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लोकसभा चुनाव का टिकट कटने के बाद बागी हुए अश्विनी कुमार चौबे कहा…बक्सर में मैं ही रहूंगा…’नामांकन अभी बाकी है

ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर बिहार के एक बड़े नेता की ओर से बगावत के संकेत मिल रहे हैं. इस बार बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री और बक्सर से मौजूदा सांसद अश्विनी कुमार चौबे को टिकट नहीं दिया है.

टिकट नहीं मिलने के बाद अश्विनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस वीडियो से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. अश्विनी चौबे के इस बयान को बागी होने का एक संकेत माना जा रहा है.

वीडियो में अश्विनी चौबे ने कहा कि नामांकन अभी बाकी है और अभी बहुत कुछ होना बाकी है. उन्होंने कहा कि कुछ साजिशकर्ता भी हैं, जो चुनाव के बाद बेनकाब हो जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह बक्सर में ही रहेंगे. इसके बाद चौबे ने कहा कि जो भी होगा शुभ होगा.

दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद अश्विनी चौबे सीधे जेपी आवास चरखा समिति पहुंचे. यहां उन्होंने जयप्रकाश नारायण को नमन किया. इसके बाद अपने कुछ समर्थकों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में कुमरार के बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा भी शामिल थे.

अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि कुछ साजिश करता है जिनके साजिश का खुलासा चुनाव के बाद होगा, चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है नामांकन अभी बाकी है और बक्सर में मैं ही रहूंगा, लोग कह रहे हैं कि मेरा उत्तराधिकार है लेकिन मेरा उत्तराधिकारी कोई नहीं है मैं खुद हूं.

बता दें कि बीजेपी ने अश्विनी चौबे को टिकट देने से इनकार कर दिया है. उनकी जगह उन्होंने इस सीट से मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया है, जो गोपालगंज जिले से हैं. विपक्षी महागठबंधन से यह सीट राष्ट्रीय जनता दल की झोली में चली गई है. इस सीट से राजद ने बिहार के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.

बक्सर सीट से आनंद मिश्रा भी मैदान में हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही आईपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा है. टिकट कटने के बाद से ही अश्विनी चौबे की नाराजगी की खबरें सामने आने लगी थीं. अश्विनी चौबे बिहार की बक्सर सीट से बीजेपी के टिकट पर दो बार चुनाव जीत चुके हैं. इस बार भी उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें मौका देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

आज से बक्सर में चुनाव प्रचार का शंखनाद करेंगे मिथिलेश तिवारी, कई BJP नेताओं ने स्वागत समारोह से बनाई दूरी

बक्सर: जब से बीजेपी ने बक्सर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे की जगह मिथिलेश तिवारी को कैंडिडेट बनाया है, तब से स्थानीय स्तर पर विरोध शुरू हो गया है. एक तरफ जहां अश्विनी चौबे के समर्थक उनका विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ‘बाहरी उम्मीदवार’ की मुखालफत हो रही है. इस बीच आज मिथिलेश तिवारी आज से बक्सर में चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे.

“आज जनसेवक को सही मायनो में जनसेवा करने का आधार मिल गया है. यह मेरा सौभाग्य है कि मोदी जी के सिपाही के तौर पर मुझे बक्सर की सेवा करने का मौका मिला है. आज बक्सर की पावन भूमि को नमन करते हुए और इसकी सेवा करने की संकल्प लिए आपका सेवक आपके द्वार आ रहा है. साथ, समर्थन और आशीर्वाद बनाए रखिएगा.”- मिथिलेश तिवारी, बीजेपी प्रत्याशी, बक्सर लोकसभा सीट

स्वागत समारोह से नेताओं की दूरी: बक्सर बीजेपी का अंतर्कलह खुलकर सामने आ गया है. वर्तमान सांसद अश्विनी कुमार चौबे को बेटिकट करने के बाद भी कार्यकर्ताओ का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. यही कारण है कि बीजेपी के बक्सर लोकसभा सीट के नए उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी के पहुंचने से पहले ही पार्टी के कई बड़े नेताओं ने उनके स्वागत कार्यक्रम से दूरी बनाने का एलान किया है. पुराने कार्यकर्ताओं का आरोप है कि क्षणिक लाभ लेने के लिए कुछ लोग खुद को बक्सर का बादशाह बताने की कोशिश में लगे हैं, जबकि जमीन पर जनता के बीच उनकी कोई औकात नहीं है. जब पहली बार अश्विनी कुमार चौबे बक्सर चुनाव लड़ने आए थे तो जो लोग आज मसीहा बन रहे हैं, वही लोगों ने भितरघात करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी.

