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राज्य की योजनाएं और विकास कार्यों की जमीनी पड़ताल करने बिहार की यात्रा पर फिर निकलेंगे सीएम नीतीश कुमार

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे राज्य की योजनाएं और विकास कार्यों की जमीनी पड़ताल करने खुद निकलेंगे। यह उनकी 15 वीं यात्रा होगी। हालांकि वे वर्ष 2021 में यात्रा की जगह समाज सुधार अभियान पर निकले थे। इसे उनकी यात्रा ही मानी गयी थी। इस वर्ष नीतीश कुमार 4 जनवरी से 16 फरवरी तक समाधान यात्रा कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री गुरुवार को बापू सभागार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत आयोजित एक दिवसीय उन्मुखीकरण एवं प्रथम किस्त वितरण समारोह के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे।

ये थे मौजूद 

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित, हस्तकरघा एवं रेशम के निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय, उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार।

अनुभव साझा किया

 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से लाभान्वित स्वाति सुधा एवं मिताली ममता ने उद्यमिता के क्षेत्र में अपने कार्यों के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री की यह योजना काफी दूरदर्शी है। इससे हम सभी लोगों का काफी भला हो रहा है। हम तो अपना रोजगार कर रही रहे हैं और लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। मुख्यमंत्री की इस योजना से समाज के सभी वर्गों को काफी फायदा हो रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री उद्यमी योजना पर आधारित एक लघु फिल्म की प्रस्तुति दी गया।

नीतीश कुमार की अबतक की यात्राएं

न्याय यात्रा 12 जुलाई 2005

विकास यात्रा नौ जनवरी 2009

धन्यवाद यात्रा 17 जून 2009

प्रवास यात्रा 25 दिसंबर 2009

विश्वास यात्रा 28 अप्रैल 2010

सेवा यात्रा नौ नवंबर 2011

अधिकार यात्रा 19 सितंबर 2012

संकल्प यात्रा पांच मार्च 2014

संपर्क यात्रा 13 नवंबर 2014

निश्चय यात्रा नौ नवंबर 2016

समीक्षा यात्रा 2 दिसंबर 2017

जल जीवन हरियाली 3 दिसंबर 2019

समाज सुधार 22 दिसंबर 2021

समाधान यात्रा चार जनवरी से2023

गुजरात की लड़की का एक करोड़ की फिरौती के लिए अपहरण; लखनऊ से बरामद, चार आरोपी गिरफ्तार

गुजरात पुलिस ने नवसारी जिले से अपहरण की गई किशोरी को यूपी के लखनऊ से बरामद कर लिया है। साथ ही पुलिस ने अपहरण की वारदात में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने एक करोड़ की फिरौती के लिए किशोरी का अपहरण किया था, लेकिन उसने कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के भीतर ही नाबालिग को सकुशल बरामद कर लिया है।

पुलिस महानिरीक्षक (सूरत रेंज) वी चंद्रशेखर ने कहा कि आरोपियों ने 10 नवंबर को नवसारी के गणदेवी इलाके से कथित तौर पर लड़की का अपहरण कर लिया था। इसके बाद नाबालिग के माता-पिता को व्हाट्सएप कॉल करके एक करोड़ रुपये की मांग की थी।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने समीर पठान, अभिषेक चौधरी और प्रदीप चौधरी को लखनऊ के पास एक बस से पकड़ा और एक अन्य आरोपी मोहित चौधरी को दिल्ली की एक झुग्गी से गिरफ्तार किया।

48 घंटे के भीतर नाबालिग को छुड़ाया

चंद्रशेखर ने कहा कि व्हाट्सएप कॉल और स्नैपचैट विवरण के तकनीकी विश्लेषण के आधार पर और दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस की मदद से लड़की को अपहरण के 48 घंटे के भीतर लखनऊ के पास से बचा लिया गया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले नवसारी पुलिस को पता चला कि पीड़िता को ट्रेन से राजस्थान ले जाया जा रहा है और उसने पड़ोसी राज्य की सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) से मदद मांगी।

