पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षा विभाग के साथ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सहित अधिकारियों की सोमवार को पांच घंटे बैठक हुई। बैठक के दौरान कुलपतियों ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के खाता संचालन पर रोक तो हटा ली है, लेकिन राशि नहीं भेजने के कारण शिक्षकों व कर्मियों को वेतन व पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जनवरी से अप्रैल तक के वेतन और पेंशन भुगतान लंबित हैं।

आठ जनवरी के बाद यह पहली बैठक थी, जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विश्वविद्यालयों के कुलपति सहित सभी शीर्ष अधिकारी आमने-सामने हुए। बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक के बैठक में नहीं आने पर कुलपतियों ने आपत्ति जताई। इस पर शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने बताया कि स्वस्थ्य कारणों से वे बैठक में नहीं आ सके। शिक्षा सचिव ने शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया। विवि की ओर से कहा गया कि अतिथि शिक्षकों के सेवा छोड़ कर चले जाने से शिक्षण कार्य पर असर पड़ रहा है। ऐसे में अतिथि शिक्षकों के नियुक्ति का अधिकर कुलपति को देने की मांग की गई। शिक्षा विभाग ने अब अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति एजेंसी से करने का प्रावधान कर दिया है। अतिथि शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने की भी बात विवि की ओर से रखा गया। डिजिटल लाइब्रेरी के लिए संसाधनों के लिए कमेटी गठन और नियमित पुस्तकालय अध्यक्षों की आवश्यकता जताई गई। विवि में दूरस्थ शिक्षा की समस्या दूर करने का भी मामला उठा। विश्वविद्यालयों में पर्यटन सहित रोजगारपरक कोर्स संचालन के लिए सुझाव दिए गए। बैठक में शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव, विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी, उप निदेशक दीपक कुमार सिंह और दिवेश चौधरी मौजूद थे।

इन एजेंडों पर चर्चा

वित्तीय नियमावली, वित्तीय नियम कानून, सकल नामांकन अनुपात, कोर्ट से जुड़े मामले, एकेडमिक कैलेंडर, परीक्षा और रिजल्ट प्रकाशन, वार्षिक बजट, विवि में आंतरिक स्रोत की राशि की उपलब्धता, समयबद्ध तरीके से राशि का महत्तम उपयोग और शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के कार्यों को सुगम बनाना।


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