नए प्रत्याशी को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी: बीजेपी के वर्तमान जिलाध्यक्ष से लेकर पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओ से जब पत्रकारों ने बात की तो विरोध में अधिक लोग नजर आए. वर्तमान जिलाध्यक्ष भोला सिंह की मानें तो सही समय पर मीडिया को सब कुछ बताया जाएगा. वहीं पूर्व के कई जिलाध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष और पुराने कार्यकर्ताओं की भी अलग-अलग राय है, जिससे स्पष्ट हो गया है कि मिथलेश तिवारी को लेकर बक्सर बीजेपी के लोग असहज हैं. उनको इस बात की चिंता सता रही है कि जैसे भागलपुर से आकर अश्विनी कुमार चौबे बक्सर से चुनाव जीतकर गायब रहते थे, वही हालात फिर होने वाले हैं.

क्या कहते हैं पार्टी के नेता?: बीजेपी में चल रहे अंतर्कलह को लेकर राजपूत समाज से आने वाले पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राजवंश सिंह ने कहा कि जो लोग विरोध कर रहे हैं, वह आरजेडी फंडिंग वाले तथाकथित बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता हैं लेकिन उससे पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं जब उनसे पूछा गया कि राजपूत समाज और भूमिहार समाज के कई बड़े नेताओं की नराजगी को कैसे दूर करेंगे, क्या उनकी पार्टी में पुनः वापसी होगी? जिसके बाद उन्होंने चुप्पी साध ली.

निलंबित नेताओं की घर वापसी?: वहीं, राजपूत समाज से ही आने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह और भूमिहार समाज के निवर्तमान जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर को अश्विनी कुमार चौबे का विरोध करने के आरोप में बिना कारण बताए आनन-फानन में 8 महीने पहले पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, जिन्हें वापस लाना भी एक बड़ी चुनौती है.

वेट एन्ड वाच की स्थिति में बड़े नेता: पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं की मानें तो आखिर क्यों कभी भागलपुर तो कभी गोपालगंज के प्रत्याशी को पार्टी जबरदस्ती थोप देती है. क्या ऐसे नेताओं का अपने क्षेत्र में कोई जनाधार नहीं है कि 500 किलोमीटर दूर चुनाव लड़ने आ जाते हैं. बक्सर के लोग अब ऐसे नेताओं का झोला नहीं ढोएंगे. 2009 में जो स्थिति लालमुनि चौबे का हुआ था, वही इस बार मिथिलेश तिवारी का होगा.

विरोध के कारण चौबे का टिकट कटा: पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की मानें तो स्थानीय कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के कारण ही वर्तमान सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को पार्टी बेटिकट कर दिया है. बक्सर के 40 हजार से अधिक कार्यकर्ताओ ने नमो ऐप से लेकर अन्य माध्यम से अश्विनी कुमार चौबे का विरोध कर अपना संदेश देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचा था, जिसका परिणाम रहा कि अश्विनी कुमार चौबे का टिकट कट गया.

बक्सर से टिकट कटने के बाद अश्विनी चौबे की पहली प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात

बक्सर सीट से बीजेपी के टिकट पर सांसद रहने वाले अश्विनी कुमार चौबे का 2024 के लोकसभा चुनाव में पत्ता साफ हो गया है. पार्टी ने अश्विनी कुमार चौबे का टिकट काट कर मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है. बक्सर से टिकट कटने पर अश्विनी कुमार चौबे की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है।

अपने बयान में अश्विनी चौबे ने किसी का नाम नहीं लिया और ना ही किसी तरह का कोई आरोप अपनी पार्टी पर लगाया. हालांकि अश्विनी चौबे ने अपने दो लाइन के बयान में बड़ी बात कही है. अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. सत्य और संघर्ष ही मेरे जीवन की पूंजी।

बता दें कि बीजेपी की ओर से बिहार की 17 लोकसभा सीटों के लिए पार्टी के प्रत्याशियों के नाम की सूची जारी की गई थी. लिस्ट सामने आने के बाद पता चला कि कई मौजूदा सांसदों का टिकट कट गया है. बक्सर से सांसद अश्विनी कुमार चौबे के अलावा सासाराम से छेदी पासवान का टिकट कटा है. मुजफ्फरपुर से अजय निषाद का टिकट कटा है।

पटना और लखनऊ के बीच 12 मार्च से शुरू होगी वंदे भारत, बक्सर स्टेशन पर होगा ठहराव

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बक्सर वासियो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बड़ी सौगात दी है. बक्सर से लौहनगरी टाटा के लिए 8 मार्च से ट्रेन क परिचालन की शुरू हो गया है. वहीं 12 मार्च को पटना से लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेन की शुरुवात होगी. इसका अयोध्या में भी होगी ठहराव, शुक्रवार को ट्रायल रन पूरा हो गया है।

