प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जूनागढ़ में ‘आई श्री सोनल मां’ के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित किया।इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सोनल मां आधूनिक युग के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जूनागढ़ में ‘आई श्री सोनल मां’ के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंंत्री ने कहा कि सोनल मां आधूनिक युग के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह थी… सोनल मा का पूरा जीवन जन कल्याण के लिए समर्पित रहा…” मढ़राधाम, चारण समाज के लिए श्रद्धा का केंद्र है, शक्ति का केंद्र है, संस्कार-परंपरा का केंद्र है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं आई श्री सोनल मां के श्री चरणों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता हूं, उन्हें प्रणाम करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि सौराष्ट्र की इस सनातन संत परंपरा में श्री सोनल मां आधुनिक युग के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह थीं. उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा, उनकी मानवीय शिक्षाएं, उनकी तपस्या… इससे उनके व्यक्तित्व में एक अद्भुत दैवीय आकर्षण पैदा होता था. जिसकी अनुभूति आज भी जूनागढ़ और मढ़रा के सोनलधाम में की जा सकती है. श्री सोनल मां ने समाज में शिक्षा के लिए अद्भुत काम किया. उन्होंने, व्यसन और नशे के अंधकार से समाज को निकाल कर नई रोशनी दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सोनल मां, समाज को कुरीतियों से बचाने के लिए निरंतर काम करती रहीं. श्री सोनल मां देश की एकता और अखंडता की एक मजबूत प्रहरी थीं. भारत विभाजन के समय जब जूनागढ़ को तोड़ने की साजिशें चल रही थीं, तो उसके खिलाफ श्री सोनल मां, चंडी की तरह उठ खड़ी हुई थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सोनल मां ने समाज में शिक्षा के लिए अद्भुत काम किया. उन्होंने, व्यसन और नशे के अंधकार से समाज को निकाल कर नई रोशनी दी. सोनल मां, समाज को कुरीतियों से बचाने के लिए निरंतर काम करती रहीं।”


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