बिहार में 10 दिसंबर को अमित शाह की पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक होगी. 8 साल बाद यह बैठक होने जा रही है. इसको लेकर उम्मीद की जा रही है कि बिहार सहित चार राज्यों के विकास को लेकर बड़ा निर्णय हो सकता है लेकिन आरजेडी के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने क्षेत्रीय परिषद की होने वाली बैठक से नाउम्मीदी जाहिर की है।

सुधाकर सिंह ने कहा कि ज्यादा उम्मीद नहीं है. क्योंकि, 10 साल मोदी जी की सरकार में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई, लेकिन बिहार के लिए अभी तक कुछ नहीं किया गया है. बिहार के विकास पर कभी केंद्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया है. जाति और सामाजिक सर्वे हुआ, इसमें 70% लोग ऐसे हैं, जो रोजाना 60 रुपए से कम कमाते हैं. अहमदाबाद से मुंबई के लिए बुलेट ट्रेन चलाने का काम किया जा रहा है, लेकिन लंबे समय से कोसी डैम बनाने की मांग की जा रही है, इसे पूरा नहीं किया जा रहा।

सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग 2002 से तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने की. 21 साल से यह मांग लगातार केंद्र सरकार से हो रही है. अगर कोई कानून बाधा बन रही है तो विशेष सहायता में तो कोई दिक्कत नहीं है. उसको तो दिया जा सकता है. कहा कि अगर बिहार को विशेष सहायता मिले तो एजुकेशन सिस्टम, शहरीकरण सिस्टम, कोसी परियोजना अस्पताल जैसे मूलभूत सुविधा पर काम हो सकता है, लेकिन केंद्र सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया।

सुधाकर सिंह ने साफ-साफ कहा कि अगर पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बिहार की ओर ध्यान दिया जाता तो बिहार की जीडीपी कहां से कहां चली गई होती. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि बिहार का विकास हो, इसीलिए वह ऐसा कर रही है. इस बार बैठक में क्या होगा वह देखने वाली बात होगी. बता दें कि इस बैठक में चार राज्य पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और बिहार के मुख्यमंत्री सदस्य के रूप में शामिल होंगे।


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