उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए इस बार 11 उम्मीदवार मैदान में हैं।इस क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने 8 तो समाजवादी पार्टी ने 3 उम्मीदवार खड़े किए हैं।
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए इस बार 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने 8 तो समाजवादी पार्टी ने 3 उम्मीदवार खड़े किए हैं. मौजूदा राजनीतिक कैलकुलेशन के हिसाब से बीजेपी के 7 और सपा को 3 उम्मीदवार तो आसानी से राज्यसभा में जा सकते हैं, लेकिन एक बीजेपी के आठवें उम्मीदवार की नैया क्रॉस वोटिंग के सहारे ही पार लग सकती है. यही वजह है कि बीजेपी और सपा ने अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरे जोर लगा दिए हैं. ऐसे में दोनों ही दलों के लिए एक-एक वोट (विधायक) बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।
जोड़तोड़ की इस राजनीति में दोनों ही दलों की नजरें इस समय जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ( जेडीएल ) पर टिकी हैं. जेडीएल की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने पार्टी प्रमुख और प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से उनके आवास पर मुलाकात की. तो इससे पहले बीजेपी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी राजा भैया से मिले थे. ऐसे में दोनों ही दलों के नेता राज भैया को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रहे थे. इस बीच जेडीएल के रुख को लेकर लगाई जा रही अटलों को साफ करते हुए राजा भैया दो टूक कह दिया है कि राज्यसभा में उनका वोट बीजेपी को ही जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके पास सपा के भी नेता आए थे, लेकिन उनकी पार्टी का वोट बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में ही जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ठाकुर वोट बीजेपी के काफी करीबी हैं. इसके अलावा राज भैया को विधानसभा और बाहर कई मौके पर योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ करते हुए देखा गया था. हाल ही में उन्होंने यूपी बजट के लिए भी विधानसभा में बीजेपी का समर्थन किया था. ऐसे में पहले से ही माना जा रहा था कि बीजेपी को ही राज भैया का साथ मिलेगा. बीजेपी उम्मीदवारों को राजा भैया का समर्थन मिलने की बात पर तब अंतिम मुहर लग गई थी जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद उनसे मुलाकात कर राज्यसभा चुनाव के लिए समर्थन मांगा था।
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