बाद में पुलिस को सूचित किया गया कि लड़की को दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती में ले जाया गया है। वहां पहुंचने पर पुलिस ने मोहित चौधरी को पकड़ लिया, जिसने खुलासा किया कि लड़की को अन्य आरोपियों द्वारा बस में लखनऊ ले जाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से बस का पता लगा लिया गया और उसे लखनऊ के पास रोक लिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने लड़की को बचाया और तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

लड़की को बचाने के लिए बनाई थी फील्ड और तकनीकी टीम

दरअसल, पुलिस ने मामले पर काम करने के लिए अलग-अलग फील्ड और तकनीकी टीमें बनाई थीं। मुख्य आरोपी पठान ने कथित तौर पर लड़की को फुसलाया था और अपने तीन साथियों की मदद से उसका अपहरण करने से पहले उसे अपने साथ चलने के लिए राजी किया था।

लड़की के माता-पिता ने आरोपी को 12 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे और उनसे व्हाट्सएप पर बातचीत जारी रखी थी। अधिकारी ने कहा कि स्नैपचैट और व्हाट्सएप कॉल डिटेल से लड़की और अपराधियों का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण सुराग मिले थे।

मिजोरम सीमा पर म्यांमार की सेना ने विद्रोहियों पर बम बरसाए, भारत में घुसे 5000 म्यांमारी लोग

मिजोरम सीमा से सटे म्यांमार के क्षेत्र में विद्रोहियों और सत्ताधारी जुंटा के बीच संघर्ष तेज होने और विद्रोहियों पर सेना के हवाई हमले के बीच म्यांमार के हजारों नागरिक शरण लेने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर मिजोरम में घुस आए हैं। घुसपैठ करने वालों में 43 म्यांमारी सैनिक भी थे, जिनमें से 40 को वापस भेज दिया गया। भारतीय खुफिया एजेंसियां घटनाक्रम पर करीबी निगाह रखे हुए हैं।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि मिजोरम पुलिस व केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के कर्मी घुसपैठ करने वालों की सटीक संख्या का पता लगाने में जुटे हैं। वहीं, मिजोरम पुलिस के आईजी लालबियाकथांगा खियांगते ने दावा किया है कि करीब 5,000 म्यांमारी नागरिक मिजोरम में घुस आए हैं। घुसपैठ की ताजा घटनाएं म्यांमार के जुंटा शासन के खिलाफ विद्रोहियों के नए ऑपरेशन 1027 से जुड़ी हैं। जुंटा के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष करने वाले विद्रोहियों ने इस ऑपरेशन के तहत भारत से सटी सीमा पर म्यांमारी सेना की दो चौकियों को अपने कब्जे में ले लिया।

विद्रोहियों के एक कमांडर ने बताया, इससे उत्साहित विद्रोहियों ने सरहदी चिन क्षेत्र में कब्जा मजबूत करना शुरू कर दिया है। चिन नेशनल फ्रंट के उपाध्यक्ष सुई खार ने कहा कि चिन व रखाइन राज्यों में इस सप्ताह लड़ाई के दो नए मोर्चे खुले, जिससे भारत में घुसपैठ बढ़ गई है। सोमवार को चिन के रिख्वादर और खावमावी सैन्य शिविरों पर करीब 80 विद्रोहियों ने सुबह 4 बजे हमला बोला और कई घंटे की लड़ाई के बाद उन पर कब्जा कर लिया। जवाब में जुंटा के सैनिक विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में टैंकों और लड़ाकू विमानों से बम बरसा रहे हैं। मिजोरम के चंपाई जिले में पहुंचे म्यांमार के कई नागरिक जख्मी हैं।

