दिसंबर की ठिठुरती सर्दी के बीच बिहार का राजनीतिक पारा उबाल मारा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के बीच मचे घमासान से जेडीयू पर टूट की तलवार लटक रही है. पार्टी की टूट को रोकने के लिए दिल्ली में आज यानी शुक्रवार (29 दिसंबर) को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में होनी है. इसके लिए पार्टी के सभी नेता दिल्ली में पहुंचे चुके हैं. जेडीयू के बाद अब लालू यादव की पार्टी आरजेडी में उथल-पुथल देखने को मिल रही है. इससे नीतीश कुमार के बाद लालू यादव की टेंशन बढ़ गई है।

राजद के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद विश्व मोहन कुमार ने जेडीयू के साथ गठबंधन को गलत करार देते हुए तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि युवा नेतृत्व की जो छवि लेकर तेजस्वी यादव ने लोगों में एक उम्मीद जगाई थी वह विलुप्त हो चुकी है. विश्व मोहन कुमार ने कहा कि जदयू से जुड़ने के बाद पार्टी की धार कुंद हो गई है. उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन पर कब्जा जमाए नेताओं ने संगठन को गिरवी रख दिया है. परिणाम है कि कार्यकर्ता स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं।

राजद के पूर्व सांसद ने कहा कि मौजूदा समय में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ है. संगठन में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. विश्व मोहन कुमार का यह बयान राजद में बगावत के संकेत दे रहे हैं. उधर दूसरी ओर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में टूट का खतरा मंडरा रहा है. कहा जा रहा है कि ललन सिंह और नीतीश कुमार की तनातनी में पार्टी दो खेमों में बंट चुकी है. जेडीयू में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने बगावती बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में उनके सिवा महागठबंधन का कोई प्रत्याशी नहीं जीत सकता है. खुद को टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि यदि दो नेताओं को टिकट मिलता है, तो वे विरोध करेंगे. सत्ताधारी दो बड़े दलों में आए सियासी भूकंप से बिहार की सत्ता कांपने लगी है।


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