नवरात्रि का पावन पर्व 15 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। इस कड़ी में आज दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है। माता के भक्त नवरात्रि के दौरान उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-पाठ करते हैं। कई भक्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। ताकि मां दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और धन दौलत की कोई कमी न रहे। दुर्गा सप्तशती में उद्धृत 700 मंत्र मां आदि शक्ति जगदंबा की स्तुति के लिए हैं। वहीं दुर्गा सप्तशती में गरीबी मिटाने के लिए भी खास मंत्र का जिक्र किया गया है। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जाप करने से गरीबी मिट जाती है। साथ ही जीवन में अपार धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती का यह मंत्र।

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।

दारिद्रयदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता।।

दुर्गा सप्तशती मंत्र का महत्व

उपरोक्त मंत्र दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय का 17वां मंत्र है। कहा जाता है कि दुर्गा सप्तशती का यह मंत्र सिद्ध है। नवरात्रि के दौरान इस शक्तिशाली मंत्र का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा से जीवन से गरीबी का नामो-निशान मिट जाता है। यही वजह है कि धर्म-शास्त्र के जानकार दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय का पाठ करने की सलाह देते हैं। दरअसल दुर्गा सप्तशती के इस अघ्याय में मां दुर्गा के सौम्म स्वरूप की स्तुति की गई है।

मंत्र का अर्थ

माँ दुर्गे! आप स्मरण करने पर सब प्राणियों का भय हर लेती हैं और स्वस्थ पुरषों द्वारा चिन्तन करने पर उन्हें परम कल्याणमयी बुद्धि प्रदान करती हैं। दु:ख, दरिद्रता और भय हरनेवाली देवि! आपके सिवा दूसरी कौन है, जिसका चित्त सबका उपकार करने के लिये सदा ही दया‌र्द्र रहता हो।


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