श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की बैठक में इस वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा और यात्रियों की सुविधा के लिए 116. 24 करोड़ का बजट पारित किया गया। साथ ही यात्री सुविधाओं के विकास के लिए बीकेटीसी प्रदेश सरकार को 10 करोड़ की धनराशि देगी।

बैठक में मंदिर समिति के धार्मिक सेवा संवर्ग सेवा नियमावली-2024 के तहत भर्ती प्रक्रिया व नियमानुसार वेदपाठी, पुजारी पदों पर नियुक्ति, यात्राकाल में व्यवस्था, प्रबंधन, साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती पर भी चर्चा की गई।

चारों धाम के लिए बजट पेश

शनिवार को कैनाल रोड स्थित बीकेटीसी कार्यालय में अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। जिसमें 116 करोड़ 24 लाख 77 हजार 26 रुपये का बजट पारित किया गया। बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्तावित आय 54 करोड़ 44 हजार 601 रुपये, केदारनाथ धाम के लिए 62 करोड़ 24 लाख 32 हजार 425 रुपये आय का बजट प्रस्तुत किया गया।

दोनों धामों के लिए 97 लाख 46 हजार 26 रुपये व्यय प्रस्तावित किया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ व बदरीनाथ यात्रा मार्ग व धामों में विभिन्न यात्री सुविधाओं के विकास के लिए 10 करोड़ की धनराशि प्रदेश सरकार को देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए रुद्रप्रयाग व चमोली के जिलाधिकारी शासन के माध्यम से बीकेटीसी को प्रस्ताव उपलब्ध कराएंगे।

बीकेटीसी ने पीएम मोदी व सीएम धामी का जताया आभार

इस दौरान उन्होंने अयोध्या में श्रीरामलला की विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व चारधाम यात्रा की तैयारियों के मार्गदर्शन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया। मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बजट 2024-25 की प्रस्तावना रखते हुए बताया कि गत वर्ष बीकेटीसी को 92,36,29,294 रुपये की आय के मुकाबले 75,78,05,803 रुपये का व्यय हुआ।

बैठक में मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य महेंद्र शर्मा, वीरेंद्र असवाल, श्रीनिवास पोस्ती, राजपाल जड़धारी, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी, नंदा देवी आदि मौजूद रहे।

इन पर रहेगा जोर

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बजट में यात्री सुविधाओं पर जोर दिया गया है। मंदिरों का रख-रखाव, जीर्णोद्धार सहित पूजा व भोग व्यवस्था, विश्राम गृहों की साज-सज्जा, नवनिर्माण, ई-आफिस की स्थापना, बदरीनाथ-केदारनाथ में अवस्थापना सुविधा, कार्यालय आवासों के निर्माण, समिति की ओर से संचालित संस्कृत विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास, कर्मचारियों के कल्याण पर भी जोर रहेगा।