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I.N.D.I.A. गठबंधन के अध्यक्ष बने मल्लिकार्जुन खरगे, नीतीश ने संयोजक बनने से किया इनकार

INDI गठबंधन की बैठक को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इंडी गठबंधन का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं संयोजक पद का प्रस्ताव नीतीश कुमार को दिया गया लेकिन उन्होंने ये पद लेने से इनकार कर दिया। अब ममता बनर्जी से चर्चा के बाद संजोयक पद का फैसला किया जाएगा। बता दें कि इंडी गठबंधन की बैठक में 10 पार्टियां शामिल हुई हैं।

नीतीश कुमार ने क्या कहा?

नीतीश ने कहा कि मेरी किसी पद में दिलचस्पी नहीं है। कांग्रेस से ही संयोजक बनना चाहिए। गौरतलब है कि आज INDI अलायंस की वर्चुअल बैठक हो रही है। इस बैठक की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एवं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार समेत अन्य नेता नजर आ रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी मौजूद हैं। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद हैं। बता दें कि बैठक के एजेंडे के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा था कि इस बैठक में सीट बंटवारे के साथ ही ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ और कुछ अन्य विषयों को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

यह बीजेपी की साजिश, जिसकी आस्था हो वह कभी भी जाए अयोध्या: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी के रामलला प्राण प्रतिष्ठा में ना जाने से बवाल मचा हुआ है। बीजेपी समेत कई ने दल इस फैसले को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के ही कई नेता पार्टी आलाकमान के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। वहीं अब इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि इस बारे फालतू का विवाद किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जो भी आस्था रखते हैं वो किसी भी दिन अयोध्या जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कि कांग्रेस बीजेपी की साजिश में आने वाली नहीं है और बेरोजगारी के मुद्दे को उठाती रहेगी। खरगे ने कहा कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए जो निमंत्रण मिला है वो व्यक्तिगत था और वह इस बारे में बात करेंगे। उनका कहना था, ‘‘जो आस्था रखने वाले लोग हैं, वो आज, कल या परसो, जब चाहें अयोध्या जा सकते हैं। मैंने यह बात पहले ही स्पष्ट की थी यह भाजपा की एक साजिश है और वह इस विषय को लेकर बार-बार वार रही है।’’

‘उनकी पार्टी ने किसी धर्म या धर्मगुरु को कभी दुख नहीं पहुंचाया’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने किसी धर्म या धर्मगुरु को कभी दुख नहीं पहुंचाया है। खरगे ने कहा, ‘‘हमारे मुद्दे केवल ये हैं कि मोदी सरकार ने बेरोज़गार युवाओं के लिए क्या काम किया, महंगाई के बारे में क्या कदम उठाए ? सीमा पर चीनी घुसपैठ पर क्या बोले?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘हमें दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग और समाज के ग़रीब तबके की चिंता है, जो बीजेपी को नहीं है।’’

वहीं इससे पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी आलाकमान पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का न्योता ठुकराना कांग्रेस पार्टी को बहुत भारी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने मंदिर का ताला खुलवाया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने राम मंदिर न्यास को 46 एकड़ जमीन देने की बात कही। यहां तक सब ठीक था, लेकिन इसके बाद वीर बहादुर सिंह सीएम पद से हट गए और राजीव गांधी की हत्या हो गई।

जिन्होंने लड़ाई लड़ी, अब वही फैसले ले रहे 

इसके बाद राम मंदिर की लड़ाई को पूरे देश के साधू-संतों ने लड़ी। इसमें बुद्धिजीवी वर्ग के लोग, राजनीतिक दल समेत कई लोग शामिल हुए और इस लड़ाई को लड़ा। इन्होने कोर्ट में लड़ाई लड़के जीती और मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया। अब मंदिर को लेकर निर्णय वही लोग करेंगे। कांग्रेस पार्टी के निमंत्रण ठुकराने को लेकर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि इससे हम क्या संदेश दे रहे हैं? राजीव गांधी ने मंदिर का ताला खुलवाया था तो आप कौन हैं मना करने वाले?

