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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को जान का खतरा, करीबी ने किया बड़ा दावा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की फजीहत कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में उन्हें दो अलग अलग मामलों में 10 साल और 14 साल की सजा मिली है। उन पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है। उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न ‘बल्ला’ भी रखने की गुहार भी ठुकरा दी गई। इमरान खान लंबे समय से जेल में बंद है। 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए उनका नामांकन भी रद्द किया जा चुका है। इन सबके बीच इमरान खान की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। उनकी जान को बड़ा खतरा है। यह दावा इमरान खान के एक करीबी ने किया है। साथ ही बताया कि इमरान खान को जिंदा रहने के लिए पाकिस्तान आर्मी की ओर से 3 आफर दिए गए हैं।

ये दिए गए ​तीन विकल्प

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान आर्मी ने पहला विकल्प यह दिया है कि इमरान खान पाकिस्तानियों से औपचारिक रूप से माफी मांगें। साथ ही सक्रिय राजनीति से खुद को अलग कर लें। उन्हें ये विकल्प भी दिया गया है कि वे अपने परिवार के सदस्यों का नामांकन कराकर चुनावी राजनीति का हिस्सा बन सकते हैं।

दूसरा विकल्प यह है कि वे बनी गाला में रहें। साथ ही अपनी पार्टी ‘पीटीआई’ के चुनाव मामले से दूर रहें, उसमें हिस्सा न लें। पार्टी का चुनाव चिन्ह क्रिकेट ‘बल्ला’ खोने के कुछ सप्ताह बाद खान ने 1 फरवरी को अंतर-पार्टी चुनाव कराने की घोषणा की थी। इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को उनके साथ एक भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई गई थी। इमरान खान को तीसरा विकल्प दिया गया है कि तीन उम्मीदवारों में से किसी एक को प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकित करें और जनता के सामने नाम की घोषणा करें।

इमरान को लंबी सजा, 78 करोड़ रुपए का जुर्माना भी

पाकिस्तान की एक अदालत ने तोशाखाना मामले में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा दंपति को 10 साल के लिए किसी भी सार्वजनिक पद संभालने से रोक दिया है। उनके ऊपर 78.7 करोड़ पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया है। इससे पहले पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को स्टेट सीक्रेट के उल्लंघन के आरोप में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।

साउथ सुपरस्टार थलापति विजय ने मारी राजनीति में एंट्री, बनाई अपनी नई पार्टी, जानें नाम

तमिल फिल्मों के बड़े स्टार और अपने फैंस के बीच थलापति विजय के नाम से पहचाने जाने वाले विजय ने राजनीति में अपना कदम जमा दिया है। एक्टर की राजनीति में दमदार एंट्री हो गई है। फिल्मों से राजनीति का सफर थलापति विजय ने शुरू कर दिया है। ऐसे में थलापति विजय के लिए ये पूरी तरह से एक नया आगाज होने वाला है। थलापति विजय ने किसी राजनीतिक पार्टी को नहीं ज्वाइन किया है, बल्कि उन्होंने खुद अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बनाई है। राजनीति में आने के साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी का भी ऐलाम कर दिया है।

बनाई नई पार्टी

एक्टर विजय की इस नई पार्टी का नाम तमिल वेट्री कषगम है। पार्टी ने आज ये भी स्पष्ट कर दिया इस साल लोकसभा चुनाव में एक्टर विजय की पार्टी भाग नहीं लेगी। पार्टी का लक्ष्य 2026 के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करना है। इस साल के लोकसभा चुनाव में पार्टी किसी भी दल का समर्थन नहीं करेगी। ये भी स्पष्ट कर दिया गया है। तमिलनाडु में एक्टर विजय की फैन फॉलोइंग जबरदस्त है। रजनीकांत और कमल हासन के बाद विजय के सबसे ज्यादा चाहने वाले हैं।

