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कान्हा की धरती मथुरा पर राजनीति के रण में कई धुरंधर उतरने को तैयार, हेमा मालिनी व कंगना रनौत में छिड़ी जंग

कान्हा की धरती पर राजनीति के रण में कई धुरंधर उतरने को तैयार हैं। यहां सियासी हवा ऐसी चल रही है कि लोकसभा चुनाव के लिए रोज नए दावेदार आ रहे हैं। मथुरा नगरी में दो बार से फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी सांसद हैं। अब यहां से फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत भी राजनीतिक रण में मुकाबला करना चाहती हैं। राजनीतिक गलियारे में ये सवाल बार-बार उठ रहा है कि कान्हा के अंगना में इस बार हेमा होंगी या कंगना। जवाब भविष्य में आएगा, लेकिन राजनीतिक माहौल जरूर सरगर्म है।

नाम पर टिकट को लेकर असमंजस

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में हेमा मालिनी यहां से चुनाव जीतीं। इसके पीछे बड़ा कारण उनका फिल्मी दुनिया में बड़ा नाम था, दूसरा जाटलैंड वह जाट प्रत्याशी थीं। इस बार हेमा मालिनी के नाम पर टिकट को लेकर असमंजस है, उसका भी मजबूत कारण है।

भाजपा की नीतियों के मुताबिक, 75 वर्ष की उम्र पार करने वालों को टिकट देने में पार्टी संकोच करती है। हालांकि, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुछ उम्रदराज लोगों को राजनीतिक रण में उतारकर उम्र की सीमा की बाध्यता खत्म करने के संकेत दिए हैं। इधर, हेमा मालिनी बराबर चुनाव लड़ने की बात कह रही हैं।

कंगना रनौत के बयान ने बढ़ाई सरगर्मी

इस सियासी सरगर्मी के बीच फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने शुक्रवार को गुजरात में द्वारकाधीश के दर्शन किए। लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि श्रीकृष्ण की कृपा होगी तो जरूर लड़ेंगे। भले ही उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से मथुरा का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा मथुरा लोकसभा के लिए था।

बीते दो वर्ष में करीब तीन बार कंगना रनौत मथुरा आईं। यहां ब्रज के मंदिरों के दर्शन किए। कान्हा से अपना अटूट रिश्ता बताया। बार-बार उनके ब्रज भ्रमण और विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रवादी पार्टी का प्रचार करने की बात ने उनके मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़ने को हवा दी।

हेमा ने कहा था- सेलिब्रिटी ही क्यों

शुक्रवार को उनके द्वारका में दिए बयान ने फिर इन बातों को बल दिया। पूर्व में कंगना रनौत के चुनाव लड़ने के सवाल पर सांसद हेमा मालिनी ने कहा था कि आप सेलिब्रिटी ही क्यों चाहते हैं। स्थानीय लोग भी तो हैं।

कंगना रनौत के चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर शनिवार को दैनिक जागरण से फोन पर हेमामालिनी ने कहा कि लोग आगे आ रहे हैं, ये अच्छी बात है। पार्टी निर्णय करेगी। इससे ज्यादा वह कुछ नहीं बोलीं। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सियासी गलियारे में असमंजस बढ़ता जा रहा है।

नितीश बोले- नो कमेंट

महाभारत धारावाहिक में भगवान श्रीकृष्ण का अभिनय करने वाले पूर्व सांसद नितीश भारद्वाज के भी मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। चर्चा है कि वह कृष्ण की अपनी छवि का उनकी नगरी में राजनीतिक रूप से फायदा ले सकते हैं।दैनिक जागरण ने शनिवार को उनसे फोन पर बात की, तो उन्होंने न तो इस चर्चा को खारिज किया और न ही बल दिया। दो टूक कहा कि नो कमेंट। इस कमेंट पर चुनावी संभावनाएं अभी जिंदा हैं।

अमित शाह के बिहार आगमन के पहले नीतीश कुमार हुए एक्टिव; सुबह सुबह ललन सिंह के घर पहुंचे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने दल के नेताओं के घर पर अचानक से जाकर उनसे मुलाकात कर रहे हैं. इसी क्रम में रविवार को एक बार फिर से सीएम नीतीश सुबह सुबह जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के घर पहुंच गए. उन्होंने कुछ समय तक ललन सिंह के घर में समय बिताया और फिर वे वहां से रवाना हो गए. सीएम नीतीश का अचानक से ललन सिंह के घर जाने को उनके उसी क्रम का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें वे कई नेताओं के घर अचानक से धमक जा रहे हैं. सीएम नीतीश की ललन सिंह से हुई मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात के तौर पर देखा जा रहा है.