चुनाव में दिखेगा न्योता ठुकराने का परिणाम

उन्होंने कहा कि आलाकमान ने कुछ ऐसे सलाहकार रखे हुए हैं, जिन्होंने यह फैसला करवाया है। इससे फायदा कुछ नहीं बल्कि नुकसान ही होगा। चुनावों में अभी तक जैसे फैसले आ रहे थे, वैसे ही आएंगे। वहीं फैसले के पुनर्विचार को लेकर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि अब जो नुकसान होना था, वह हो गया है। अब फैसला बदल भी लेने से कोई फायदा नहीं होगा। अब कांग्रस पार्टी को आगामी चुनावों में इसका परिणाम भुगतना होगा।

सच हो रहा करोड़ों रामभक्तों का सपना, पीएम मोदी करेंगे सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व: लालकृष्ण आडवाणी

22 जनवरी को अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। यह दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। इस दिन को देखने एक लिए हजारों रामभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। हजारों लोगों ने अपना घर त्याग कर दिया। लाठियां खाई, कोर्ट में केस लड़ा। तब जाकर यह दिन आया है। 1980 के बाद राम मंदिर आंदोलन कुछ हल्का सा पड़ गया था, लेकिन इसके बाद साल 1990 में भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अलग ही अलख जगा दी। उन्होंने इसके लिए गुजरात के सोमनाथ से यात्रा निकाली।

इस यात्रा को 33 साल पूरे हो गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा भी अब दूर नहीं है। इससे पहले लालकृष्ण आडवाणी ने  मासिक पत्रि‍का ‘राष्‍ट्रधर्म’ से बातचीत की। इसमें उन्होंने कहा कि वे श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा देखने के लिये आतुर हैं। उन्होंने कहा कि इस पल को लाने, रामलला का भव्‍य मंदिर बनवाने और उनका संकल्‍प पूर्ण कराने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं।

‘मुझे नहीं पता था कि यात्रा आंदोलन में बदल जाएगी’

लालकृष्ण आडवाणी अपनी रथयात्रा के अविस्‍मरणीय पल को याद करते हुये कहते हैं कि रथयात्रा को आज करीब 33 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। 25 सितंबर, 1990 की सुबह रथयात्रा आरम्‍भ करते समय हमें यह नहीं पता था कि प्रभु राम की जिस आस्‍था से प्रेरित होकर यह यात्रा आरम्‍भ की जा रही है, वह देश में आंदोलन का रूप ले लेगा। उस समय वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सहायक थे। वे पूरी रथयात्रा में उनके साथ ही रहे। तब वे ज्‍यादा चर्चि‍त नहीं थे। मगर राम ने अपने अनन्‍य भक्‍त को उस समय ही उनके मंदिर के जीर्णोद्धार के लिये चुन लिया था। आडवाणी जी स्‍वयं भी ऐसा मानते हैं कि उनकी राजनीतिक यात्रा में अयोध्‍या आंदोलन सबसे निर्णायक परिवर्तनकारी घटना थी, जिसने उन्‍हें भारत को पुन: जानने और इस प्रक्रि‍या में अपने आपको भी फिर से समझने का अवसर दिया है।

‘रथ आगे बढ़ रहा था और उसके साथ ही जनसैलाब भी जुड़ता गया’

अपनी यात्रा सम्‍बंधी संघर्षगाथा के संदर्भ में वे कहते हैं कि रथ आगे बढ़ रहा था और उसके साथ ही जनसैलाब भी जुड़ता जा रहा था। जनसमर्थन गुजरात से बढ़ता हुआ महाराष्‍ट्र में व्‍यापक हो गया और उसके बाद के सभी राज्‍यों में भी उत्‍तरोत्‍तर बढ़ता जा रहा था। यात्रा में ‘जय श्रीराम’ व ‘सौगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे’ के गगनभेदी नारे गूंजते रहते थे। उन्‍होंने कहा, ‘रथयात्रा के समय ऐसे कई अनुभव हुये जिन्‍होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया। सुदूर गांव के अंजान ग्रामीण रथ देखकर भाव-विभोर होकर मेरे पास आते। वे प्रणाम करते। राम का जयकारा करते और चले जाते।’ यह इस बात का संदेश था कि पूरे देश में राम मंदिर का स्‍वप्‍न देखने वाले बहुतेरे हैं। वे अपनी आस्‍था को जबरन छि‍पाकर जी रहे थे। 22 जनवरी, 2024 को मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा के साथ ही उन ग्रामीणों की दबी हुई अभिलाषा भी पूर्ण हो जायेगी।

