हरियाणा का एक मजदूर उस समय चौंक गया जब उसके बैंक खाते में 200 करोड़ रुपए आ गए. पैसे बैंक खाते में आने की जानकारी मिली तो जहां श्रमिक के होश उड़ गए वहीं पूरा परिवार भी अचंभित है कि किसने और क्यों इतनी राशि डाली है. पुलिस जब श्रमिक के गांव में पहुंची तो उनको बैंक खाते में पैसे आने की जानकारी मिली. हालांकि पूरा परिवार भय के साये में है और फ्रॉड का अंदेशा जताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है. इस संबंध में जहां श्रमिक ने पीएम, सीएम, डीजीपी सहित पुलिस के आला अधिकारियों को ट्वीट कर जानकारी दी तो वहीं आनलाइन एफआईआर करते हुए पुलिस अधिकारियों को मेल पर भेजी है।

200 करोड़ रुपए की राशि

दरअसल, घटना हरियाणा के दादरी जिला स्थित गांव बेरला के निवासी श्रमिक विक्रम से संबंधित है. उसने और उसके चचेरे भाई प्रदीप ने ग्रामीणों के समक्ष विक्रम के बैंक खाते में 200 करोड़ रुपए की राशि आने का दावा किया तो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया. श्रमिक विक्रम व परिजनों ने यह भी दावा किया कि यूपी पुलिस ने उनके घर दबिश देते हुए विक्रम के यस बैंक खाते में 200 करोड़ रुपए जमा होने की जानकारी देते हुए पूछताछ भी की है. युवक विक्रम के भाई प्रदीप और मां बीना देवी के अनुसार जिस खाते में रकम आई है वो यस बैंक का है और इस राशि को होल्ड किया गया है।

दो माह पहले नौकरी करने गया

परिजनों को इसकी जानकारी नहीं है कि ये राशि किसने और क्यों डाली है. खास बात ये है कि ये राशि डालने के लिए जितनी भी ट्रांजेक्शन हुई हैं उन ट्रांजेक्शन की राशि के सभी अंक 9 ही हैं, जो अचरज की बात है. बेरला निवासी विक्रम आठवीं पास है और दो माह पहले नौकरी करने पटौदी क्षेत्र में गया था. वहां उसने एक्सप्रेस-20 नामक कंपनी में बतौर श्रमिक ज्वाइन किया था. विक्रम के भाई प्रदीप के अनुसार खाता खुलवाने के लिए विक्रम से दस्तावेज लिए गए और बाद में उसका खाता रद्द होने की बात कहकर उसे नौकरी से निकाल दिया गया।

200 करोड़ रुपए की ट्रांजेक्शन

विक्रम ने करीब 17 दिन काम किया और यूपी पुलिस आने के बाद बैंक में जानकारी ली तो पता चला कि विक्रम के खाते में 200 करोड़ रुपए की ट्रांजेक्शन हुई है. यह उनके साथ फ्राड किया है, ऐसे में उनके परिवार भय के साये में है. उन्होंने इस बारे पीएम, सीएम सहित पुलिस के आला अधिकारियों को ट्वीट करते हुए ई-मेल पर भी शिकायत भेजी है।

इस संबंध में बाढड़ा थाना प्रभारी ने कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है. वहीं डीएसपी अशोक कुमार ने मामले को लेकर मीडिया से दूरी बनाए रखी है. साथ ही कर्मचारी के माध्यम से सूचना भेजी कि पैसों के मामले में वे कुछ नहीं बता सकते।