दावा…सड़कों पर नजर आ रहे टैंक

रखाइन राज्य की राजधानी सित्वे के एक नागरिक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि संघर्ष छिड़ने के बाद से सड़कों पर टैंक नजर आने लगे हैं। जुंटा ने कर्फ्यू लगा दिया है। लोगों को रात 9 बजे के बाद घरों से निकलने के लिए मना कर दिया है। स्कूल खुले हैं, पर लोग डर से बच्चों को नहीं भेज रहे।

सीमा की जटिल स्थिति के कारण घुसपैठ रोकना मुश्किल

भारत-म्यांमार सीमा की जटिल भौगोलिक स्थिति के कारण घुसपैठ पूरी तरह रोक पाना मुश्किल है। असम राइफल्स के जवान सीमा की सुरक्षा में जुटे हैं, पर करीब 150 किमी लंबी सीमा पर हालात जटिल हैं। म्यांमार की सेना और भारतीय विदेश मंत्रालय ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राज्य के गृह मंत्रालय के अनुसार, म्यांमार के 31,364 नागरिक पहले से मिजोरम के शरणार्थी शिविरों में हैं।

विद्रोहियों ने अक्तूबर में शुरू किया ऑपरेशन 1027

म्यांमार के सैन्य शासक जो जुंटा कहे जाते हैं, 2021 में सशस्त्र तख्तापलट के जरिये सत्ता में आने के बाद पहली बार इतना भीषण प्रतिरोध झेल रहे हैं। पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) समेत तीन नस्लीय अल्पसंख्यक समूहों ने जुंटा के खिलाफ संघर्ष के लिए अक्तूबर में सैन्य चौकियों पर कब्जा शुरू कर दिया। विद्रोह को इसके शुरू होने की तारीख के आधार पर ऑपरेशन 1027 नाम दिया गया है। विद्रोहियों ने अकेले शान राज्य में 100 सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है। अभी शान, कयाह, रखाइन और चिन जिलों में जुंटा व विद्रोहियों के बीच संघर्ष जारी है। पीडीएफ फिर से निर्वाचित सरकार के जरिये लोकतंत्र स्थापित करना चाहती है।

देश में विवाहेतर संबंध और समलैंगिकता फिर दंडनीय हो सकते हैं; संसदीय समिति ने की सिफारिश

अगर सरकार ने संसदीय समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया तो भविष्य में विवाहेतर संबंध और समलैंगिकता एक बार फिर से भारतीय न्याय संहिता (दंडनीय अपराध) के दायरे में आ जाएंगे। संसद की गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने शादी जैसी पवित्र संस्था, संस्कृति और गौरवशाली परंपरा को बचाने का हवाला देते हुए इन दोनों मामलों को फिर से दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल करने की सिफारिश की है।

विवाहेतर संबंध समाज के लिए घातक

गौरतलब है कि पांच साल पूर्व सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने दोनों मामलों को दंडनीय अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। मंगलवार को केंद्र को भेजे प्रस्ताव में समिति ने कहा है कि विवाहेतर संबंध को स्वीकार करना समाज के लिए घातक होगा। समिति ने कहा है कि इस मामले में लैंगिक समानता के सिद्धांत का पालन करते हुए इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। समिति ने कहा है कि विवाहेतर संबंध के मामले में शामिल महिला और पुरुष दोनों को समान रूप से जिम्मेदार मानते हुए कठोर सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए।

नए सिरे से चर्चा क्यों?

समलैंगिकता को भी समिति ने अपराध की श्रेणी में रखने की सिफारिश की है। पूर्व नौकरशाह बृजलाल की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कहा है कि इस प्रवृत्ति को कानूनी संरक्षण से मिलने वाली सामाजिक स्वीकार्यता के गंभीर परिणाम होंगे। नए सिरे से चर्चा क्यों? दरअसल संसद के बीते सत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए तीन विधेयक पेश किए थे। न्याय प्रणाली में व्यापक सुधार और त्वरित न्याय की अवधारणा से जुड़े इस विधेयक को विचार के लिए संसद की गृह मामले की स्थायी समिति को भेज दिया गया था। इन तीनों विधेयकों को शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।

क्या है मामला?

