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बिहार: विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर ईंट-पत्थर से हमला, थानेदार और दारोगा घायल

बिहार में पुलिस टीम पर हमले की खबरे लगातार सामने आ रही हैं। ताजा मामला गोपालगंज से सामने आया है, जहां दो पक्षों के बीच हुए विवाद को सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना मीरगंज थाना क्षेत्र के दलित बस्ती की है।

दरअसल, मीरगंज थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि दलित बस्ती में दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हुआ है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम दलित बस्ती में पहुंची, तभी आरोपियों ने पुलिस टीम पर ईंट-पत्थर से हमला कर दिया। इस हमले में अपर थानाध्यक्ष आशीष कुमार और एसआई सुरेश कुमार जख्मी हो गए। जिन्हें इलाज के लिए हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें गोपालगंज सदर सदर अस्पताल रेफर कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक, सबेया दलित बस्ती निवासी आमिर और रामू के बीच जमीन लेकर विवाद हुआ था। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं।

 

 

बिहार : वाइफ के लिए दवाई लाने जा रहे नोजल मैन की सड़क हादसे में मौत,परिजनों में मचा कोहराम

बिहार में सड़क हादसों के मामले में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। राज्य के अंदर शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता हो जिस दिन सड़क हादसों की वजह से लोगों की जान नहीं जाती हो। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला गोपलगंज से निकल कर सामने आ रहा है। जहां सड़क हादसे में पत्नी के लिए दवाई लाने जा रहे एक युवक की मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में अफरा -तफरी का माहौल कायम हो गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, गोपालगंज में सड़क हादसा हुआ है। यहां बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के दिघवा मोड़ के पास अज्ञात वाहन ने एक युवक को रौंद दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं इस हादसे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल भेज दिया है। मृतक की पहचान बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के मतीनिया गांव निवासी भगेलु भगत के 31वर्षीय बेटा रंजन भगत के रूप में की गई है।

बताया जा रहा है कि रंजन भगत की पत्नी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। ऐसे में वह अपनी पत्नी के लिए दवा खरीदने पैदल ही पास के बाजार जा रहा था. तभी दीघवा मोड़ के पास पीछे से एक अज्ञात वाहन ने उसे जोरदार टक्कर मार दी, जिससे वह जख्मी हो गया। हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन, जबतक उसे अस्पताल ले जाया जाता तब तक उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

वहीं, इस घटना को की सुचना तत्काल बैकुंठपुर थाना पुलिस को दी गयी। जसिके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक की पहचान कर परिजनो को जानकारी दी। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल भेज दिया है। बताया जाता है कि मृतक पेशे से सिवान स्थिति एक पेट्रोल टंकी पर पेट्रोल भरने का काम करता था। इसकी 5 वर्ष पूर्व शादी हुई थी और तीन बच्चे हैं। जिनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया।

 

बिहार में ट्रैफिक पुलिस ने नियम उल्लंघन करने पर काटा SDM का चालान, इतने रुपए का लगा जुर्माना

बिहार में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस लगातार सख्ती बरत रही है हालांकि अधिकारियों और नेताओं के ऊपर ट्रैफिक नियम लागू नहीं होते हैं। ट्रैफिक नियमों में छूट मिलने के कारण अधिकारी और नेता उसका खुलकर उल्लंघन भी करते नजर आते हैं हालांकि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना गोपालगंज एसडीएम के ड्राइवर को भारी पड़ गया। ट्रैफिक जवान ने एसडीएम की गाड़ी का चालान काट दिया।

दरअसल, नया साल के जश्न में सुरक्षा को लेकर पुलिस का वाहनों का सघन जांच अभियान चला रही है। सभी गाड़ियों की रोक-रोककर उसकी चेकिंग की जा रही है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। गोपालगंज में वाहनों की जांच के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने एसडीएम की गाड़ी का ही चालान काट दिया हालांकि वह एसडीएम की निजी गाड़ी निकली।

गोपालगंज एसडीएम की गाड़ी के ड्राइवर ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था और वह सीट बेल्ट लगाए बिना ही गाड़ी चला रहा था। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस ने तुरंत एसडीएम की गाड़ी का एक हजार रुपए का चालान काट दिया। शायद यह पहला मौका है जब ट्रैफिक पुलिस ने किसी सरकारी अधिकारी की गाड़ी का चालान काटा है। पूरे मामले पर एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा है कि नियम सबके लिए बराबर हैं, जो नियम का पालन नहीं कर रहे हैं उनका चालान काटा जा रहा है।