बक्सर स्टेशन पर वंदे भारत का ठहराव: ट्रायल रन के दौरान शक्रवार को जैसे ही वंदे भारत ट्रेन का ठहराव बक्सर रेलवे स्टेशन पर हुआ, स्थानीय लोगो में खुशी दिखी. इस दौरान अधिकांश लोग इस आधुनिक ट्रेन के साथ सेल्फी लेते दिखाई दिए. वंदे भारत ट्रेन की बक्सर स्टेशन पर ठहराव के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि, 12 मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन हरि झंडी दिखाकर इस ट्रेन को पटना से लखनऊ के लिए रवाना करेंगे. इस दौरान बक्सर रेलवे स्टेशन पर वो भी मौजूद रहेंगे।

“बक्सर रेलवे स्टेशन वर्ल्ड क्लास का स्टेशन बनने जा रहा है. कई और ट्रेनों का ठहराव यहां होगा, ट्रेनों की साफ सफाई के लिए बक्सर के पूरब नदाव गांव के पास यार्ड बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है.”-अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री

टूटकर बिखर जाएगा इंडिया गठबंधन: वहीं उन्होंने इंडिया गठबंधन पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन पूरी तरह से टूटकर बिखर जाएगा. बंगाल की खाड़ी में तो कोई हिन्द महासागर में समा जाएगा. गौरतलब हो कि बक्सर स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन का ठहराव होने से लोगों को राम के कर्मभूमि बक्सर से जन्मभूमि अयोध्या जाने का सीधा मौका मिलेगा. पर्यटन की दृष्टि से भी दोनों शहरो को बढ़ावा मिलेगा।

बक्सर सीट पर RJD और कांग्रेस आमने-सामने, मुन्ना तिवारी ने कहा- ‘जिताऊ प्रत्याशी को मौका मिलना चाहिए’

बक्सर: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से मुखर हो गई है. बक्सर सदर से कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि वे तो 86 साल की उम्र में भी चुनाव लड़ने के लिए अमादा हैं. जब आपकी जाति के लोग ही आपको वोट नहीं देते हैं तो आप चुनाव कैसे जीतेंगे

4 बार जगदानंद सिंह को मिली शिकस्त: बक्सर लोकसभा सीट से आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह 5 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. 4 बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने चारों खाने चित किया है, जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में एक बार उनको जीत हासिल हुई है. राजपूत समाज से आने वाले जगदानद सिंह की अपने ही समाज वोट बैंक पर पकड़ नहीं है. जिसके कारण महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ता है।

क्या कहते हैं कांग्रेस विधायक?: जिला अतिथिगृह में लोगों की समस्याओं को सुन रहे कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने पूछा कि इंडिया गठबंधन से कौन होगा बक्सर लोकसभा सीट का दावेदार? इसका जवाब देते हुए विधायक ने कहा कि बक्सर कांग्रेस का गढ़ है. हमारे गठबंधन के अंदर यह समीक्षा चल रही है कि बेहतर उम्मीदवार कौन होगा, जो एनडीए को शिकस्त देकर यह सीट इंडिया गठबंधन की झोली में डाल सके।

“जगदानंद सिंह पांच बार चुनाव लड़ चुके हैं. कार्यकर्ताओ के परिश्रम के बाद भी चार बार उनकी हार हुई है. 6 बार बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत हासिल किया है. बैनर पोस्टर लगाने से नहीं होगा. जब वह अपने समाज के वोट बैंक में सेंधमारी नहीं कर पा रहे हैं तो वह चुनाव कैसे जीतेंगे. 86 साल की उम्र में भी चुनाव लड़ने के लिए अमादा है.”- संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, विधायक, कांग्रेस

‘बाबा अब जप राम-राम, संसद में नइखे तहार काम..’, ददन पहलवान ने बक्सर से जीत का किया दावा

बक्सरः 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. बक्सर लोकसभा सीट पर भी चुनावी सरगर्मियां तेज हो गयी हैं. जिले की सियासत पर मजबूत पकड़ रखनेवाले पूर्व मंत्री ददन पहलवान ने एक बार फिर बक्सर लोकसभा सीट से न सिर्फ चुनाव लड़ने का एलान किया है बल्कि दावा किया है कि इस बार जनता बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे को भागलपुर भेज देगी।

“अगड़े-पिछड़े में होगी सीधी टक्कर”: ददन पहलवान ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि “इस बार अगड़े-पिछड़े में सीधी टक्कर है और इस चुनाव में एनडीए का पत्ता साफ हो जाएगा”. ददन पहलवान ने कहा कि “यहां किसी की आंधी नहीं चल रही है, यहां बस एक नाम है ददन पहलवान, महिला-पुरुष, बूढ़े, जवान, अगड़ा-पिछड़ा सब कह रहे हैं कि एक बार ददन पहलवान को मौका जरूर मिलना चाहिए.”

