इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी स्वयंभू विश्वेश्वर नाथ मंदिर के स्वामित्व को लेकर दाखिल मुस्लिम पक्ष की सभी पांचों याचिकाएं खारिज कर दीं। साथ ही वाराणसी जिला अदालत में इस विवाद को लेकर चल रहे दीवानी मुकदमों को छह माह में निस्तारित करने का निर्देश दिया है।

यह निर्णय न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मंगलवार को दिया है। कोर्ट ने गत आठ दिसंबर को पांचों याचिकाओं पर सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था।

एएसआई सर्वे को चुनौती देने याचिका भी खारिज मंगलवार को पारित निर्णय में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका को भी खारिज करते हुए कहा कि एएसआई सर्वे कर चुकी है, इसलिए इसे चुनौती नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने एएसआई को रिपोर्ट जिला न्यायालय में पेश करने और जरूरत होने पर आगे भी सर्वे करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की कोर्ट में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और हिंदू पक्ष की ओर से दलीलें पेश की गईं। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद गत आठ दिसंबर को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। हाईकोर्ट में दाखिल पांच याचिकाओं में से तीन याचिकाएं 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता से जुड़ी थीं।

1991 में दाखिल हुआ था मुकदमा यह मुकदमा 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किया गया था। 1991 के इस मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंप जाने और वहां पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी। दो अन्य याचिकाएं एएसआई के सर्वे के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई हैं। गौरतलब है कि इन याचिकाओं पर एक पीठ ने पहले भी निर्णय सुरक्षित किया था। उसके बाद मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में सुनवाई हुई। इस पीठ के समक्ष फिर से याचिकाओं पर सुनवाई हुई।

मुकदमा उपासना स्थल अधिनियम 1991 से बाधित नहीं

ज्ञानवापी स्वयंभू विश्वेश्वर नाथ मंदिर के स्वामित्व विवाद को लेकर महत्वपूर्ण फैसले में हाईकोर्ट ने जिला अदालत में चल रहे दीवानी मुकदमे को पोषणीय (सुनवाई योग्य) माना है। कोर्ट ने कहा कि यह मुकदमा उपासना स्थल अधिनियम 1991 से बाधित नहीं है। कहा कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 में धार्मिक चरित्र परिभाषित नहीं किया गया है।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.