गोपालगंज पहुंचा पवित्र नदियों का जल, अयोध्या राम मंदिर में रामलला और मां सीता का होगा जलाभिषेक

नेपाल के जनकधाम से कई पवित्र नदियों का जल संग्रह कर रामलला और मां सीता के मूर्ति का जलाभिषेक करने के लिए निकली जल यात्रा गोपालगंज पहुंची. इस दौरान राम भक्तों ने उनका जोरदार स्वागत किया. साथ ही उस जल को भी प्रणाम किया, जिस जल से भगवान श्री राम के बाल रूप और मां सीता का जलाभिषेक होगा. इसको लेकर श्रद्धालुओं में श्रद्धा और भक्ति देखी गई।

जनकधाम से निकली जल यात्रा

दरअसल 22 जनवरी को होने वाले रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राम भक्तो में खुशी का माहौल है. हर कोई इसे यादगार बनाने में जुटा हुआ है. वहीं नेपाल के बीरगंज के निवासी श्रद्धालु दीपेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि नेपाल के विभिन्न पवित्र नदियों से यह जल इकट्ठा कर कलश में रखा गया है. बताया कि भगवान श्री राम के ससुराल और सीता माता की जन्मस्थली जनकधाम से यह जलयात्रा निकली है।

नेपाल की नदियों का पवित्र जल संग्रह

सीता माता के मायके से होते हुए यह रथ अयोध्या पहुंचेगी. जहां आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम और माता सीता का इसी जल से जलाभिषेक किया जाएगा. इस पवित्र जल में नेपाल की प्रमुख नदियां जिसमें टंडली, महाकाली, नारायणी, त्रिवेणी, गंडकी, कोशी जैसी नदियों का जल शामिल है।

इस पवित्र जल को लेकर अयोध्या के लिए बुधवार को सुबह 10 बजे निकले हैं. गोपालगंज आने में करीब 14 घंटा लगा है. हर जगह रास्ते में लोगों की भीड़ और जन समर्थन देखने को मिला, जिससे काफी उत्साहित हैं. कोशिश है कि यह जल शुक्रवार शाम तक अयोध्या पहुंच जाए.”- दीपेंद्र कुमार गुप्ता, श्रद्धालु

गोपालगंज में मुखिया समेत 3 गिरफ्तार, मछली मारने के विवाद में मारपीट का आरोप

बिहार के गोपालगंज में मछली विवाद में मुखिया समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल सिंधवलिया थाना क्षेत्र के बघवार गांव में दो दिन पहले दो पक्षों में मछली मारने को लेकर विवाद हुआ था. अब इस मामले में पुलिस ने मुखिया समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

मछली विवाद में तीन गिरफ्तार

गिरफ्तार अभियुक्तों में सिंधवलिया थाना क्षेत्र के सलेमपुर पंचायत के मुखिया संतोष सिंह, रविरंजन कुमार और बिरेश सहनी शामिल है. इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया, ‘पिछले दो दिन पूर्व मछली मारने को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद में मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था. दोनो पक्षों द्वारा स्थानीय थाना में आवेदन दिया गया था, जिसके आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी की गई.’

गिरफ्तार मुखिया का बयान

वहीं इस संदर्भ में मुखिया संतोष सिंह ने कहा कि उन्हें फंसाने की कोशिश की गई है. उनके गांव में कुछ मछुआरों के द्वारा बिना पट्टा के मछली मारी जा रही थी, जिसपर रोक लगाने के लिए उन्होंने आवाज उठाई गई थी. इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ. जिसके बाद थाना प्रभारी द्वारा पंचायती के लिए बुलाया गया और उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

मारपीट के समय मैं वहां नहीं था. पुलिस के पहुंचने के 20 मिनट बाद पहुंचा था. मेरी गिरफ्तारी अनुचित है, ये सरासर अन्याय है. पुलिस द्वारा अगर समय से कार्यवाई की जाती तो न ही मारपीट होती और न ही ये नौबत आती. वहां पूर्व से दूसरे लोगों द्वारा रंगदारी ली जाती थी, मैनें उसपर रोक लगाने की मांग की तो उल्टा मुझे ही फंसाया गया.”- संतोष सिंह, गिरफ्तार मुखिया

