पहले पोस्ट के मुताबिक सरफराज अहमद के इस्तीफे देने का मतलब यह है कि हेमंत सोरेन सीएम पद से इस्तीफा देंगे और उनकी जगह उनकी पत्नी सीएम बनेंगी और वह गांडेय सीट से चुनाव लड़ेंगी।
निशिकांत ने दूसरा और तीसरा पोस्ट राज्य में उपचुनाव की संभावना को लेकर की है. दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि राज्यपाल को कानूनी सलाह लेनी चाहिए क्योंकि विधानसभा चुनाव में जब एक साल से कम का समय बचा हो तो उपचुनाव नहीं हो सकते हैं. वहीं तीसरे पोस्ट में उन्होंने इस बात को और प्रमाणिकता के साथ रखने की कोशिश की है. उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जब कल्पना सोरेन कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं, ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री कैसे बनाया जा सकता है।
अब सवाल ये है कि जिनके विधायक बनने की संभावना नहीं होगी, क्या उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. यह फैसला तो राज्यपाल को ही करना है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि ईडी हेमंत सोरेन पर क्या कार्रवाई करती है. अगर हेमंत सोरेन गिरफ्तार होते है या फिर इस्तीफा देतें हैं, तभी किसी और के सीएम बनने की बात होगी।
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