‘नियति ने यह निश्‍चि‍त कर लिया था’

इसके अतिरिक्‍त वे यह भी कहते हैं कि कोई भी घटना अंतत: वास्‍तविकता में घटित होने से पहले व्यक्त‍ि के मन-मस्तिष्‍क में आकार लेती है। उस समय मुझे लग रहा था कि नियति ने यह निश्‍चि‍त कर लिया है कि एक दिन अयोध्‍या में श्रीराम का एक भव्‍य मंदिर अवश्‍य बनेगा। बस, अब केवल समय की बात है। आडवाणी जी बताते हैं कि रथयात्रा आरम्‍भ होने के कुछ दिनों बाद ही मुझे इसका अनुभव हो गया था कि मैं तो मात्र एक सारथी था। रथयात्रा का प्रमुख संदेशवाहक स्‍वयं रथ ही था और पूजा के योग्‍य इसलिये था क्‍योंकि वह श्रीराम मंदिर के निर्माण के पवित्र उद्देश्‍य की पूर्ति के लिये उनके जन्‍मस्‍थान अयोध्‍या जा रहा था। वे इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद करते हैं। प्राण प्रतिष्‍ठा के भव्‍य आयोजन में वे उनकी कमी को महसूस कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद अब इस राज्य में भी 22 जनवरी को शराब के दुकान बंद, मुख्यमंत्री ने दिया आदेश

22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस कार्यक्रम के लिए पूरे देशभर में तैयारियां की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में तो 22 जनवरी की सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसके साथ ही इस दिन राज्य में ड्राई डे भी घोषित किया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी 22 जनवरी को सभी ठेके बंद रहेंगे।

शुक्रवार को देहरादून में हुई एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बाबत आदेश दिए। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि 14 से 22 जनवरी 2024 तक राज्य में सांस्कृतिक महोत्सव के तहत भव्य आयोजन किये जाएं। वहीं जिलों के मंदिरों, घाटों, प्रतिष्ठानों एवं शहरों में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को सभी प्रमुख मंदिरों और गुरुद्वारों में प्रसाद वितरित किया जाना चाहिए।

यूपी में भी 22 जनवरी को रहेगा ड्राई डे 

वहीं इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिन पूरे प्रदेश में शराब के ठेकों को बंद करने का आदेश जारी किया है। आबकारी विभाग ने प्रदेश के सभी आबकारी आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि 22 जनवरी को सभी शराब के ठेके बंद रखे जाएं।

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी 

प्रदेश के आबकारी आयुक्त की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसे देखते हुए प्रदेश की सभी मदिरा की दुकानें बंद रहेंगी। इस पत्र में कहा गया है कि इस बंदी के लिए लाइसेंसधारी किसी प्रतिकार या दावे का हकदार नहीं होगा। आबकारी आयुक्त ने कहा है कि सभी जिला आबकारी अधिकारी इस आदेश का कड़ाई से पालन कराएं।

नीतीश कुमार ने I.N.D.I.A. गठबंधन का संयोजक बनने से किया इंकार, ममता ने बैठक से किया किनारा

विपक्षी दलों के गठबंधन की बड़ी बैठक शनिवार को हुई वर्चुअल मोड में हुए  इंडिया गठबंधन की बैठक में  नीतीश को संयोजक बनाने का प्रस्ताव आया तो नीतीश ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया . नीतीश ने कहा कि कांग्रेस से ही किसी को इंडी गठबंधन का संयोजक बनाया जाए.

स्टालिन ने सीएम नीतीश को संयोजक बनाने का प्रस्ताव लाया लेकिन नीतीश ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया.बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, राजद सुप्रीमो लालू यादव, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी नेता शरद पवार सहित गठबंधन के घटक दलों के कई नेता इस बैठक में शामिल थे. पहली बार ऑनलाइन जुड़े तमाम नेताओं में सीट बंटवारे, संयोजक जैसे मुद्दों पर मुख्य रूप से चर्चा हुई.

बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अलावा सभी पार्टियाँ  शामिल हैं. कहा जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर ममता बनर्जी और कांग्रेस में कुछ मतभेद है. इसी कारण ममता की पार्टी आज की बैठक से किनारा कर लिया.

गठबंधन में सब ठीक,सीट बंटवारे पर दिक्कत नहीं : तेजस्वी यादव

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सीट बंटवारा का मसला कोई भी दल पत्रकारों को नहीं बताता है। यह सब आंतरिक बात है। हम महागठबंधन के लोग मिलकर सुलझा लेंगे, सीट तो बंटेगा ही। शुक्रवार की सुबह उपमुख्यमंत्री मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

तेजस्वी ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन में सब ठीक है। कही से कोई दिक्कत नही होने वाली। बातचीत चल रही है। उन्होंने फुलवारीशरीफ कांड को लेकर कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। सरकार मामले की गंभीरता से जांच करवा रही है। इसके पहले उन्होंने कहा कि बच्चों को उच्च कोटि की शिक्षा मिले। उनका भविष्य बेहतर हो। हमलोग लगातार शिक्षकों की नियुक्ति का काम कर रहे हैं। हम लोगों ने जो वादा किया है, उसे पूरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इससे पहले भी हमलोगों ने 1.20 लाख शिक्षकों की बहाली की है।

लोग कहा करते थे कि नियोजित शिक्षकों का भगवान भी आ जाए तो कुछ नहीं होगा, उनसभी लोगों को राजकीय दर्जा दिया गया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बिहार दौरे से जुड़े सवाल पर कहा कि कोई कहीं भी आ-जा सकता है, इसमें क्या कहना है।

कौन होगा संयोजक, किसे मिलेंगी कितनी सीटें… INDIA गठबंधन की अहम बैठक आज, ममता ने किया किनारा

इंडिया गठबंधन अभी तक चार बैठकें कर चुका है, इसमें सीट बंटवारे से लेकर अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई, लेकिन अब भी इसमें शामिल दलों के बीच तकरार जारी है। सीट बंटवारे की स्थिति साफ नहीं है।

आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए बने I.N.D.I.A ब्लॉक के शीर्ष नेता आज शनिवार (13 जनवरी) को एक वर्चुअल मीटिंग करेंगे. इसमें गठबंधन को मजबूत करने, सीट बंटवारे पर रणनीति बनाने और अलायंस के संयोजक के चयन को लेकर चर्चा होगी. हालांकि तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं होंगी. बताया जा रहा है कि वह किसी और कार्यक्रम में व्यस्त रहेंगी।

सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में सबसे अहम चर्चा विपक्षी गठबंधन के संयोजक की नियुक्ति पर होगी. जेडीयू नीतीश कुमार को संयोजक बनाना चाहती है, लेकिन बताया जा रहा है कि टीएमसी इसका विरोध कर रही है. बता दें कि इससे पहले भी इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने वर्चुअल मीटिंग में इन सब मुद्दों पर चर्चा की कोशिश की थी, लेकिन तब बात नहीं बन पाई थी।

टीएमसी ने कहा, बीजेपी को हराने के लिए प्रतिबद्ध

वहीं, टीएमसी सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम को बैठक के बारे में जानकारी दी गई थी, लेकिन शनिवार को सीएम ममता बनर्जी के कई कार्यक्रम पहले से निर्धारित हैं, ऐसे में वह इस बैठक में शामिल नहीं हो सकती हैं. पार्टी इंडिया ब्लॉक और बीजेपी को हराने के लिए प्रतिबद्ध है।

सुबह 11:30 बजे से शुरू होगी बैठक

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, इंडिया पार्टी के नेता 13 जनवरी 2024 को सुबह 11:30 बजे वर्चुअल बैठक करेंगे. इसमें विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की जाएगी।

कई बैठकों के बाद भी नहीं बन पा रही बात

इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सबसे ज्यादा तकरार देखने को मिल रही है. यह खींचतान कई राज्यों में है. इससे पहले भी इंडिया गठबंधन कई मीटिंग कर चुका है. गठबंधन की पहली बैठक पटना में 23 जून 2023 को हुई थी. दूसरी बैठक 17,18 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में हुई थी. गठबंधन ने अपनी तीसरी बैठक मुंबई में 31 और 1 सितंबर 2023 को की थी. चौथी बैठक दिसंबर में दिल्ली में हुई थी. इन सभी मीटिंग में तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन इतनी बैठकों के बाद भी सीट बंटवारे को लेकर तकरार जारी है।

