मालदीव ने अपनी सरकार के मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई कर लाखों डॉलर के नुकसान को बचाने की कोशिश की है। इस देश की अर्थव्यवस्था में 30 प्रतिशत पैसा टूरिज्म से आता है।

भारत के पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा मालदीव के लिए चिंता का विषय बन गया है. इस मामले पर मालदीव के पूर्व मंत्री ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं पर सवाल उठाया. इसके बाद फिर क्या था दोनों देश के लोग सोशल मीडिया पर आमने सामने आ गए. वही अब इसपर कई भारतीय नागरिकों ने मालदीव की यात्रा कैंसिल कर दी. एक जानकारी के अनुसार मालदीव की अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर निर्भर हैं. ये कुल जीडीपी में 30 प्रतिशत का योगदान देता है. हालांकि इस विवाद की पटकथा काफी समय पहले ही लिख दी गई थी।

देश में टूरिज्म बढ़ेगा

कहा जा रहा है कि पीएम मोदी का लक्षद्वीप दौरा मालदीव को समझाने के लिए की गई है. पीएम मोदी ने यहां 1200 करोड़ से अधिक की सौगात लोगों को दी है. इससे लक्षद्वीप के विकास में रफ्तार मिलेगी. लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह वाला क्षेत्र है. यहां नीला समुंद्र, खूबसूरत किनारे, अपनी ओर ध्यान खीचने के लिए काफी है. मालदीव भारत के काफी पास है. लाखों भारतीय इस देश में छुट्टियां मनाने हर साल जाते हैं. इससे मालदीव को लाखों डॉलर मिलता है. अगर भारतीय इस देश को नकार देते हैं तो इससे मालदीव को करोड़ों का नुकसान होगा. वहीं अगर भारतीय लक्षदीप जाते हैं इससे विदेशी मुद्रा बचेगा. इससे लोकल फोर वोकल को जोर मिलेगा. इसके साथ ही यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा।

नए राष्ट्रपति प्रो चाइना

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू को चीन का सर्मथक माना जाता है. राष्ट्रपति चुनाव के कैंम्पेन के दौरान मोहम्मद मोइज्जू ने कहा था कि अगर वो राष्ट्रपति बनते हैं तो भारतीय सेना को देश से बाहर कर देंगे. भारतीय सेना मालदीव में सुरक्षा कारणों की वजह से तैनात है. भारतीय सेना कई बार मालदीव को बाहरी दुश्मनों से बचाने के लिए सुरक्षा प्रदान करती है. राष्ट्रपति मोइज्जू ने शपथ लेने के बाद ही अपने चुनावी वादे के भारतीय सेना को देश छोड़ने को कहा. भारतीय सेना ने मालदीव से अपने सैनिकों को हटा ली।

विदेश नीति में बदलाव

नई सरकार ने विदेश नीति में काफी बड़ा बदलाव किया है. जैसा कि बता चूके हैं कि राष्ट्रपति मोइज्जू प्रो चाइना है. मालदीव में परंपरा कि कोई भी नया राष्ट्रपति शपथ ले चाहे किसी भी पार्टी से हो पहली विदेश यात्रा भारत की करता है. लेकिन मोहम्मद मोइज्जू ने ऐसा नहीं किया. सबसे शपथ लेने के बाद सबसे पहले वो तुर्किए के दौरे पर गए. इसके बाद वो इसी महीने चीन की यात्रा पर जाने वाले है जो 9 से लेकर 12 जनवरी तक प्रस्तावित है. वहीं भारत की यात्रा कब करेंगे इस बात की कोई जानकारी नहीं है।

मालदीव ने मानी गलती

सोशल मीडिया पर मालदीव के खिलाफ विरोध की मानों बाढ़ आ गई. लोगों ने वहां के नेताओं के बयान का विरोध किया और मालदीव न जाने की बात करने लगे. वहीं इस मामले पर हजारों लोगों ने अपनी ट्रिप कैंसिल कर दी. अगर भारतीय मालदीव की यात्रा नहीं करते हैं तो इससे उसे काफी नुकसान होगा. इस घटना के बाद मालदीव को अपनी गलती का एहसास हुआ. इसके बाद वहां की सरकार ने माफी मांगते हुए बयान जारी स्पष्टीकरण दे दिया. इसके अलावा तीन मंत्रियों को इस मामले में कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है।

आनेवाले दिन चुनौतीपूर्ण

फिलहाल ये मामला शांत हो गया है. जिस तरह की सोच नई सरकार की है उससे ये लेकिन माना जा रहा है कि आनेवाले समय में भारत और मालदीव के बीच काफी कुछ देखने को मिलेगा. आने वाले समय में मालदीव की ओर से भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की जाएगी. लेकिन दोनों देश के लोगों के बीच के रिश्ते काफी गहरे हैं. ये रिश्ते किसी एक गलत नीति वाली सरकार आने से नहीं खत्म हो जाएगा।


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