लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के लोगों को एक बड़ा तोहफा दिया है. बताया जाता है कि बिहार के गंडक नदी पर 10.5 किलोमीटर लंबा पुल बनने का रास्ता साफ हो गया है. बताया जाता है कि केंद्र की मोदी सरकार ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है. पुल के निर्माण पर लगभग ₹360000000 खर्च किए जाएंगे. वहीं जानकारों का कहना है इस पुल के निर्माण के बाद बिहार के बेतिया से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की दूरी लगभग 30 किलोमीटर घट जाएगी. बताया जाता है कि इस पुल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने जमीन अधिग्रहण हेतु 218 करोड रुपए जारी कर दिए हैं।

बिहार में गंडक नदी पर 10वां पुल बनेगा। नेपाल बोर्डर पर बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के भैंसालोटन से चलकर सारण जिले के सोनपुर में गंडक नदी गंगा नदी में मिलती है। गंडक नदी के इस 260 किलोमीटर की दूरी में ये 10वां पुल होगा। केन्द्र ने पुल बनाने की मंजूरी देते हुए जमीन अधिग्रहण के लिये 218 करोड़ रुपए जारी कर दिया है। वैसे पुल के निर्माण पर 3600 करोड़ खर्च होंगे। पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन को जमीन अधिग्रहण करना है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को पुल निर्माण की जिम्मेवारी दी गई है। दरअसल पुल निगम उसी जिले में धनहा-रतवल के बीच गौतम बुद्ध पुल का सफल निर्माण कर चुका हैं।

पश्चिम चंपारण जिले में बिहार के मनुआपुल से यूपी के पिपराघाट के बीच ये पुल बनेगा। एनएच-727एए पर गंडक नदी के दो धारा के बीच पुल की लंबाई होगी 10.5 किलोमीटर होेगी। हालांकि पुल और एप्रोच दोनों मिलाकर इस परियोजना की कुल लंबाई 26.5 किलोमीटर है। इसमें बिहार में 21 किलोमीटर तो यूपी के 6 किलोमीटर हिस्से में निर्माण होगा। इस पुल के बन जाने से बिहार के बेतिया से यूपी के कुशीनगर की दूरी 73 किलोमीटर रह जाएगी। अभी गौतम बुद्ध सेतु (धनहा-रतवल) या गोपालगंज (जादोपुुर) पुल होते हुए बेतिया-कुशीनगर का दूरी करीब 103 किलोमीटर है।

बिहार में गंडक नदी पर नीतीश सरकार के पहले बने 3 पुल

  1. गोपालगंज-पूर्वी चंपारण जिले में डुमरियाघाट पुल

  2. सारण-वैशाली जिले में रेवाघाट पुल

  3. सारण-वैशाली जिले में सोनपुर रेल सह सड़क पुल और बगल में सड़क पुल


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