राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के इस्तीफे की अफवाह से स्पष्ट हो चुका है कि जदयू में कुछ भी ‘ऑल इज वेल’ नहीं है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू एक डूबता हुआ जहाज है।

उन्होंने दावा किया कि खरमास माह में नई दिल्ली में होने वाली पार्टी की बैठक के दिन जदयू में बड़ा विभाजन हो जाएगा. पारस ने कहा कि जदयू अब अंतिम सांसें ले रहा है. नीतीश की पार्टी के सांसदों और विधायकों में बगावत की स्थिति बनी हुई है. नीतीश कुमार को ललन सिंह के नेतृत्व में 29 दिसंबर को ही दिल्ली में बड़ी बगावत का सामना करना पड़ सकता है।

उन्‍होंने कहा कि बिहार में राजद के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार की कार्यशैली और संवादशैली में जो बड़ा बदलाव हुआ और जिस तरह उनकी लोकप्रियता पूरी तरह से खत्म हुई, उससे कोई भी सांसद और विधायक उनके साथ बने रहने का जोखिम उठाना नहीं चाहता है. उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही जदयू के कई सांसद, विधायक और उनके बड़े नेता भाजपा या एनडीए या अन्य पार्टियों का दामन थाम सकते हैं।