इसरो प्रमुख और अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस. सोमनाथ ने कहा कि वर्ष 2035 तक देश का अपना भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन होगा। अगले वर्ष पहले दौर का परीक्षण भी शुरू होने की उम्मीद है। इसरो प्रमुख ने यह जानकारी गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी।

वे यहां टांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में चल रहे भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में शामिल होने आए थे। एस. सोमनाथ ने कहा, इसरो अगले वर्ष भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए पहले दौर का परीक्षण करेगा, जो सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण अध्ययन, अंतरराष्ट्रीय सहयोगात्मक अनुसंधान और अंतरिक्ष जीव विज्ञान के आगे के अध्ययन का प्रमुख केंद्र होगा। भारत का पहला शुक्र मिशन भी 2028 में लॉन्च होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री की घोषणा ने प्रोत्साहित किया। इसका परिणाम है कि इसरो अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण, परीक्षण की तैयारी में जुट गया है। उन्होंने स्पेस हैकथॉन के प्रतिभागियों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनंत संभावनाओं की खोज करने को प्रोत्साहित किया।

2040 तक मानव को चांद पर भेजने की योजना

एस. सोमनाथ ने कहा, चंद्रयान-तीन और आदित्य-एल वन मिशन सहित भारतीय अंतरिक्ष पहल की सफलता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश को अब नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य 2040 तक चांद पर पहला यात्री भेजने की तैयारी है।

युवा शोधकर्ताओं को मंच मिला : किरण रिजिजू

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के जरिये शोधकर्ताओं को अपने शोध प्रदर्शित करने का मंच मिला है। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इच्छुक शोधकर्ताओं की शोध आवश्यकताओं के लिए एक मंच प्रदान करने में युवा वैज्ञानिक सम्मेलन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने विज्ञान को आम लोगों से जोड़ने की दिशा में भी काम करने का आह्वान किया।

प्रोटीनयुक्त वैक्सीन से वायरस खत्म होगा

फरीदाबाद। बाजार में जल्द ही प्रोटीन युक्त वैक्सीन उपलब्ध होगी। कोविड वैक्सीन के ट्रायल में सफलता के बाद ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिक संस्थान प्रोटीन आधारित वैक्सीन के रिसर्च पर काम कर रहा है।दावा है कि कोविड की तरह अन्य वैक्सीन को भी प्रभावशाली बनाया जाएगा। यह वैक्सीन वायरस के सरफेस प्रोटीन से बनेगी।

ड्रोन से सफर कराने पर काम कर रहा आईआईटी

फरीदाबाद। विज्ञान महोत्सव में भविष्य में लोगों का जीवन आसान करने वाले शोध का प्रदर्शन भी किया गया है। आईआईटी अहमदाबाद के शोधकर्ता मालवाहक और यात्री ड्रोन को बनाने की दिशा में काम कर रहे। उनका दावा है कि लोग ड्रोन में बैठकर यात्रा भी कर सकेंगे। यात्रा के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए सुरक्षा पर काम चल रहा है।


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