बिहार के गया में रहने वाले तंजील-उर-रहमान का पक्षी प्रेम अद्भुत है. वो पक्षियों से कितना प्यार करते हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने घर को ही पक्षियों का रैन बसेरा बना दिया है. पक्षियों के प्रति प्रेम दिखाने का उनका तरीका अनूठा है. न सिर्फ़ पूरे इलाके में उनकी चर्चा हैं, बल्कि प्रशंसा भी हो रही है.
तंजील ने पक्षियों के लिए बनाए रैन बसेरे में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं, ताकि वो पूरी तरह से सुरक्षित रह सकें. बिहार का यह लाल पर्यावरण को संतुलित रखने की भी कोशिश कर रहा है. विशेष रूप से गौरैया के संरक्षण के लिए उन्होंने खुद को समर्पित कर दिया है. तंजील गया के बोध गया ब्लॉक के चेरकी थाना क्षेत्र के नस्का गांव से आते हैं और पक्षियों को मारने वाले लोगों से लड़ाई करने तक से नहीं चूकते.
शुरुआत में उनके द्वारा बनाए गए पक्षी आश्रय में केवल एक या दो परिंदे रहते थे, किन्तु धीरे-धीरे संख्या में वृद्धि हुई. आज यह संख्या सैकड़ों में हैं, जिसमें तरह-तरह के पक्षी रहते हैं. तंजील के पास सबसे अधिक संख्या में गौरेया रहती हैं. वो नियमित रूप से सभी पक्षियों के लिए खाने-पानी का प्रबंधन करते हैं. उन्हें प्राकृतिक तरीके से भोजन देते हैं और एक पक्षी चिकित्सक से भी संपर्क कर रखा है, ताकि पक्षियों का इलाज हो सके.
तंजील ने अपने बगीचे से घर तक मिट्टी के छोटे-छोटे बर्तन लटकाए हैं, जो पक्षियों के लिए घोंसले का काम करते हैं और उन्हें सुरक्षित रखते हैं. सैकड़ों पक्षियों ने तंजील खान के घर का माहौल बदल कर रख दिया है. सुबह-शाम चहकते हुए पक्षियों को देखना तंजील के लिए बेहद सुखद है. पक्षियों के संरक्षण के लिए तंजील-उर-रहमान की पहल सराहनीय है. वो यह सब तब कर रहे हैं, जब पक्षी धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं.
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