रजनीकांत और कमल हसन ने भी किया था राजनीति का रुख

एक्टर विजय ने कुछ समय पहले ही राजनीति में आने के संकेत दे दिए थे। अपने फैंस क्लब के जरिए तमिलनाडु में एक्टर विजय पिछले कुछ अरसे से एक्टिव तरीके से समाज सेवा के काम में सक्रिय भी हैं। बता दें, थलापति विजय से पहले साउथ के कई सितारों ने राजनीति में एंट्री की है। कई नामी सितारों ने अपनी पार्टी भी बनाई। साउथ इंडस्ट्री में चलन रहा है कि एक्टर्स, सफल अभिनय करियर के बाद राजनीति में एंट्री करते हैं। तमिल सिनेमा के दिग्गज स्टार रजिनीकांत और कमल हासन ने भी साउथ सिनेमा में सफलता हासिल करने के बाद राजनीति में धांसू एंट्री की थी।

इन सितारों ने रखा था राजनीति में कदम

देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके) के संस्थापक और महासचिव विजयकांत भी एक्टिंग से राजनीति में आए थे। अब एक्टर इस दुनिया में नहीं रहे। एनटीआर ने भी एक्टिंग से ही अपने करियर की शुरुआत की। फैंस के दिलों की धड़कन बने और फिर राजनीति में भी सफलता हासिल की। इतना ही नहीं चिरंजीवी के भाई पवन कल्याण भी अपनी पार्टी बनाकर राजनीति में जोर-शोर से लगे हुए हैं।

चंडीगढ़ का चुनाव दिखाता है कि इनके पाप का घड़ा भर गया: अरविंद केजरीवाल

आज दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अक्सर हम सुना करते थे कि बीजेपी चुनाव में गड़बड़ करती है। आरोप लगते थे कि भाजपा चुनाव गड़बड़ करके जीतती है। ऐसे सुनते थे पर कभी सबूत नहीं मिले। इस दौरान मंच पर पंजाब की सीएम भगवंत मान भी दिखे।

“भाजपा चुनाव गड़बड़ करके जीतती है”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “अक्सर आरोप लगते थे कि भाजपा चुनाव गड़बड़ करके जीतती है, हम सुना करते थे कि भाजपा वोटर लिस्ट से नाम कटवा देती है, फर्जी नाम जुड़वा देती है, फर्जी वोट पड़वाती है लेकिन कभी सबूत नहीं मिला।”

केजरीवाल ने आगे कहा, “गीता में एक श्लोक लिखा है कि यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अथार्त जब-जब इस धरती पर बहुत ज्यादा पाप बढ़ जाता है तो भगवान को आना पड़ता है। भगवान ऊपर बैठकर अपने तरीके से झाड़ू चलाता है, ये जो चंड़ीगढ़ का चुनाव है,  ये दिखाता है कि इनके(भाजपा) पाप का घड़ा भर गया था। जब पाप का घड़ा भर जाता है तो प्रकृति अपनी झाड़ू चलाती है”

भगवंत मान ने भी सरकार पर साधा निशाना

वहीं, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘इनका(भाजपा) बस चले तो चुनाव ही न होने दें और अगर कोर्ट के जरिए हमने चुनाव करवा भी लिए तो उसका निर्णय ऐसे ही होगा। फिर इतना पैसा क्यों खर्च किया जाता है? देश में चुनाव करवाने के लिए सीधा ही तानाशाही करार कर दी जाए। अगर 2024 में किसी तरह ये(भाजपा) आ गए तो नरेंद्र मोदी का नाम नरेंद्र मोदी नहीं रहेगा बल्कि नरेंद्र पुतिन बन जाएगा।’

झारखंड के मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन, ये दो नेता बनें डिप्टी सीएम, इतने दिनों के अंदर साबित करना होगा बहुमत