संसद में बाबा का क्या कामः ददन पहलवान ने स्थानीय सांसद अश्विनी चौबे पर जमकर निशाना साधा. ददन यादव ने कहा कि “बाबा को अब राममंदिर में जाकर पुजा-पाठ करना चाहिए, उनका संसद में अब क्या काम”. उन्होंने अश्विनी चौबे पर इलाके के लोगों के साथ विश्वासघात का भी आरोप लगाया और कहा कि “इस बार बाबा को भागलपुर भेज दिया जाएगा.”

“बाबा के त पूजा करेके चाहीं राममंदिर बन गइल त. इनिकरा त पुजारी रहे के चाहीं , इनिकर संसद में कवन काम बा, बताईं ना. हम त कहेनीं कि बाबा पूजा कर अब तहार समय लदि गइल.अब टाइम आ गइल बा पूजा-पाठ के.” ददन यादव उर्फ ददन पहलवान, पूर्व मंत्री

“राम के नाम पर कितने दिन टिकेंगे?” ददन पहलवान ने अश्विनी चौबे से पूछा कि “राम के नाम पर कितने दिन राजनीति करेंगे? राम बक्सर के हैं, भागलपुर से थोड़े आए हैं.हमारी धरती से ही राम का इतिहास लिखा गया है, इसलिए इस धरती पर जन्म लेनेवाला व्यक्ति ही इस बार यहां से चुनाव जीतेगा”. ददन पहलवान ने कहा कि “चुनाव जीतने के बाद वो बक्सर के पर्यटन को एक नया रूप देंगे,”

ददन के एलान से सियासी खलबलीः ददन यादव उर्फ ददन पहलवान की बक्सर में खास सियासी पहचान है. जिले के यादव मतदाताओं में उनकी मजबूत पकड़ है. पिछले कई चुनावों से वो बक्सर लोकसभा सीट से लड़ते रहे हैं और अच्छी खासी संख्या में वोट लाते हैं. माना जाता है कि ददन पहलवान के चुनाव लड़ने का सीधा फायदा एनडीए को मिलता है. ऐसे में ददन पहलवान के फिर ताल ठोकने के एलान से स्थानीय सियासत में हलचल है।

बक्सर में आपा खो बैठे अश्विनी चौबे, विरोध करने वाले बागी नेताओं को बताया दुराचारी

बक्सर: 2024 का चुनावी संग्राम से पहले ही, केंद्रीय राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे के खिलाफ बीजेपी के कई नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. सड़क से लेकर पार्टी कार्यालय के अंदर तक कई महीनों से लगातार हो रहे विरोध के कारण भाजपा दो खेमे में बंट गई है. उनका पुतला दहन किया जा रहा है. इस पर अश्विनी चौबे ने गुस्से में कहा कि जो दुराचारी है वही मेरा विरोध कर रहा है।

‘विरोध करने वाले मिट्टी में मिलेंगे’: पार्टी के नेताओं के द्वारा अपने ही पार्टी के सांसद का पुतला जलाने एवं विरोध करने का सवाल जब पत्रकारों ने सांसद अश्विनी कुमार चौबे से पूछा तो उन्होंने कहा कि, “जो दुराचारी है, अत्याचारी है, व्यभिचारी है, वही मेरा विरोध कर रहा है. पुतला जला रहा है. मैं डरने वाला नही हूं. ऐसे लोग मिट्टी में मिल जाएंगे.” वहीं विरोध के बाद भी चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

बीजेपी नेता कर रहे अश्विनी चौबे का विरोध: बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले, स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा किए गए वादों को पूरा नहीं होने के बाद भाजपा के दिग्गज नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. डुमरांव अनुमंडल से लेकर के बक्सर अनुमंडल तक पुतला फूंका जा रहा है।