संयोग से दोनों नेताओं के बीच की यह मुलाकात उस दिन हुई है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के मुज्जफरपुर आ रहे हैं. भाजपा नेता के मुजफ्फरपुर आगमन के ठीक पहले जदयू के शीर्ष नेताओं की हुई इस मुलाकात से अब सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है. दरअसल सीएम नीतीश ने रविवार को न सिर्फ ललन सिंह से मुलाकात की बल्कि वे जदयू के पूर्व बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से भी मुलाकात की. ऐसे में जदयू के दो शीर्ष नेताओं से नीतीश कुमार की हुई इस मुलाकात को बेहद खास माना जा रहा है.

वहीं  एक दिन पहले नीतीश कुमार नेअपने मंत्रिमंडल सहयोगी और वरिष्ठ जदयू नेता विजय चौधरी के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी. अमित शाह के बिहार के आगमन के पहले जदयू के तमाम नेताओं से नीतीश कुमार की इन मुलाकातों को लेकर कई तरह की कयासबाजी जारी है. संयोग से एक दिन पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने फोन पर सीएम नीतीश से बात की थी. दोनों के बीच ‘इंडिया’ गठबंधन के विभिन्न मुदूं पर चर्चा होने की बातें सामने आई थी.

इतना ही नहीं नीतीश कुमार से मुलाकात करने वालों में राजद सुप्रीमो लालू यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी रहे हैं. दोनों पिता-पुत्र ने शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री आवास जाकर सीएम नीतीश से मुलाकात की थी. बिहार के मुख्यमंत्री का अचानक से अपने सहयोगियों और गठबंधन के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला बढने के पीछे की वजह क्या है, इस पर पार्टी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. इस बीच 6 नवंबर से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और उसके पूर्व नीतीश कुमार का ललन सिंह से मिलना कई सियासी अटकलों को जन्म दे रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे पटना, बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ मुजफ्फरपुर रवाना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत पटना पहुंचे. वे दोपहर करीब 1 बजे पटना हवाईअड्डे पर उतरे जहाँ बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया. अमित शाह यहां से विशेष हेलिकॉप्टर से मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुए.

उनके साथ सम्राट चौधरी सहित अन्य भाजपा नेता भी रवाना हुए. मुजफ्फरपुर के पताही हवाईअड्डे के ग्राउंड पर अमित शाह की रैली होगी.  गृह मंत्री के आगमन को लेकर पटना के डीएम व एसपी समेत प्रशासन की बड़ी टीम एयरपोर्ट पर तैनात रहे.

10 महीने में छठी बार बिहार दौरे पर अमित शाह, जातिगत गणना और कानून-व्यवस्था पर नीतीश सरकार को घेरेंगे गृहमंत्री

पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निशाने पर बिहार है. अमित शाह के कंधों पर बिहार को साधने की जिम्मेदारी है. पिछले 10 महीने के दौरान वह पांच बार बिहार आ चुके हैं, इस बार 5 नवंबर को छठे दौर पर रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंच रहे हैं. उनका ये दौरा बेहद महत्वपूर्ण है. मुजफ्फरपुर से अमित शाह एक तीर से कई निशान साधने की तैयारी में हैं।

गृह मंत्रीमुजफ्फरपुर में किसानों को संबोधित करेंगे. खास बात यह है कि सभा स्थल पर वह करीब 2 घंटे तक मौजूद रहेंगे. जानकारी के मुताबिक सुबह 11:00 कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इस कार्यक्रम में बीजेपी के तमाम बड़े नेता हिस्सा लेंगे. केंद्रीय गृहमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय और आरके सिंह मौजूद रहेंगे. पार्टी के सांसद और विधायक भी कार्यक्रम में मौजूद होंगे. इसके अलावे उत्तर बिहार के सभी जिलों के जनप्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

