पहले तो निजी नर्सिंग होम के डॉक्टर ने सात माह की गर्भवती का गर्भपात कर हजारों का बिल बनाया। बाद में महिला की हालत बिगड़ी तो उसे फिर से अपने निजी अस्पताल में भर्ती करके डॉक्टर ने खूब पैसा बनाया। जब महिला की हालत बिगड़ी तो उसे परिजनों को बताए बगैर मायागंज अस्पताल में भर्ती करा दिया। आईसीयू में इलाज के दौरान महिला की बुधवार की शाम में मौत हो गई।

मार्च में किया था गर्भपात घोघा क्षेत्र के ओलपुर की रहने वाली कृष्णा ठाकुर की पत्नी खुश्बू देवी सात माह की गर्भवती थी। मार्च में वह इलाज कराने के लिए बौंसी रोड अलीगंज स्थित राधा कृष्णा ठाकुर बाड़ी के सामने स्थित एक निजी मैटरनिटी सेंटर में गई थी। जहां डॉक्टर ने गर्भस्थ शिशु को मृत बताकर खुशबू का गर्भपात कर दिया और हजारों रुपये वसूल लिए। खुशबू के पिता लक्ष्मी ठाकुर ने बताया कि गर्भपात होने के 15 दिन बाद ही उसके पेट में दर्द होने लगा। उसे अलीगंज वाले अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने जांच कर बताया कि बेटी के पेट में जख्म हो गया है, इसकी सफाई करनी होगी।

रविवार को सफाई की गई तो रात में उसकी तबीयत और बिगड़ गई। बकौल लक्ष्मी ठाकुर, डॉक्टर ने बताए बिना ही मायागंज अस्पताल भेज भर्ती करा दिया। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि डॉक्टर साहेब खुद ही मायागंज अस्पताल के सर्जरी विभाग में डॉक्टर हैं, वे खुद ही इलाज करेंगे। साथ ही बेटी की देखभाल के लिए एक कंपाउंडर लगा दिया है। लेकिन बुधवार की शाम खुशबू की मौत हो गई।


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