बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर 1 जुलाई से शुरू हुए निरीक्षण के दौरान स्कूल से गायब या विलंब से पहुंचे 7914 शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है और उनका वेतन काटा गया है.इस संबंध में उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
बतातें चलें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार लेने के बाद ही आईएएस केके पाठक ने स्कूलों के निरीक्षण का आदेश दिया था जिसके बाद अभियान चलाकर पूरे राज्य के स्कूलों का निरीक्षण किया गया था.शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूरे जुलाई माह में रिकार्ड स्तर पर रोजाना लगभग 25 हजार स्कूलों का निरीक्षण किया गया.सबसे ज्यादा 13 जुलाई को 37223 स्कूल का निरीक्षण किया था और उस दिन बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले 959 शिक्षकों का वेतन काटा गया था।
वहीं 1 अगस्त को राज्य के 24784 स्कूल का निरीक्षण किया गया इनमें 227 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित थे उनके 1 दिन का वेतन काटा गया.अब तक निरीक्षण के दौरान कार्य में लापरवाही करने वाले लगभग 8 हजार शिक्षकों और कर्मियों का वेतन काटा गया है।
बतातें चलें कि केके पाठक के इस सख्ती के खिलाफ शिक्षक संघ के साथ वामपंथी दल के नेता भी लामबंद होने लगें हैं.माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को केके पाठक के इस तरह के एक्शन पर रोक लगानी चाहिए.ये मुद्दा सीएम के साथ 5 अगस्त की मीटिंग में उठाया जाएगा.वहीं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीतकर आए कई विधान पार्षद भी केके पाठक पर मनमाने तरीके से काम करने का आरोप लगा रहें हैं।
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