जातिगत गणना की रिपोर्ट आने के बाद गृह मंत्री अमित शाह का पहला बिहार दौरा है और जिस तरीके से जातिगत जनगणना को लेकर बिहार में विवाद खड़ा हुआ है, वैसे में सब की नजर अमित शाह पर टिकी है कि इसको लेकर उनका रुख क्या होता है. इसके अलावा जिस तरीके से गांधी मैदान में 120000 युवाओं को नौकरी दी गई और महागठबंधन की ओर से वाहवाही ली जा रही है, वैसे में गृहमंत्री नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को लेकर भी महागठबंधन सरकार को घेरेंगे।

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले सुशील कुमार मोदी ने JDU-RJD को घेरा, नीतीश सरकार से कर दी ये मांग

बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र छह से 10 नवंबर तक चलेगा. इससे पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार से बड़ी मांग कर दी है. सुशील मोदी ने कहा कि विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सरकार को जातीय सर्वे की पंचायत-वार रिपोर्ट और इस सर्वे के आधार पर तैयार होने वाले विकास मॉडल का प्रारूप सदन में रखना चाहिए।

बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि नगर निकाय चुनाव में आरक्षण देने के लिए पिछले साल बिहार सरकार ने डेडीकेटेड अतिपिछड़ा आयोग गठित किया था. उसकी रिपोर्ट जारी नहीं हुई. वह रिपोर्ट भी विधानमंडल में प्रस्तुत की जानी चाहिए. जातीय गणना का श्रेय लूटने में लगे आरजेडी-जेडीयू को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सकारात्मक वक्तव्य से तीखी मिर्ची लग रही है. वे बीजेपी की छवि बिगाड़ने के लिए केंद्र की प्रतिकूल टिप्पणी की उम्मीद कर रहे थे।

सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे कराने का निर्णय उस एनडीए सरकार का था, जिसमें बीजेपी के 14 मंत्री थे. उस समय आरजेडी सरकार में नहीं थी. सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार आज उस कांग्रेस के साथ हैं, जिसने कई दशकों तक केंद्र और राज्यों की सत्ता में रहने के बाद भी न जातीय जनगणना कराई, न पिछड़ों को आरक्षण दिया।

जीतन राम मांझी ने किया बड़ा दावा, …तो नीतीश, लालू और तेजस्वी की मुलाकात की वजह ये है?

गया: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी. 40 मिनट की बैठक में क्या कुछ बातें हुईं यह सामने नहीं आया है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दावा करते हुए इस पर बड़ा बयान दिया है. शनिवार (04 नवंबर) को मांझी ने गोदावरी स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में इसकी वजह बताई है।

जीतन राम मांझी ने कहा कि अभी कांग्रेस 5 राज्यों के चुनाव में लगी है तो नीतीश कुमार की ‘घमंडिया’ सरकार को लगा होगा कि तिरस्कार के रूप में कांग्रेस को देखा. लालू यादव और तेजस्वी यादव को यह खटका कि कहीं फिर नीतीश कुमार पलटी न मार दें. इस परिस्थिति में लालू और तेजस्वी यादव दोनों सीएम आवास पहुंच गए. बताया होगा कि आप चिंता मत कीजिए. इसी राजनीति के तहत दोनों नीतीश कुमार को समझाने गए होंगे।

आगे मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था कि 2023 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना देंगे. अब तो 2023 का 11वां महीना चल रहा है. ऐसी परिस्थिति में अभी तक नहीं बनाए हैं तो लालू यादव के सब्र का बांध टूटते हुए नजर आ रहा है इसलिए वह कभी-कभी दूरी बनाना चाहते हैं।

जीतनराम मांझी ने कहा की नीतीश कुमार दबाव डालने के लिए कभी बीजेपी की तो कभी नरेंद्र मोदी की तारीफ कर देते हैं. अब लालू यादव ने राहुल गांधी को कह दिया कि आप शादी कीजिए हम लोग बारात जाने के लिए तैयार हैं. उसके बाद नीतीश कुमार की जितना भी आशा और अपेक्षा थी वह सब टूटती हुई दिख रही है. वह बेचैन हो गए हैं. इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार को कन्वीनर तक नहीं बनाया गया।

रोजगार देने में आगे बढ़ चुका है बिहार, अमित शाह के आने से नहीं पड़ेगा फर्क’- शिक्षा मंत्री का भाजपा पर हमला