हेमंत सोरेन  के इस्तीफे के बाद झारखंड में जारी सियासी संकट खत्म हो गया है।चंपई सोरेन  झारखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया। उनके साथ दो विधायक भी मंत्री पद की शपथ लिया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार देर रात उन्हें सरकार बनाने का निमंत्रण दिया। चंपई को दस दिनों के अंदर बहुमत साबित करने को कहा गया है। इससे पहले महागठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन के साथ पांच विधायकों ने गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

दरअसल, चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उन्हें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वे लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। चंपई को सोरेन परिवार का विश्नवसनीय माना जाता है। चंपई सोरेन अर्जुन मुंडा सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी। वे झारखंड मुक्ति मोर्टा के उपाध्यक्ष भी हैं। झारखंड आंदोलन के समय ग्रामीणों को बचाने की वजह से उन्हें टाइगर कहा जाता है। अब जल्द ही वे बतौर मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।

चंपई सोरेन सरकार पांच फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। नौ फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र है। इससे पहले शिबू सोरेन से मुलाकात के बाद झारखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि मैं शपथ लेने से पहले गुरुजी (शिबू सोरेन) और माताजी (रूपी सोरेन) का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आया था। वह मेरे आदर्श हैं। मैं झारखंड आंदोलन में शामिल हुआ था और मैं उनका शिष्य हूं। मैं राज्य के लोगों के उत्थान के लिए उनके सिद्धांतों के साथ काम करता हूं। इसलिए, मैं दिशोम गुरु का आशीर्वाद लेने आया हूं।

उधर,  वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के 39 विधायकों को हैदराबाद भेजा जाएगा। ऐसा संभावित खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए किया गया है। जानकारी के अनुसार, बहमत साहित करने में 10 दिन का समय है ऐसे में विधायक टूट सकते हैं। ऐसी स्थिति से बचने और सभी को एकजुट रखने के लिए विधायकों को तेलंगाना शिफ्ट किया गया है।

चंपई सोरेन ने झारखंड के नए CM का लिया शपथ, उधर प्लेन से हैदराबाद जाने के लिए निकले गठबंधन के विधायक

झारखंड में नई सरकार और नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी हो गई है। चंपई सोरेन ने नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इसके अलावा, कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। नई सरकार को 10 दिन में बहुमत साबित करना होगा। वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को दो दिन के लिए  हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा है।  इन विधायकों को चार्टर्ड प्लेन से भेजा रहा है।

दरअसल, शपथ ग्रहण के बाद उन्हें 10 दिन के अंदर बहुमत साबित करना होगा। चम्पाई सोरेन के साथ कांग्रेस और राजद कोटे से एक- एक मंत्री भी शपथ लेंगे। इनमें क्रमशः आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता होंगे। इससे पहले झारखंड में पूरे दिन सियासी उठापटक जारी रही। चंपई सोरेन सरकार पांच फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। नौ फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र है। वहीं आलमगीर आलम और बसंत सोरेन डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। इसके अलावा सत्यानंद भोक्ता मंत्री पद की शपथ लेंगे। ये राजद कोटे के मंत्री होंगे।

मिली जानकारी के अनुसार, रांची में सत्तारूढ़ गठबंधन के 35 विधायक हैदराबाद जा रहे हैं।कुछ विधायक हैदराबाद नहीं जा रहे हैं। चूंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय आज झारखंड में प्रवेश कर रही है। ऐसे में पार्टी के कुछ विधायक इस यात्रा में शामिल होंगे।नई सरकार के गठन को लेकर चंपई सोरेन ने राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था।  इसमें खुद चंपई सोरेन, कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता का नाम भी शामिल था। ये तीनों नेता भी रांची में ही रुकेंगे। सत्तारूढ़ गठबंधन में जेएमएम के 29 विधायक हैं। कांग्रेस के 17, आरजेडी और लेफ्ट से एक-एक विधायक है।