विश्वामित्र महोत्सव में पहुंचे थे सांसद: लगातार बढ़ रहे बागी नेताओं की संख्या को दबाने के लिए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने जिले के निवर्तमान जिला अध्यक्ष माधुरी कुंवर और पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह पर कार्रवाई भी की. उसके बाद भी इनकी संख्या और बढ़ते ही जा रही है. पार्टी के अंदर लगातार हो रहे विरोध को लेकर मंत्री से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो, उन्होंने अपना आपा खो दिया. बता दें कि अश्विनी चौबे, जिला प्रशासन के द्वारा शहर के ऐतिहासिक किला मैदान में आयोजित विश्वामित्र महोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे।

बक्सर के डुमरांव स्थित बीएमपी 4 के सिपाही की संदिग्ध मौत, बैरक के सामने मिला शव

बिहार के बक्सर के डुमरांव से एक बड़ी खबर आ रही है, जहां डुमरांव स्थित बिहार मिलिट्री पुलिस 4 के एक सिपाही की संदिग्ध मौत हो गई है. इनका शव बैरक के पास लटका पाया गया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

बीएमपी जवान की संदिग्ध मौत ः बीएमपी 4 के डिप्टी कमांडेंट मोहम्मद अली अंसारी ने बताया कि मृतक का नाम गोपाल कृष्ण सिंह हैं जो सहरसा के रहनेवाले थे. इनका स्थानांतरण बीएमपी 4 डुमरांव से बीएमपी 19 बेगूसराय में हो चुका था. दो दिन पूर्व कमान भी ले चुके थे, लेकिन ये अभी वहां गये नहीं थे. डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि मृतक बड़े शांत स्वभाव के थे।

मामले की जांच में जुटी पुलिसः डिप्टी कमांडेंट मोहम्मद अली अंसारी ने ये गोपाल कृष्ण सिंह की सेवा अब करीब डेढ़ से दो वर्ष ही बची थी. घटना की सूचना परिजन को दे दी गई है. उनके पुत्र बक्सर के लिए निकल चुके हैं. पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर आगे कार्रवाई में जुट गई है।

“गोपाल कृष्ण सिंह बड़े शांत सवभाव के थे, उनको किसी से कोई मतलब नहीं था. फिर भी इस तरह की घटना हुई है. ये तो जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसके कारण के बारे में कुछ कहा जा सकता है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है”- मोहम्मद अली अंसारी, डिप्टी कमांडेंट

पहले भी हो चुकी ऐसी घटनाएंः आपको बता दें कि इससे पहले जून 2022 को बीएमपी-4 के एक जवान भोला प्रजापति का शव संदिग्‍ध हालात में बक्‍सर के डुमरांव स्थित ट्रेनिंग सेंटर में पाया गया था. मरने वाले जवान गया का रहने वाले थे. वहीं पिछले साल 2023 में भी डुमरांव अनुमंडल स्थित बीएमपी-फोर में एक एसआई की मौत हो गयी थी, एसआई शंकर राम कैमूर जिला के भभुआ के रहने वाले थे और अब इस साल 2024 में एक और जवान की संदिग्ध मौत हुई है।

बक्सर में तेजस्वी यादव का खुलासा, नीतीश कुमार मेरे पिता और माता के पास आकर…

बक्सर: जन विश्वास यात्रा के तहत तेजस्वी यादव बक्सर पहुंचे. बक्सर के किला मैदान में पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हुंकार भरी. इसमें आरजेडी, कांग्रेस, भाकपा माले सहित अन्य महागठबंधन दलों के कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत झोंक दी थी. जनसभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा।

तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार मेरे पिता लालू यादव और मेरी माता राबड़ी देवी के पास आकर माफी मांगते हुए बोले थे कि बीजेपी हमें तोड़ने का काम कर रही है. अब हमें मिलकर साथ होते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को नेस्तनाबूद कर देना है. मगर हमने शर्त रखी थी कि जो हमने जनता से नौकरी देने का वादा किया है उसे पूरा करना पड़ेगा. इसी शर्त पर हमने नीतीश कुमार को समर्थन दिया और 17 महीनों में पांच लाख नौकरी दी।

तेजस्वी यादव ने सभा में कहा कि मेरी ए टू जेड की पार्टी है. हम सभी का सम्मान करते हुए सबको एक साथ लेकर चलने का कार्य करेंगे. कार्यकर्ताओं की भीड़ तेजस्वी के पास जाने के लिए बेकाबू दिखी. कार्यकर्ताओं में युवा पीढ़ी ऐसे भी थे कि मंच के डी एरिया में घुसकर मंच पर चढ़ते दिखे. इतना ही नहीं मंच पर तेजस्वी को माल्यार्पण तक नहीं करने दिया. मंच से जाते समय सुरक्षाकर्मी के साथ-साथ ब्रह्मपुर विधायक शंभू यादव गिर पड़े. फिर सुरक्षाकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें रथ में बैठाया।