झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ सोरेन की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा- आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि हम एक व्यक्ति को अनुमति देंगे तो सभी को देनी होगी। जांच एजेंसी ने सोरेन को 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था।
दरअसल, हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने की कार्रवाई के खिलाफ पहले झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, फिर उन्होंने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली और ईडी की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन, अब दो फरवरी को सुनवाई के दौरान गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन से पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं जाते? कोर्ट ने हेमंत सोरेन को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत झारखंड हाई कोर्ट जाने को कहा। अदालत ने कहा कि हेमंत सोरेन हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने की मांग कर सकते हैं।
वहीं, सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला एक मुख्यमंत्री से संबंधित है जिसे गिरफ्तार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि अदालतें सभी के लिए खुली हैं और उच्च न्यायालय संवैधानिक अदालत ही है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को भूमि मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी याचिका के साथ झारखंड उच्च न्यायालय जाने को कहा।
उधर, शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने का आग्रह किया था। सोरेन को 31 जनवरी को जमीन पर ‘अवैध’ कब्जे और ‘भूमि माफिया’ के साथ कथित संबंध से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
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