झारखंड भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज एनडीए की महत्वपूर्ण बैठक हो रही थी. बैठक के दौरान ही प्रदेश कार्यालय के बाहर चतरा के भाजपा नेता राजधानी यादव के समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया. समर्थकों ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी कालीचरण सिंह के नाम को बदलने की मांग को लेकर नारेबाजी की।

भाजपा नेता राजधानी यादव के समर्थकों ने कहा कि चतरा लोकसभा सीट से राजधानी यादव भी बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं. आपको बता दें कि भाजपा ने चतरा में इस बार मौजूदा सांसद सुनील सिंह को टिकट न देकर कालीचरण सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. कालीचरण के नाम की घोषणा के साथ ही राजधानी यादव विरोध में उतर गये थे. वे पिछले दिनों भाजपा प्रदेश कार्यालय रांची के बाहर दिन भर धरने पर बैठे. राजधानी यादव के समर्थकों का कहना है कि 2 साल पहले ही कालीचरण सिंह भाजपा में शामिल हुए हैं और उन्हें उम्मीदवार बना दिया गया. वहीं राजधानी यादव पिछले 40 वर्षों से भाजपा में सेवा दे रहे हैं।

हालांकि बैठक समाप्त होने के उपरांत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई एवं आजसु सुप्रीमो सुदेश महतो के द्वारा साझा प्रेस वार्ता किया. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 14 लोकसभा सीट पर हमारी जीत की कार्य योजना बनी है. उन्होंने कहा कि पिछली बार हमने 12 सीट जीती थी. इस बार 14 सीट जीतेंगे।

वहीं झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कशिश न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि बैठक महत्वपूर्ण थी. उन्होंने कहा कि कहीं से कोई विरोध नहीं होगा. यह नेचुरल सी बात है कि जहां से चार उम्मीदवार होते हैं और एक को टिकट मिलता है तो ऐसे में विरोध होता है. लेकिन सारी सहमति बन चुकी है. कहीं से कोई विरोध नहीं है।

भाजपा नेता राजधानी यादव ने कशिश न्यूज़ से बात करते हुए अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि मैं पिछले 40 वर्षों से भाजपा के साथ रहा हूं. और आने वाले दिनों में भी मोदी सरकार के विचारधारा के साथ चलते रहेंगे. हमें 2014 में ही उम्मीद थी कि हम पर पार्टी भरोसा जताएगी लेकिन यह आश्वासन मिला था. 2019 में भी सिर्फ आश्वासन मिला. अब 2024 में भी टिकट वैसे नेता को दे दिया गया है जो 2 वर्ष पहले भाजपा में आए हैं. उन्हें क्षेत्र की जनता जानती तक नहीं है. हमने विधानसभा में हुए चुनाव में जीत दर्ज कराई थी. जो भी भाजपा से प्रत्याशी रहे थे. उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि केंद्रीय नेतृत्व कुछ ना कुछ विचार अवश्य करेगी।