शिक्षा विभाग ने सभी 13 विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर डेढ़ माह से लगी रोक हटा ली है। साथ ही विश्वविद्यालय पदाधिकारियों के बंद वेतन को फिर से चालू करने को कहा है। इसके साथ ही 15 हजार विश्वविद्यालय कर्मियों और शिक्षकों को वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। बीते तीन माह से इनका वेतन बंद था।
शनिवार को शिक्षा सचिव वैद्यनाथ यादव ने सूबे के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। शिक्षा सचिव ने बैंक प्रबंधन को भी पत्र लिखकर सरकार के फैसले की जानकारी दे दी है। पटना हाईकोर्ट के निर्देश के बाद विभाग ने यह कदम उठाया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने विभागीय बैठक में कुलपतियों के नहीं आने के बाद नाराजगी प्रकट करते हुए 28 फरवरी को सभी विश्वविद्यालयों के खातों पर से रोक लगा दी थी। साथ ही कुलपतियों-प्रति कुलपतियों व अन्य पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सशर्त कुछ छूट दी गयी और कुलपतियों की बैठक फिर से बुलायी गयी। लेकिन वे बैठक में फिर नहीं आए। इसके बाद विभाग ने 15 मार्च को फिर से बैंक खातों पर फिर से पूर्णत रोक लगी दी। इसके बाद से विश्वविद्यालयों के बैंक खाते पर रोक है और विश्वविद्यालयकर्मियों के वेतन भी बंद हैं।इधर, विभाग ने छह मई को विश्वविद्यालयों के अफसरों की बैठक बुलाई है।
हाईकोर्ट ने तीन मई को पारित किया था आदेश
तीन मई को सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने मगध विश्वविद्यालय बनाम राज्य सरकार व अन्य के तहत तत्काल बैंक खातों पर लगी रोक हटाने और वेतन चालू करने का आदेश पारित किया था। इसके बाद शुक्रवार को ही विभाग में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें बैंक खातों से रोक हटाने का निर्णय लिया गया
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