उधर, चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले शिबू सोरेन से आशीर्वाद लिया। अपने गुरू का आशीर्वाद लेने के बाद चंपई ने कहा, ‘मैं शपथ लेने से पहले अपने गुरुजी (शिबू सोरेन) से आशीर्वाद लेने आया था। मैं झारखंड आदोंलन के दौरान उनसे जुड़ा। वह हमारे आदर्श हैं इसलिए मैं उनका आशीर्वाद लेने आया था। हम जल्द ही (बहुमत) साबित करेंगे।’

सुप्रीम कोर्ट से हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत, खारिज की याचिका, कहा- पहले जाना चाहिए हाईकोर्ट

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ सोरेन की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा- आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि हम एक व्यक्ति को अनुमति देंगे तो सभी को देनी होगी। जांच एजेंसी ने सोरेन को 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था।

दरअसल, हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने की कार्रवाई के खिलाफ पहले झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, फिर उन्होंने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली और ईडी की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन, अब दो फरवरी को सुनवाई के दौरान गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन से पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं जाते? कोर्ट ने हेमंत सोरेन को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत झारखंड हाई कोर्ट जाने को कहा। अदालत ने कहा कि हेमंत सोरेन हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने की मांग कर सकते हैं।

वहीं, सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला एक मुख्यमंत्री से संबंधित है जिसे गिरफ्तार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि अदालतें सभी के लिए खुली हैं और उच्च न्यायालय संवैधानिक अदालत ही है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को भूमि मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी याचिका के साथ झारखंड उच्च न्यायालय जाने को कहा।

उधर, शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने का आग्रह किया था। सोरेन को 31 जनवरी को जमीन पर ‘अवैध’ कब्जे और ‘भूमि माफिया’ के साथ कथित संबंध से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

जदयू विधायक गोपाल मंडल का बड़ा दावा, कहा- अगली बार CM नहीं होंगे नीतीश

अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले जेडीयू विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर चर्चा में हैं। गोपाल मंडल ने दावा करते हुए कहा है कि जिस राजनेता पर मेरा हाथ होता है, उसकी जीत पक्की होती है।  इस दौरान गोपाल मंडल ने दो-तीन नाम गिनाते हुए कहा कि जिस पर मेरी नजर पड़ जाती है वह अपने क्षेत्र में भारी बहुमत से लीड करता है।

दरअसल, गोपालपुर से जेडीयू विधायक अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। ऐसे में एक बार फिर गोपाल मंडल अपने बयान को लेकर चर्चा में छाये हुए हैं। गोपाल मंडल ने दावा करते हुए कहा है कि – मेरा हाथ जिस राजनेता पर पड़ जाता है, वह अपने क्षेत्र में विजयी होता है। इस दौरान गोपाल मंडल ने सकुनी चौधरी, रेणु सिंह,शाहनबाज हुसैन जैसे नेता को विधायक और सांसद बनाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि – जिस पर मेरी नजर पड़ जाती है वह अपने क्षेत्र में भारी बहुमत से लीड करता है।  इसके आलावा उन्होंने कहा कि – नीतीश कुमार अगली बार सीएम नहीं रहेंगे लेकिन अगला सीएम कौन रहेगा इसकी जानकारी भी उन्होंने नहीं दी है। पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान गोपाल मंडल ने कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा पर भी गंभीर आरोप लगाया है।

गोपाल मंडल ने आरोप लगात हुए कहा कि मेरे साथ अजीत शर्मा का कोई वजूद नहीं है। इतना ही नहीं जेडीयू विधायक ने यह भी दावा किया कि वे लोकसभा चुनाव में तीन लाख वोटों के साथ लीड करेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में करीब तीन लाख वोटों से लीड पर रहूंगा और जीत हासिल करुंगा। इसके आलावा राजद के बिहार में सरकार बनाने के दावों को लेकर कहा कि- दावा तो कोई भी कर सकता है, दावा करने में कहां कोई समस्या है। लेकिन, जदयू एक जूट है इसमें कोई तोड़ नहीं होने वाला है।

