बिहार के सीएम नीतीश कुमार की मेजबानी में 23 जून को पटना में विपक्षी नेताओं की एक बड़ी बैठक होने वाली है. मुख्यमंत्री आवास एक अण्णे मार्ग में यह बैठक होगी. देश भर के विपक्षी नेता 5 घंटे तक यहां बैठ कर बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने पर विचार करेंगे. इसी बीच इस बैठक से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष में वार-पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जो विपक्ष के नेता बिहार जा रहे हैं, उन्हें नीतीश कुमार से वहां चल रहे भ्रष्टाचार के बारे में पूछना चाहिए. बिहार में 1750 करोड़ रुपये का पुल एक बार नहीं कई बार ताश के पत्तों की तरह ढह गया. उन्होंने कहा कि उन्हें ये भी बताना चाहिए कि उनके गठबंधन का नेता कौन है. बीजेपी नेता और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विपक्ष के पास कोई एजेंडा नहीं है और अगर वे एकजुट भी हो जाएं तो भी लोग उनका समर्थन नहीं करेंगे. जनता 2024 के चुनाव में पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को 350 से ज्यादा सीटें देने को तैयार है।

अखिलेश यादव ने शनिवार को लोकसभा चुनाव में बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की बड़ी हार का दावा करते हुए कहा था कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यकों (पीडीए) की एकता बीजेपी नीत एनडीए पर भारी पड़ेगी. बीजेपी साल 2014 में सत्ता में जैसे आई थी, 2024 में उसकी वैसे ही उप्र से विदाई होगी. 2024 में पीडीए (पिछड़े, दलितों, अल्पसंख्यकों) की एकता भाजपा और एनडीए पर भारी पड़ेगी. वहीं बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले को खारिज करते हुए इसे तुकबंदी करार दिया. बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा की ओर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के जवाब में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का राग केवल तुकबन्दी के सिवाय और कुछ नहीं है।

टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि 23 को पटना में विपक्ष की बैठक मोदी का विकल्प प्रदान करने का तरीका खोजने के लिए है. मोदी की सरकार स्वार्थी, सांप्रदायिक, संकीर्ण और अडानी पर निर्भर रही है. शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि 23 जून को हम सब पटना में मिल रहे हैं. उद्धव ठाकरे यहां से जाएंगे, शरद पवार भी जाने वाले हैं. पूरे देश से लोग वहां आएंगे, हम वहां एक चर्चा करेंगे. हम सब एक साथ हैं और रहेंगे।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्ष की एकता बयानों से ज्यादा अहम है. बीजेपी के खिलाफ एक साझा उम्मीदवार जरूरी है. देश में 2 गठबंधन हैं, एक महात्मा गांधी को मानता है और दूसरा गोडसे को, इसलिए यह 2 अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के चेहरे में क्या रखा है, विचारधारा एक जैसी है बस यही मायने रखता है।

जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार, जेडीयू और सारे विपक्ष के लिए 23 जून की बैठक एक चुनौती भरा काम है. हम बीजेपी के विरुद्ध एक रणनीति बनाने में लगे हुए हैं. जिसमें लगभग 450 सीटों पर बीजेपी के खिलाफ संयुक्त विपक्ष का एक ही उम्मीदवार हों, इस रणनीति पर हम कार्य कर रहे हैं. वहीं विपक्षी दलों में फूट का दावा करते हुए बिहार बीजेपी के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन बैठक में आने को तैयार नहीं है. उनको मनाने के लिए वह (नीतीश कुमार) फिर कल 20 जून को तमिलनाडु जाने वाले हैं।


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