दरअसल पांच साल पूर्व 2018 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने अपने फैसले में विवाहेतर संबंध और समलैंगिकता को दंडनीय अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। पीठ ने इसे तर्कहीन, अक्षम्य और मनमाना करार दिया था। विवाहेतर संबंध के संदर्भ में पीठ का कहना था कि यह तलाक का आधार तो हो सकता है, मगर दंडनीय अपराध का नहीं। पीठ ने तर्क दिया था कि यह 163 साल पुराने उस औपनिवेशिक काल के कानून को संरक्षण देता है जिसमें पति ही पत्नी का स्वामी की अवधारणा को मजबूत बनाता है।

लालू के सहयोगी अमित कात्याल ने किया था भूमि का अधिग्रहण, जमीन के बदले नौकरी का मामला

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के सहयोगी अमित कात्याल ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू के लिए जमीनों का अधिग्रहण किया। ईडी ने कात्याल को गिरफ्तार किया है और फिलहाल, वह 16 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में है।

ईडी के मुताबिक, कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्रा.लि. नामक कंपनी के निदेशक थे। उनकी कंपनी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से उनकी जमीन कब्जे में ले लेती थी। इसके बाद उन्हें रेलवे में नौकरी मिल जाती थी।

2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित किए गए थे शेयर

उनकी कंपनी नई दिल्ली के डी 1088 न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के पते पर रजिस्टर्ड है और यह घर लालू प्रसाद और उनके परिवारी जनों का है। ईडी के मुताबिक लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उन्हें अनुचित लाभ देने के बदले में अमित कात्याल की कंपनी ने कई अन्य जमीनें भी कब्जे में ली थीं। भूमि अधिग्रहण के बाद उक्त कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिए गए थे।

राजस्थान के विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन, अब यहां 25 नवंबर को नहीं होगी वोटिंग

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन हो गया। गुरमीत कुन्नर श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार थे।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली के एम्स अस्पताल में गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन हुआ। गुरमीत सिंह कुन्नर के पुत्र रूबी कुन्नर ने निधन की पुष्टि की है। 75 साल के गुरमीत सिंह कुन्नर को दिल्ली एम्स में 12 नवंबर को भर्ती कराया गया था। गुरमीत सिंह के निधन से परिवार के साथ कांग्रेस पार्टी और समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है। चुनाव से पहले प्रत्याशी के निधन के कारण अब श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र का चुनाव स्थगित हो जाएगा।

बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ था। चुनाव से पहले अलवर जिले के रामगढ़ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह का हार्ट अटैक से निधन हो गया था। इस वजह से यहां चुनाव स्थगित हो गया था।

करणपुर विधानसभा सीट से 2018 में त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस के गुरमीत सिंह कुन्नर जीते थे। निर्दलीय पृथीपाल सिंह संधू दूसरे एवं भाजपा के सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी तीसरे नंबर पर रहे। इस बार तीनों ही फिर आमने-सामने हैं। संधू आम आदमी की पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। लेकिन राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले ही गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन हो गया।

पंचतत्व में विलीन हुुए सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय, पोते ने दी मुखाग्नि; अंतिम यात्रा में शामिल हुए दिग्गज

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय गुरुवार शाम को पंचतत्व में विलीन हो गए, 16 साल के पोते हेमांक ने उन्हें मुखाग्नि दी। रॉय की अंतिम यात्रा सहारा शहर से चलकर लखनऊ स्थित बैकुंठ धाम पहुंची। सहारा ग्रुप के चेयरपर्सन की अंतिम यात्रा में अलग-अलग खेमों से जुड़े दिग्गज शामिल हुए। जिनमें समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर फिल्म जगत से जुड़े बोनी कपूर तक मौजूद रहे। बता दें क‍ि सुब्रत राय को प्लेटफार्म नंबर 8 पर मुखाग्‍न‍ि दी गई। वहीं प्लेटफॉर्म 7 से लेकर 9 तक को रिजर्व रखा गया है। ज‍िन्‍हें फूलों से सजाया गया था।

