हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से हुई मौतों में अमेरिका के बाद, 1895 मौतों के साथ स्पेन, फिर इटली 1822 मौतें, बेल्जियम 240 मौतें, फ्रांस 199 मौतें और 95 मौतों के साथ तुर्की का नाम शामिल है।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ), ये मलेरिया की वो दवा है, जिसकी मांग कोरोना काल में काफी बढ़ गई थी. खुद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकों को इसके इस्तेमाल की सलाह दी थी. हालांकि अब इसे लेकर एक बहुत बड़ा और डराने वाला खुलासा हुआ है. फ्रांसीसी रिसचर्स के एक अध्ययन में मालूम चला है कि, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से 6 देशों में करीब 17,000 लोगों की मौत दर्ज की गई है. इनमे सबसे ऊपर 12,739 मौतों के साथ अमेरिका का नाम है…
गौरतलब है कि, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से हुई मौतों में अमेरिका के बाद, 1895 मौतों के साथ स्पेन, फिर इटली 1822 मौतें, बेल्जियम 240 मौतें, फ्रांस 199 मौतें और 95 मौतों के साथ तुर्की का नाम शामिल है।
हैरत की बात तो ये है कि, ये बस एक अनुमानित आंकड़ें हैं.. रिसचर्स का कहना है कि असल मौतों की संख्या इससे भी कई अधिक हो सकती है. उन्होंने जानकारी दी है कि, ये अध्ययन मार्च 2020 से जुलाई 2020 तक किया गया था, जिसमें केवल 6 देशों को शामिल किया गया था।
ये रहा मौत का कारण
मालूम हो कि, इस खौफनाक रिसर्च में 6 देशों के जिन 17,000 लोगों की मौत की पुष्टी हुई है, उनमें हृदय गति में निरंतरता की कमी, मांसपेशियों की कमजोरी जैसे सामान्य वजहों का खुलासा हुआ है. बता दें कि इस अध्ययन के तहत, अमेरिका, तुर्की, फ्रांस, बेल्जियम, स्पेन और इटली में कोरोना से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और उनके दवा के इस्तेमाल के आधार पर नजर रखी गई।
Discover more from The Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts to your email.