पटना: आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा सिपाही भर्ती प्रश्न पत्र लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. ईओयू ने न्यायालय से सर्च वारंट लेकर केंद्रीय चयन पर्षद के पटना स्थित पुराने और नए कार्यालय में तलाशी ली, वहीं पर्षद के पदाधिकारी व कर्मियों से परीक्षा प्रक्रिया से संबंधित पूछताछ भी की।

सीएसबीसी कार्यालय में ईओयू की दबिश: बता दें कि सिपाही बहाली के लिए वैकेंसी निकलने और उसकी परीक्षा लेने की जिम्मेदारी केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती के पास है. आर्थिक अपराध इकाई का दावा है कि सीएसबीसी कार्यालय से अहम सबूत मिल सकते हैं, इसलिए अचानक ईओयू की टीम ने दबिश दी. मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को कोर्ट से सर्च वारंट जारी हुआ, जिसके बाद बगैर देर किए टीम ने दोपहर में ही एक साथ दोनों ऑफिस में छापेमारी शुरू की, जो देर रात तक चली।

सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी रद्द: बता दें कि 1 अक्टूबर, 7 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को केंद्रीय चयन पर्षद के द्वारा सिपाही भर्ती परीक्षा होनी थी. 1 अक्टूबर को परीक्षा से 2 घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र वायरल होने लगा था. वहीं प्रश्न पत्र बेचने से लेकर पैसा लेनदेन का मामला सामने आया था. परीक्षा में नकल करते कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. जिसके बाद केंद्रीय चयन पर्षद ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था. साथ ही साथ 7 और 15 अक्टूबर को होनी वाली परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया था।

ईओयू कर रही मामले की जांच: इसके बाद बिहार सरकार के द्वारा इसकी जांच, आर्थिक अपराधी इकाई को सौंपी गई थी. इसी कड़ी में आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा अब इसकी जांच तेज की गई है. इस मामले में आर्थिक अपराध कांड संख्या 16/23, 31 सितंबर 2023 को धारा 420, 467, 468, 120 (बी) एवं धारा 66 IT एक्ट में दर्ज करके अनुसंधान किया जा रहा है. वहीं गुरुवार को आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा न्यायालय से सर्च वारंट लेकर तलाशी ली गई. अब देखना होगा कि क्या कुछ निकल कर सामने आता है।


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