सहारा श्री की अंतिम यात्रा सहारा ग्रुप के लोग भी भारी संख्या में पहुंचे थे। सड़क से प्लेटफार्म तक कारपेट बिछाई गई है। वीवीआइपी और वीआइपी के ल‍िए अगल अगल बैठने के इंतजाम क‍िये गए थे।

दो बजे निकलेगी अंतिम यात्रा

सहारा इंडिया परिवार की ओर से बताया गया है कि सुब्रत राय की अंतिम यात्रा गोमती नगर में सहारा शहर से दोपहर दो बजे निकलेगी, जो अंबेडकर चौराहा, गांधी सेतु होते हुए 1090 चौराहे से बैकुंठधाम पहुंचेगी।

बता दें क‍ि बुधवार शाम पांच बजे वाहन से सहारा प्रमुख सुब्रत राय का शव सहारा शहर पहुंचा था। देर रात तक राजनीतिक और फिल्मी हस्तियां उनके अंतिम दर्शन करने पहुंच रहीं थीं।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री नितिन अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सांसद नरेश अग्रवाल, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव, प्रमोद तिवारी, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, कांग्रेस विधान मंडल की नेता आराधना मिश्र, पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, गायक सोनू निगम समेत अन्य अन्य हस्तियां भी श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं।

मुंबई से चार्टर प्लेन से सुब्रत राय का पार्थिव शरीर शाम 4.20 बजे अमौसी एयरपोर्ट पर लाया गया था। सुब्रत राय का पार्थिव शरीर सहारा शहर पहुंचते ही मित्र व कर्मियों ने सहारा श्री अमर रहे के नारे भी लगाए गए थे। पार्थिव शरीर को लेने के लिऐ पत्नी सपना राय, भाई जयब्रत राय, बहन कुमकुम राय चौधरी, बहु रिचा और चांदनी राय के साथ ही परिवार के अन्य सदस्य व दोस्त पहुंचे थे।

छठ पूजा को लेकर मंजूषा साड़ी और सूप की बढ़ी डिमांड; भागलपुर के बुनकर बड़े पैमाने पर कर रहे तैयार

इस बार छठ पूजा को लेकर मंजूषा साड़ी व सूप की मांग बढ़ गयी है। देश के विभिन्न जगहों पर साड़ियां व सूप भेजी गयी हैं। भागलपुर के बुनकर बड़े पैमाने पर कॉटन व सिल्क में मंजूषा उकेरी है। जो दिखने में काफी खूबसूरत है। मुख्य रूप से यह साड़ी दिल्ली, कोलकाता व झारखंड भेजी गयी।

बुनकर कल्याण समिति के पूर्व सदस्य अलीम अंसारी ने बताया कि दुर्गापूजा के समय ही मंजूषा वाली साड़ियां की मांग आयी थी। जिसको एक सप्ताह पहले ही दूसरे राज्यों में भेजा गया। कई साड़ियां में मंजूषा प्रिंट उकेरी गयी है। इसकी कॉटन साड़ी की कीमत 800 से 1500 रुपये हैं। कुछ साड़ियां सिल्क में तैयार हुई उसकी कीमत चार हजार से छह हजार रुपये है।

वहीं लोदीपुर के बुनकर भोला प्रसाद ने बताया कि मंजूषा साड़ी की मांग हाल-फिलहाल काफी बढ़ गयी है। हाथ की बुनाई वाली सिल्क साड़ी की कीमत अधिक पड़ती है। साड़ियां में मंजूषा हाथ वर्क होने से यहां के मंजूषा कलाकारों से भी रोजगार मिला है। मंजूषा गुरु मनोज पंडित ने सिल्क साड़ियां के कारण यहां मंजूषा कलाकारों को अच्छा काम मिल रहा है। एक-एक साड़ियां में मंजूषा उकेरने में पांच-पांच दिन लग जाता है और मजूदरी के रूप में 25 सौ रुपये तक कीमत मिलती है।