बिहार के शिक्षा मंत्री डॉक्टर चंद्रशेखर ने शनिवार 4 नवंबर को नव नियुक्त शिक्षकों से मुलाकात की. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा. कहा कि अभी तक हम लोगों ने 1 लाख 20 हजार शिक्षक को नियुक्ति की है. अगले चरण में भी 1 लाख 10 हजार शिक्षकों को नियुक्त करना है. उसकी भी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम लोगों ने जो वादा किया था युवाओं को सरकारी नौकरी देंगे वह भी पक्की, इस पर काम कर रहे हैं. आगे भी यह काम होते रहेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार सरकार युवाओं को नौकरी दी जा रही है. इसको लेकर भाजपा के नेताओं में बेचैनी है. वह कितना भी बेचैन हो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. युवा जान रहे हैं कि उनका भविष्य कहां है और कौन किसके लिए काम कर रहा है।

शिक्षा मंत्री ने कहा की भाजपा के लोग अपनी बात नहीं करते हैं. सालाना 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, वह कहां गया. उसकी बात नहीं करते हैं और बिहार सरकार अगर युवाओं को नौकरी दे रही है तो उसे पर तरह-तरह के बात कर रहे हैं।

विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता की हत्या, नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से किया था वार

छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता रतन दुबे की शनिवार को नारायणपुर जिले में अज्ञात नक्सलियों ने हत्या कर दी। यह घटना 7 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तीन दिन पहले हुई। दुबे, जो नारायणपुर में भाजपा के जिला अध्यक्ष थे, की हत्या उस समय कर दी गई जब वह कौशलनार गांव में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक दुबे पर अज्ञात नक्सलियों ने धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंच गई है और इस हत्या में शामिल लोगों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

भाजपा नेताओं ने की निंदा, चुनाव आयोग से लगाई गुहार 

हत्या की इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए बीजेपी नेता ओम माथुर ने एक्स पर एक संदेश में कहा, “छत्तीसगढ़ बीजेपी के नारायणपुर विधानसभा संयोजक और नारायणपुर जिला उपाध्यक्ष रतन दुबे जी की अभियान के दौरान नक्सलियों द्वारा की गई नृशंस हत्या से मुझे गहरा दुख हुआ है। उन्होंने कहा, पूरी पार्टी नक्सलियों की इस कायरतापूर्ण घटना की निंदा करती है।”

नारायणपुर में बीजेपी नेता की हत्या पर बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल का कहना है, ”लगातार बीजेपी कार्यकर्ताओं की टारगेट हत्या हो रही है. कुछ दिन पहले मोहला-मानपुर में हुई और अब आज नारायणपुर में हुई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं है। हम चुनाव आयोग से कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने का अनुरोध करेंगे…”

बता दें कि इससे पहले 20 अक्टूबर को मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के सरखेड़ा गांव में संदिग्ध माओवादियों ने भाजपा कार्यकर्ता बिरजू ताराम की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

सात नवंबर को डाले जाएंगे वोट

छत्तीसगढ़ का नारायणपुर उन 20 विधानसभा सीटों में से एक है, जिन पर 7 नवंबर को मतदान होगा। वहीं, छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। इससे पहले बीजेपी नेता की हत्या से सनसनी फैल गई है और नक्सलियों के इस वारदात से कई सवाल भी खड़े हो गए हैं।

गंगा समग्र दक्षिण बिहार द्वारा पटना कालीघाट दरभंगा हाउस स्थित माँ गंगा घाट पर गंगा महाआरती का किया गया आयोजन

शनिवार को गंगा समग्र (दक्षिण बिहार) और पटना महानगर के कार्यकर्ताओं के द्वारा पटना के कालीघाट दरभंगा हाउस स्थित माँ गंगा घाट पर 4 नवंबर (राष्ट्रीय नदी दिवस) के अवसर पर राष्ट्रीय नदी पतित तपावनी माँ गंगा के उपलक्ष में भजन,विचार-गोष्ठी व गंगामहाआरती का आयोजन बड़े ही धूमधाम से मनाया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से अमरेंद्र प्रताप सिंह ‘लल्लूबाबू’ राष्ट्रीय अध्यक्ष गंगा समग्र,नागेंद्र जी क्षेत्रीय संगठनमंत्री (भाजपा), भीखूभाई दलसानियां,संगठन मंत्री (भाजपा,बिहार प्रदेश) रामाशंकर सिन्हा (राष्ट्रीय मंत्री,गंगा समग्र) शम्भू नाथ पांडे संयोजक गंगा समग्र (दक्षिण बिहार),राकेश कुमार तिवारी कोषाध्यक्ष (भाजपा,बिहार),आनंद मोहन (छात्र संघ अध्यक्ष,पटना विश्वविद्यालय), माला सिन्हा (समाजसेविका) उपस्थित थे।

