भारतीय कुश्ती में चल रहा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा. कुछ दिनों पहले साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लिया था, तो वहीं बजरंग पुनिया ने पद्म श्री अवॉर्ड लौटाया था. अब इस कड़ी में विनेश फोगाट ने भी बड़ा फैसला लिया है और शनिवार को उन्होंने खेल रत्न पुरुस्कार और अर्जुन पुरस्कार लौटा दिया है. इस खबर के सामने आने के बाद एक बार फिर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. आपको बता दें, विनेश अपने मेडल्स लौटाने के लिए कर्तव्य पथ पर पहुंचीं, लेकिन वहां किन्हीं कारणों के चलते वह आगे नहीं बढ़ सकीं, तो उन्होंने अपने मेडल्स कर्तव्य पथ पर ही छोड़ दिए और वहां से चली गईं.

सोशल मीडिया पर लिखा पत्र

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने कई इंटरनेशनल कॉम्पटीशंस में मेडल्स जीते और दुनियाभर में भारत की इस बेटी ने देश का नाम रौशन किया. मगर, आज वह काफी आहत हैं और उन्होंने पद्मश्री अवॉर्ड और अर्जुन अवॉर्ड को लौटाने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले बजरंग पुनिया भी पद्मश्री अवॉर्ड लौटा चुके हैं. विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पत्र शेयर किया है, जिसमें उन्होंने मेडल्स लौटाने की वजह बताते हुए लिखा- “मुझे ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित गया था, लेकिन अब इन अवॉर्ड्स का मेरी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है. हर महिला सम्मान के साथ समाज में जीना चाहती है. इसलिए प्रधानमंत्री सर, मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस करना चाहती हूं, ताकि सम्मान से जीने की राह में ये हमारे लिए बोझ की तरह न रहें

आपको बता दें, पहले हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में विनेश फोगाट ने पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर दिया था. याद हो उसी कॉन्फ्रेंस में साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान भी किया था.

कब-कब जीते थे अवॉर्ड्स?

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को 3 साल पहले 2020 में खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इससे पहले उन्हें 2016 में अर्जुन पुरस्कार से भी नवाजा गया था. विनेश से पहले ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पुनिया और डेफलंपिक्स के चैंपियन वीरेंदर सिंह यादव भी अपने-अपने पद्मश्री पुरस्कार वापस लौटा चुके हैं.

क्या है पूरा विवाद?

विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे भारतीय पहलवानों की ओर से पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किए जाने के आरोप लगाए गए हैं. इस मामले के बढ़ने के बाद बृजभूषण सिंह ने अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. मगर, इसके बाद हुए चुनाव में भी उनके करीबी संजय सिंह को ही नया अध्यक्ष बनाया गया, जिसके कारण पहलवानों का गुस्सा और बढ़ गया. हालांकि, पहलवानों द्वारा उठाए गए कदमों के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ को सस्पैंड कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को कुश्ती के संचालन के लिए एक टैम्परेरी पैनल का गठन करने के लिए कहा गया.


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