500 मंजूषा सूप तैयार अमेरिका भेजा गया

भागलपुर के हुनरमंद बुनकरों ने 500 मंजूषा वाली सूप भी तैयार किया। इस सूप की मांग देश-विदेश में खूब हुई। मंजूषा गुरु ने बताया कि कुछ सूप अमेरिका भी भेजी गयी। इसके अलावा दिल्ली में 200 से ऊपर सूप भेजी गयी। कुछ सूप जो बचा है उसकी मांग स्थानीय स्तर पर हो रही है। कई रिश्तेदारों ने भी इसकी मांग की है। उन्होंने बताया कि सूप को तैयार करने में दो से तीन घंटे का समय लगता है। उधर, कलाकार अनुकृति ने भी अपने रिश्तेदारों के लिए सूप में मंजूषा उकेरी है। उन्होंने बताया कि छठ पूजा पर अब इस तरह की सूप की मांग बढ़ रही है।

छठ पूजा की सामग्रियों की कीमत में उछाल; एक सूप की पूजन सामग्री पर 500 रुपये तक का आएगा खर्चा

लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर बाजार सज गया है। शहर में वेरायटी चौक, तिलकामांझी और उल्टा पुल स्थित सब्जी मंडी में सूप, डलिया, टाभ, नींबू समेत अन्य सभी पूजन सामग्रियों की बिक्री की जा रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार पूजन सामग्री की कीमतों में करीब 20 से 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। इस कारण छठ व्रतियों समेत अन्य को एक सूप पर चढ़ने वाली पूजन सामग्रियों के लिए कम से कम पांच सौ रुपये खर्च करने होंगे।

इस बार पूजन सामग्रियों की कीमत ज्यादा एक सूप में पूजा सामग्री के अलावा फल आदि होता है। इस बार केतारी, टाभ नींबू, नारियल, पकवान, पनियाला, आंवला, मूली आदि की कीमत अधिक है। अभी ही बाजार में नारियल 140 से लेकर 160 रुपये जोड़ा बिक रहा है। केतारी 40 रुपये पीस बिक रहा है, जो पिछले साल 20 से 30 रुपये पीस बिक रहा था। वहीं बुधवार को कददू 40 से 60 रुपये पीस के हिसाब से बिका।

सामग्री वर्तमान कीमत पिछले साल की कीमत

नारियल 140 से 160 रुपये जोड़ा 100 से 120 रुपये जोड़ा

केतारी 75 से 85 रुपये जोड़ा 70 से 80 रुपये जोड़ा

टाभ नींबू 40 से 60 रुपये जोड़ा 60 से 80 रुपये जोड़ा

सेब 140 से 160 रुपये किलो 60 से 90 रुपये किलो

नारंगी 120 से 200 रुपये किलो 60 से 80 रुपये किलो

अनार 180 रुपये किलो 160 रुपये किलो

मूली 10 से 20 रुपये किलो 10 से 20 रुपये किलो

सूप 140 से 160 रुपये जोड़ा 140 से 160 रुपये जोड़ा

डलिया 160 से 500 रुपये पीस 190 से 450 रुपये पीस

कवरंग पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

अदरख गाछ पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

हल्दी गाछ पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

आंवला पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

आरत पत्ता पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

कद्दू भात के दिन से सामग्रियों की बिक्री में आएगी तेजी

उल्टा पुल स्थित सब्जी मंडी के पास सामग्री की बिक्री करने वाली पार्वती देवी और उनके बेटे सुमन ने बताया कि पिछले साल नारियल 100 से 120 रुपये जोड़ा तो टाभ नींबू 60 से 80 रुपये जोड़ा बिक रहा था। सेब का दाम पिछले साल से अधिक है। फल विक्रेता पंकज कुमार ने बताया कि शुक्रवार से बाजार में तेजी आएगी।