Patna:- बिहार में जब से जाति जनगणना का डाटा जारी हुआ तब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित RJD जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना था की भागीदारी के अनुसार हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. अर्थात जिस समाज की जितनी हिस्सेदारी है उस समाज को उतना आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. अब बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बाबत बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाएगा. वर्तमान समय में अभी आरक्षण का दायरा 60% है जिसे 75% करने को लेकर फैसला ले लिया जा चुका है.

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आरक्षण सीमा 60 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके लिए कैबिनेट ने बिहार आरक्षण बिल 2023 पर मुहर लगाई।

 

तमाम रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजेंगे। अनुरोध करेंगे कि वो भी जातीय जनगणना करें। इस आधार पर विकास योजना बनाने में मदद मिलेगी। केंद्र को इससे लाभ भी होगा। -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

 

दोनों सदनों में 9 नवंबर को इस पर मुहर लगेगी। प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक पिछड़ा वर्ग को 18, अति पिछड़ा वर्ग को 25, एससी को 20, एसटी को 2 का आरक्षण मिलेगा। 9 नवंबर को सदन में अन्य विधेयकों संग इसे भी पारित कराया जाएगा। कैबिनेट ने सतत जीवकोपार्जन योजना राशि में इजाफा को भी मंजूरी दी है। सहायता राशि एक लाख से बढ़ा दो लाख करने की योजना है। गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए दो-दो लाख देने व 63,850 आवासहीन परिवारों को जमीन के लिए एक-एक लाख रुपए देने पर भी मुहर लगी।

 

बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने का विधेयक इसी सत्र में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में इसकी घोषणा की। उन्होंने प्रदेश में आरक्षण की सीमा 15 फीसदी बढ़ाकर 60 से 75 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया।

 

इसके तहत अनुसूचित जाति (एससी) का आरक्षण बढ़ाकर 20 और एसटी का 2 जबकि पिछड़ा-अति पिछड़ा का आरक्षण बढ़ाकर 43 फीसदी करने का प्रस्ताव है। इसी में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को दिया जाने वाला तीन फीसदी आरक्षण भी समायोजित होगा। मुख्यमंत्री मंगलवार को सदन में जातीय गणना से संबंधित सरकार के प्रतिवेदन पर बोल रहे थे। सीएम ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक सर्वे के आधार पर पिछड़ों की संख्या 27.12, अति पिछड़ों की 36.01, एससी की 19.65, एसटी की 1.68 व सामान्य वर्ग की 15.52 हो गयी है। समय के अनुसार आरक्षण सीमा बढ़ाने की जरूरत है। इसीलिए हमने प्रस्ताव दिया है।