इसके आलावा जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में ईडी ने पटना में लालू यादव और तेजस्वी यादव के साथ पूछताछ को लेकर भी गोपाल मंडल की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। बुधवार को गोपाल मंडल ने कहा कि मैं बेबाक बोलता हूं। तेजस्वी यादव से जो ईडी पूछ रही है तो जिस वक्त जमीन के बदले नौकरी दी लालू यादव ने तो उस वक्त तो वह बहुत छोटे थे। उनको बेवजह उलझाया जा रहा है। तेजस्वी यादव मासूम हैख् लालू के सारे बच्चे निर्दोष हैं। चाहे मीसा भारती हों  या कोई हो। लालू यादव और राबड़ी देवी दोषी हो सकते हैं लेकिन उनके बच्चे दोषी नहीं हो सकते हैं।

झारखंड के नए मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन, इस नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ, जानें नाम

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने झारखंड के 7वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के दरबार हॉल में हो रहा है, जहां सोरेन को राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। बता दें कि गवर्नर ने गुरुवार को ही सोरेन को मुख्यमंत्री मनोनीत किया था। सोरेन के बाद कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल के नेता सत्यानंद भोक्ता ने बतौर मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

10 दिन के अंदर साबित करना होगा बहुमत

इससे पहले JMM विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने गवर्नर से जल्द से जल्द सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने का आग्रह किया था, क्योंकि राज्य में ‘भ्रम’ की स्थिति बनी हुई थी।  बुधवार को मुख्यमंत्री पद से हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में CM न होने की वजह से ‘भ्रम’ की स्थिति पैदा हो गई थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था।

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन को अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। कांग्रेस राज्य में JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन की सहयोगी पार्टी है।

एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं BJP और AAP, सड़कें जाम, जानें केजरीवाल ने क्या कहा

दिल्ली में सियासी बवाल फिर से शुरू हो गया है। दिल्ली की सड़कों पर आम आमदी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता उतरे हुए हैं। दोनों एक-दूसरे के कार्यालयों के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियों ने इस विरोध-प्रदर्शन की अनुमति दिल्ली पुलिस से मांगी थी लेकिन पुलिस ने किसी को भी इसकी परमिशन नहीं दी थी। इसके बावजूद दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के ऊपर चंडीगढ़ चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।

‘चंडीगढ़ चुनाव में जो हुआ वह शर्मनाक है’

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चंडीगढ़ चुनाव में जो कुछ हुआ वह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वोटों की चोरी हुई। केजरीवाल ने कहा, ‘हमने सुना था कि बीजेपी चुनावों में गड़बड़ करती है। धांधली नहीं होती तो I.N.D.I.A. गठबंधन का मेयर बनता। बीजेपी के पाप का घड़ा अब भर चुका है। भारतीय जनता पार्टी पर अब भगवान झाड़ू चलाएगा।’

दोनों पार्टियां हैं एक-दूसरे पर हमलावर

एकतरफ चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ विरोध कर रही है। वहीं बीजेपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर हमलावर है। बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली के शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल की भी भूमिका है और वह इसी वजह से ईडी के द्वारा बार-बार बुलाए जाने के बाद भी पेश नहीं हो रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हुए हैं। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के इस विरोध प्रदर्शन की वजह से सेंट्रल दिल्ली की कई सड़कें जाम हैं।

केजरीवाल ने ED का पांचवां समन ठुकराया

वहीं इससे पहले दिल्ली एक सीएम अरविंद केजरीवाल ने ईडी का पांचवां समन भी ठुकरा दिया। इस समन के जवाब में आम आदमी पार्टी ने कहा है कि ईडी का भेजा गया यह समान भी गैरक़ानूनी है और दिल्ली के मुख्यमंत्री ED के सामने पेश नहीं होंगे। इससे पहले भी केजरीवाल ED के चार समन ठुकरा चुके हैं। माना जा रहा है कि अब ईडी इस मामले में कोई कद कदम उठा सकती है।