‘पालघर जैसी लिंचिंग’, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में साधुओं पर ‘हमले’ को लेकर बीजेपी का ममता सरकार पर निशाना

बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शाहजहां शेख जैसे अपराधी को संरक्षण दिया जाता है और साधुओं पर हमले हो रहे हैं।

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में साधुओं के एक ग्रुप को कथित तौर पर भीड़ के पीटने का वीडियो सामने आया है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा है. वहीं टीएमसी ने इन आरोपों पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी।

पश्चिम बंगाल बीजेपी ने शुक्रवार (12 जनवरी) को पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की ओर से शेयर किए वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “ममता बनर्जी की गहरी चुप्पी शर्मशार करने वाली. क्या ये साधु आपकी मान्यता के योग्य नहीं हैं? अत्याचार जवाबदेही की मांग करता है”

वायरल वीडियो में क्या?

सोशल मीडिया पर एक 30 सेकेंड की फुटेज वायरल हो रही है जिसमें कथित तौर पर साधुओं के समूह को भीड़ की ओर से निर्वस्त्र करते और उन पर हमला करते हुए देखा जा सकता है. हालांकि एबीपी न्यूज इस वीडियो की प्रमाणिकता का पुष्टि नहीं करता है।

वहीं बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इस घटना की तुलना साल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर मॉब लिंचिंग से करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से चौंका देने वाली घटना सामने आई है. मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा।”

  1. अमित मालवीय ने कहा, बंगाल में हिंदू होना अपराध है. बीजेपी नेता ने कहा, “ममता बनर्जी के शासन में शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है और साधुओं को पीट-पीटकर मार डाला जाता है।”

इस बीच, बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी हमले को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “पुरुलिया से चौंकाने वाली घटना. गंगासागर जा रहे साधुओं को टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा, जो पालघर त्रासदी की तरह है. ममता बनर्जी के शासन में, शाहजहां जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है, जबकि साधुओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है. पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है।”

आबकारी घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को चौथा समन, 18 जनवरी को ईडी करेगी पूछताछ

ईडी ने दिल्ली आबकारी मामले में अरविंद केजरीवाल को दो नवंबर, 21 दिसंबर और 3 जनवरी 2024 को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। सीएम तीनों बार ईडी के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को चौथा समन जारी किया. ईडी ने उन्हें दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए चौथी बार समन जारी किया है. ईडी ने  दिल्ली के सीएम को 18 जनवरी को दफ्तर में शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है. अब देखना यह है कि आप  के राष्ट्रीय संयोजक चौथी बार पूछताछ में शामिल होते हैं या नहीं।

इससे पहले ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के सीएम को दो नवंबर 2023, 21 दिसंबर 2023 और 3 जनवरी 2024 को पूछताछ के लिए बुलाया था. तीनों बार ईडी के सामने पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए. हर बार उन्होंने एक चिट्ठी जारी कर ईडी के समन का गैर कानूनी बताया और इस बात का जवाब मांगा कि आखिर उन्हें प्रवर्तन निदेशालय किस हैसियत से बुलाना चाहता है, पहले वो इस बात को स्पष्ट करे।

ED का समन राजनीति से प्रेरित

आम आदमी पार्टी के नेता भी सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी की ओर से जारी समन को राजनीति से प्रेरित और गैर जरूरी बताते आये हैं. आप नेताओं का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल को भारतीय जनता पार्टी के नेता किसी भी तरह एक साजिश के तहत गिरफ्तार कराना चाहती है. जबकि अरविंद केजरीवाल के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं किया है. सीएम अरविंद केजरीवाल खुद बता चुके हैं कि वो जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं. बशर्तें, ईडी दफ्तर में पेश होने से पहले ईडी उनके सवाल को जवाब दे दे. आपने नेताओं यह भी कहना है कि ईडी का यह समन भी पिछले समन की तरह गैर कानूनी है. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए वापस लेने की मांग की थी।