निजी मेडिकल की आधी सीटों पर सरकारी दर से दाखिला : बिहार में अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेज मालिकों की मनमानी नहीं चलेगी. सर मेडिकल करने वाले छात्रों और उनके परिजनों की शिकायत रहती थी कि मेडिकल कॉलेज के नाम पर प्राइवेट कॉलेज के मालिक हमेशा मनमानी करते हैं और अधिक रुपैया वसूल करते हैं. इस चीज पर रोक लगाने के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है. सरकार के आदेश के अनुसार बिहार में जितने भी मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं उनको 50% सीट पर सरकारी दर के अनुरूप एडमिशन लेना होगा. आसान भाषा में कहा जाए तो जितने पैसे में सरकारी कॉलेज में एडमिशन होता है उतना ही पैसे में 50% सीट पर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज मालिकों को छात्रों का एडमिशन लेना होगा।

राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों पर सरकारी दर पर नामांकन होगा। यानी 1050 सीटों में से 525 पर दाखिला होगा। इसके लिए सोमवार देर रात अधिसूचना जारी कर दी गई।

बीसीईसीईबी के विशेष कार्य पदाधिकारी अनिल सिन्हा ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश के तहत निजी मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों पर सरकारी दर पर नामांकन होना है। निजी मेडिकल कॉलेज इसके विरुद्ध कोर्ट गए हुए हैं। कोर्ट का निर्णय के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

दाखिले की सरकारी दर

नामांकन शुल्क 1,000 एक बार

शिक्षण शुल्क 9,000 वार्षिक

हॉस्टल शुल्क 12,000 वार्षिक

जमानती शुल्क 10,000 एक बार

बिजली खपत शुल्क 1,200 वार्षिक

पत्रिका शुल्क 5,00 प्रति वर्ष

कालेज गतिविधि 2,000 एक बार

छात्र कल्याण शुल्क 5,000 एक बार

छात्र संघ शुल्क 100 एक बार


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