साइबर थाने हर सोमवार भेजेंगे कार्यों का ब्योरा

राज्यभर में साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए खोले गए 40 साइबर थानों को हर सोमवार अपने कार्यों का ब्योरा ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) को भेजना होगा। ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने इस संबंध में विस्तृत निर्देश सभी संबंधित थानों को भेजा है। विदित है कि राज्य में साइबर से जुड़े मामले के लिए ईओयू ही नोडल इकाई है।

 

सभी थानों को प्रत्येक सप्ताह दर्ज होने वाले मामले की संख्या, उनकी प्रकृति व छापेमारी के अलावा किस मामले में क्या कार्रवाई की गई है, ऐसी सभी जानकारी के साथ प्रगति रिपोर्ट तैयार कर भेजनी होगी। साइबर से जुड़े मामलों में किस साइबर थाना के स्तर पर क्या कार्रवाई की जा रही है, इसकी सीधी निगरानी ईओयू स्तर से की जाएगी। अगर किसी थाने में किसी मामले में कोई तकनीकी या अन्य तरह की सहायता की आवश्यकता पड़ेगी, तो इसमें ईओयू एक्सपर्ट की टीम पूरी मदद करेगी। साइबर थाना स्तर पर एटीएम फ्रॉर्ड, ऑनलाइन खरीददारी या वेबसाइट के जरिए ठगी, फोन करके ठगी, किसी ऑउटलेट या दुकान समेत अन्य स्थानों पर पैसे ट्रांसफर करने के दौरान फर्जी निकासी, नौकरी-व्यापार समेत अन्य तरह के झांसे देकर ठगी, क्रिप्टो करेंसी में निवेश समेत अन्य सभी तरह की ठगी से जुड़े मामलों को अलग-अलग श्रेणी में दर्ज कर तफ्तीश की जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि किस ठगी तंत्र के तार बिहार के बाहर या अंदर से जुड़े हुए हैं। अगर किसी मामले में विदेशों से ठगी के लिंक मिलते हैं, तो ऐसे मामलों की भी अलग से जांच होगी। सभी जिलों के एसपी को कहा गया है कि वे मासिक क्राइम मीटिंग में भी साइबर से जुड़े मामलों और उनके मौजूदा स्थिति की भी समीक्षा करें।

निर्देश निरंतर छापेमारी अभियान चलाएं थाने

 

ईओयू ने सभी साइबर थानों को निर्देश दिया है कि कई थाने एकसाथ मिलकर साइबर अपराधियों और इनसे जुड़े सभी लोगों की पहचान कर निरंतर छापेमारी अभियान चलाते रहें। यह कार्रवाई ठोस रूप से व्यापक स्तर पर होनी चाहिए। सभी अपराधियों को चिह्नित कर कार्रवाई करें। आसपास के जिलों के थाने मसलन नवादा, नालंदा, शेखपुरा, गया समेत जरूरत के अनुसार अन्य थाने मिलकर संयुक्त तौर पर कार्रवाई कर सकते हैं।


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