अमरेंद्र सिंह ने संबोधित करते हुए बताया कि प्रकृति से छेड़छाड़ यह किसी राष्ट्र के लिए उपयोगी विनाश का काम बन जाता है।जल और वायु की स्वच्छता प्रकृति प्राप्त है।लेकिन मानव गंदगी डालकर उसे प्रदूषित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ता। जिसका नतीजा हमने कोरोना काल में देख लिया है।प्रकृति भूगोल बनाती है लेकिन मानव इतिहास बनाता है।अतः हम सभी पूरे भारतवासियों से आग्रह निवेदन करते हैं कि गंगा को स्वच्छ,निर्मल रखने में अपना सहयोग प्रदान करें।जब खुले में शौच करना अपराध है तो शौचालय का जल नदियों में बहना कहां न्यायोचित है। गंगा समग्र के टीम निरंतर इस दिशा में काम कर रही है।

भीखूभाई दलसानियां संगठनमंत्री भाजपा बिहार ने कहा कि भारत की एकता का आधार ही हमारी संस्कृति है। भारत की संस्कृति हमारा कितना उच्च था। साधु-संत भक्तगण अधिकमास में कल्पवास कर महीनों तक स्नान करते थे। कथा-त्यौहार कहां हो रहा है,वहां स्वच्छता-संकल्प वृक्षारोपण करना चाहिए।गंगा को मानव ने अशुद्ध किया है।कोरोना में प्रकृति का रूप दिखा था। स्वच्छता दिखा था गंगा जी का जल सालों-साल गंदा नहीं होता था।

लेकिन आज स्थिति नहीं है।उन्होंने गंगा समग्र के कार्य को सराहा।संगठन के द्वारा किए जा रहे जन जागरण के कार्य को भरी-पूरी प्रशंसा की। रामाशंकर सिन्हा ने कहा कि गंगा समग्र सिर्फ गंगा ही नहीं संपूर्ण जल के लिए समाज जागरण का कार्य कर रहा है।गंगा की सहायक नदियां तालाब,सरोवरों,आहार,पईन को लेकर समाज जागरण का कार्य किया जा रहा है।अभी आप्राकृतिक वातावरण के माहौल में समाज को आगे आना होगा।गंगा समग्र वृक्षारोपण,जैविक कृषि को बढ़ावा देने का समाज जागरण कर रहा है।गंगा समग्र 15 आयामों पर काम कर रहा है।

शंभू नाथ पांडे संयोजक गंगा समग्र दक्षिण बिहार ने कहा कि गंगा समग्र दक्षिण बिहार के हर जिले में अपना संगठन की इकाई खड़ा कर लिया है।कुछ जिले बाकी हैं।शुरुआती दौर में समग्र दक्षिण बिहार के गंगा के तटवर्ती जिले और प्रखंडों में काम शुरू किया गया।अब गंगा की सहायक नदियों के जिले में भी संगठन का अपना काम शुरू हुआ है।

आरती स्थानीय पंडित हरेकृष्ण झा,धीरज कुमार झा व अजीत भट्ट द्वारा किया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने में सुलभा सिन्हा गंगा सेविका आयाम संयोजिका,प्रीति कुमारी प्रान्त कार्यकारिणी सदस्या, श्वेता श्रीवास्तव गंगा सेविका आयाम (सह संयोजक) आलोक कुमार,सुबोध कुमार संयोजक गंगा समग्र (पटना महानगर), रामानंद कुमार सहसंयोजक (पटना महानगर), मृत्युंजय कुमार सहसंयोजक (पटना महानगर),अनुपमा सिन्हा,राज कुमार सहनी,पिंकी गुप्ता,रश्मि सिन्हा माधुरी सिन्हा,प्रीति रानी,मालती, बिंदु,रश्मि,वार्ड 41 नंबर सदस्य अर्जुन यादव आदि की भूमिका सराहनी रही।