दूरसंचार विभाग देशभर में स्पैम कॉल और एसएमएस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस योजना तैयार करने में लगा है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित डिजिटल सहमति मंच (डीसीए) से दूरसंचार कंपनियों को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा। साथ ही चक्षु पोर्टल को अपडेट किया जाएगा।

गौरतलब है कि ट्राई ने स्पैम और बड़ी मात्रा में होने वाले टेली कॉलिंग पर अंकुश के लिए इस डीसीए मंच को लागू करने का निर्देश दिया था। डीसीए किसी कंपनी या कारोबार से वाणिज्यिक कॉल या एसएमएस प्राप्त करने के लिए ग्राहकों द्वारा दी गई सहमति प्राप्त करने, उसे बनाएरखने और रद्द करने के लिए एक एकीकृत मंच है। इसे इसलिए लाया गया है ताकि उपभोक्ता के पास यह नियंत्रण रहे कि कौन उसे संदेश भेज सकता है और कौन नहीं। हालांकि, उपभोक्ताओं को अब तक इसका फायदा नहीं मिल पाया है।

नई समिति बनेगी

अब इस मामले में दूरसंचार विभाग द्वारा एक नई समिति बनाए जाने की उम्मीद है ताकि बेहतर समन्वय हो सके। इस समिति में दूरसंचार विभाग, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को शामिल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह समिति इंटरनेट से होने वाले फोन कॉल और व्हाट्सऐप के लिए प्रारूप दिशानिर्देश तैयार करने पर काम करेगी। इसमें दूरसंचार ऑपरेटरों को भी शामिल किया जा सकता है।

यहां होती है दिक्कत

कंपनियां या व्यवसाय किसी टेलीमार्केटर से थोक में भेजे जाने वाले एसएमएस खरीद लेते हैं और उनके जरिए ग्राहकों या आम लोगों को संदेश भेजते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि एक्सेस प्रोवाइडर जैसे दूरसंचार सेवा प्रदाता सहमति की सत्यता की जांच नहीं कर पाते।

चक्षु पोर्टल अपडेट होगा

चक्षु पोर्टल के जरिए लोगों को यह सुविधा मिलती है कि वे फर्जी संचार की आशंका वाले फोन कॉल या एसएमएस के मोबाइल नंबर या व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया से मिले ऐसे संचार के बारे में शिकायत दर्ज करा सकें। लेकिन यह आशंका भी जताई गई है कि अवांछित तत्व इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। इससे बचने के लिए पोर्टल को लगातार अपडेट करने की तैयारी है ताकि न सिर्फ जालसाजी पर बल्कि कुछ नंबरों से आने वाले बड़े मात्रा के स्पैम पर भी निगरानी सख्त की जा सके।


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