बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर चिराग पासवान को नसीहत दी है। तेजस्वी ने कहा है कि चिराग पासवान को कुछ भी बोलने से पहले अपने पापा के भाषण को सुनना चाहिए कि उनके क्या विचार थे और वह कितने बड़े जननेता थे। रामविलास जी गरीबों के नेता थे और हमारे आदरणीय थे। उन्होंने हमेशा सच को सच ही कहा है। तो चिराग को उनके पुराने भाषण को सुनकर कुछ सीखना चाहिए।

तेजस्वी ने कहा कि मोदी के रहते आरक्षण मजबूत हुआ है, यह बातें चिराग पासवान कहते हैं, जो खुद एक संपन्न दलित हैं। उनको इसके बारे में कुछ सोचना चाहिए। मोदी जी ने चिराग पासवान के साथ जो भी किया, वह उन्हें भी याद रखना चाहिए। मोदी सरकार ने चिराग पासवान के पिता जी की मूर्ति को फेंकवाया और उनके घर को खाली करवाया। उनकी पार्टी का जो सिंबल बंगला था, उसको छीनने का काम किया है। इतना ही नहीं, घर में चाचा-भतीजे में लड़ाई भी लगवाई। इसके बाद भी चिराग पासवान मोदी जी के हनुमान बने हुए हैं, तो उनके बारे में क्या कहा जा सकता है?

इसके आगे तेजस्वी ने कहा कि कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति होता तो मोदी जी के साथ नहीं रहता। लेकिन पता नहीं चिराग पासवान को क्या हो गया है ? हालांकि चिराग पासवान जी स्वतंत्र हैं। वह किसी के साथ भी रह सकते हैं। लेकिन मेरा तो यही मानना है कि अभी आरक्षण के बारे में चिराग पासवान को पूरी जानकारी नहीं है। न ही आरक्षण के इतिहास की ही उनको कोई जानकारी है।

चिराग पासवान को चाहिए कि वह आरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त करें। उन्हें जानकारी तभी प्राप्त हो सकती है जब वह अपने पिता रामविलास जी, जो हम सभी के नेता थे, उनके भाषणों को सुनेंगे। उनको अपने पिता के भाषण को सुनना और समझना चाहिए। मोदी जी हैं तो लोकतंत्र और संविधान पर खतरा है। इसलिए आंख बंद करके नहीं रहना चाहिए, आंख खोल कर रहना चाहिए।


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