भागलपुर के पीरपैंती में अब 2400 मेगावाट का बिजली घर बनेगा। कोल इंडिया के सहयोग से पीरपैंती में ताप विद्युत केंद्र (थर्मल पावर केंद्र) की स्थापना होगी। बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने इस बाबत कोयला मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वे इस परियोजना को अविलंब मंजूर करे।

अपने पत्र में सीएमडी ने पीरपैंती में अधिग्रहित 1020.60 एकड़ भूमि का जिक्र करते हुए कहा है कि कोल इंडिया के सहयोग से ताप विद्युत संस्थान की स्थापना की जा सकती है। कोल इंडिया द्वारा प्रस्तावित योजना के अनुकूल अधिग्रहित भूमि पर मिलकर संयुक्त उपक्रम बनाने की प्रक्रिया में दोनों की भागीदारी होगी। पहले पीरपैंती में 800 मेगावाट की दो यूनिट का निर्माण करने पर बात चली थी। बाद में तय हुआ कि 660 मेगावाट की तीन यूनिट का निर्माण होगा। लेकिन जमीन की उपलब्धता और पीरपैंती से सटे कोयला ब्लॉक मौजूद रहने के कारण बिहार सरकार ने 800 मेगावाट की तीन यूनिट यानी 2400 मेगावाट की क्षमता का बिजली घर बनाने का आग्रह किया है। इसको लेकर सीएमडी ने बीते दिनों कोल इंडिया के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी।

इसके बाद ही इस परियोजना पर सहमति बनी। उस मुलाकात में कोल इंडिया के प्रतिनिधियों ने इस अधिग्रहित भूखंड पर कोयला आधारित विद्युत ताप केंद्र स्थापित करने इच्छा जताई थी। चूंकि पीरपैंती के राजमहल में कोयले का भंडार है। इसलिए इसका उपयोग बिजली के क्षेत्र में किया जाएगा। इस परियोजना के निर्माण के साथ-साथ संचालन में भी कोल इंडिया और बिहार सरकार की भागीदारी होगी। गौरतलब है कि पीरपैंती में अधिग्रहित 1020.60 एकड़ भूमि की कीमत 2000 करोड़ है। इस परियोजना को साकार होने में लगभग 20 हजार करोड़ का खर्च आएगा।

पीरपैंती में 2400 मेगावाट क्षमता का कोयला आधारित विद्युत संयत्र केंद्र की स्थापना करने की योजना है। इस प्रोजेक्ट के लगने के बिहार की भविष्य की जरुरतों को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही पीरपैंती से सटे इलाकों का विकास भी होगा। -बिजेन्द्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार


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