जीवन के एक पल का ठिकाना नहीं इसलिए युवावस्था में ही करें अध्यात्म- कथा वाचिका जया किशोरी
भागलपुर गौशाला परिसर में गुरु सेवा समिति की ओर से आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के दौरान देश की प्रसिद्ध कथा वाचिका जया किशोरी ने कहा कि मनुष्य को अपने अध्यात्म और आत्म कल्याण का पुरुषार्थ युवावस्था में ही कर लेना चाहिए ,क्योंकि बुढ़ापे में तो उसका शरीर भी साथ नहीं देता है |
कथा वाचिका ने कहा कि जीवन के सुनहरे कल यानी यौवन में अधिकांश लोग अध्यात्म को गैर जरूरी और अस्वीकार्य मानते हैं लेकिन .जीवन के एक पल का ठिकाना नहीं है, इसलिए बुढ़ापे को नहीं देखे ,युवा अवस्था में ही अध्यात्म करें ,जैसे मंदिर में हर दिन ताजा फूल चढ़ाते हैं सुखा फुल नहीं ,वैसे ही युवा अवस्था में किया गया अध्यात्म आपको भी बेहतर रखता है|
जया किशोरी के द्वारा कथा वाचन के दौरान किये भजन की आकर्षक प्रस्तुति कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं को झूमनेे लिए मजबूर करते दिखी| इस दौरान कथा स्थल पर कथा श्रवण करने आए लोगों की भारी भीड़ देखी गई |
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