भागलपुर: ट्रैफिक डीएसपी के वाहन चालक सिपाही विक्की कुमार से फर्जी आईपीएस बन महिला ने न सिर्फ ठगी की, बल्कि ब्लैकमेल कर धमकाया भी। घटना को लेकर सिपाही चालक ने एसपी सिटी से शिकायत की है। विक्की का कहना है कि उक्त फर्जी आईपीएस महिला ने सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा। उसे एक्सेप्ट कर लिया। उसके बाद उसने मोबाइल नंबर मांगा। मोबाइल नंबर मिलने के बाद बातचीत शुरू हुई और फिर उक्त महिला ने खुद को निलंबित आईपीएस बताकर सिपाही को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

सिपाही का आरोप-कई पुलिस वालों से कर चुकी है ठगी

सिपाही ने बताया कि महिला के मोबाइल में अन्य पुलिस वालों से ठगी का स्क्रीनशॉट मिला। वह इसी तरह से पुलिस वालों को फंसाती है। जब मैंने उसकी शिकायत करने की बात कही तो वह मुझे झूठी तस्वीर वायरल कर फंसाने की धमकी देने लगी। मुझे नौकरी से निकलवाने की बात कहने लगी। इसी बीच मुझे एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पटना मुख्यालय का डीएसपी बताते हुए मुझे फंसाने की धमकी दी है।

सिपाही का आरोप है कि उक्त महिला ने फर्जी आईपीएस बनकर साढ़े छह लाख रुपये ठग लिए। सच्चाई सामने आने पर पता चला है कि उक्त फर्जी आईपीएस महिला वैशाली हाजीपुर के डाक बंगाल रोड अनवरपुर की रहने वाली है और उसका असली नाम रुचि कुमारी है। यह भी पता चला कि उक्त महिला की शादी नीरज नाम के शख्स के साथ हो चुकी है और उसकी 10 साल की बेटी भी है। सिपाही ने एसपी सिटी को दिए आवेदन में लिखा है कि उक्त महिला ने दोस्ती करने के बाद बताया कि उसके पिता दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर हैं। उसने यह भी कहा कि उसका छोटा भाई पटना में मुख्यालय डीएसपी है।

सिपाही विक्की का कहना है कि उक्त महिला ने आईपीएस की वर्दी वाला फोटो भी भेजा। वर्दी में उसे देखकर सिपाही को विश्वास हो गया कि वह आईपीएस है। उसके बाद उक्त महिला ने कभी हैदराबाद ट्रेनिंग में जाने की बात कह तो कभी अपनी परेशानी बता पैसे की मांग करने लगी। जब सिपाही पैसे भेजने में असमर्थता जताता तो वह आत्महत्या कर उसे फंसाने की बात कहती। सिपाही ने बताया कि उक्त महिला ने उसे पटना बुलाया और वहां एक मंदिर में ले जाकर फोटो करा लिया। उसके बाद एलआईसी की पॉलिसी करा खुद को नॉमिनी बनवा लिया।


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