 

‘तेजस्वी ने नहीं नीतीश कुमार ने दिया राज्यकर्मी का दर्जा’, गोपालगंज के नियोजित शिक्षकों ने जताया CM का आभार

बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद से गोपालगंज में भी शिक्षकों के बीच खुशी का माहौल है. इस खुशी को व्यक्त करते हुए शिक्षकों ने मंगलवार को शहर के मौनिया चौक स्थिति हनुमान मंदिर में मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की. वहीं, कई शिक्षक संगठनों ने इसको लेकर खुशी जाहिर करते हुए सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है. शिक्षकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर सीएम नीतीश जिंदाबाद के नारे भी लगाए. साथ ही उन्होंने कहा कि जो नियमावली जारी हुई है उसमे कुछ खामियां है. सरकार से मांग है कि उन खामियों को दूर किया जाए।

नियोजित शिक्षकों के लिए ऐतिहासिक दिन

दरअसल, इस संदर्भ में प्रगतिशील शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नीलमणि शाही ने खुशी जाहिर करते हुए कहा की आज हम सब शिक्षक काफी खुश है. आज हम शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांग को सीएम नीतीश ने पूरा किया है. उन्होंने कहा कि यह नियोजित शिक्षकों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभारी हैं. उन्होंने कहा कि करीब 20 वर्षो की कड़ी लड़ाई के बाद हम सभी की जीत हुई है. साथ ही जिन साथियों ने सघर्ष के दिनों में साल 2003 से अब तक साथ दिया, लाखों बार लाठियां खाई है. उन्हें भी धन्यवाद।

हम सीएम नीतीश कुमार का धन्यवाद करते हैं. इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देना चाहेंगे. इसमें उपमुख्यमंत्री जी का कोई श्रय नहीं. उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि हम आयेंगे तो कैबिनेट के पहली कलम से शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देंगे. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में एक शब्द कुछ नहीं बोला. कितने कैबिनेट बीत गए लेकिन हमारी मांग पूरी नहीं हुई. जब सीएम नीतीश कुमार चाहे तभी हुआ.” – नीलमणि शाही, जिलाध्यक्ष, प्रगतिशील शिक्षक संघ

शिक्षक संगठनों ने कई बार आंदोलन किया

बता दें कि राज्यकर्मी का दर्जा मिलने से नियोजित शिक्षकों को कई लाभ मिलेंगे. उनका वेतनमान बढ़ेगा, उन्हें पेंशन और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी. नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग कई सालों से चली आ रही थी. इस मांग को लेकर शिक्षक संगठनों ने कई बार आंदोलन भी किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल ही इस मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था. आखिरकार, मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस मांग को मंजूरी दे दी।

गोपालगंज डायट सेंटर में निरीक्षण के लिए पहुंचे केके पाठक, खाने के मेन्यू के साथ पूछे कई सवाल

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक की सख्ती और आदेश के खिलाफ जहां शिक्षक संघ और कई विधान पार्षद मोर्चा खोले हुए हैं,वहीं उनसे मिलने वाले छात्र-छात्रा और प्रशिक्षाणार्थी काफी खुश और उत्साहित नजर आतें हैं,क्योंकि वे सख्ती के साथ ही अपने कर्मियों का ख्याल भी रखतें हैं.कुछ इसी तरह का नजारा गोपालगंज डायट सेंटर मे दिखा जहां निरीक्षण के लिए पहुंचे केके पाठक जरूरी सुवाधाओं की जानकारी लेने के साथ ही प्रशिक्षाणार्थियों से संवाद किया.

थावे स्थित डायट सेंटर में केके पाठक ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों से संवाद की.उन्हौने पहले के गैर आवासीय और अभी के आवासीय प्रशिक्षण के बारे में तुलनात्मक जानकारी ली.उन्हौने खाने-पीने के साथ ही साफ-सफाई और शौचालय की सुविधा के बारे में जानकारी ली.उन्हौने आवासीय प्रशिक्षण के दौरान पूरे 24 घंटे के रूटीन की जानकारी ली.

उन्हौने सभी प्रशिणार्थियों के बेहतर प्रशिक्षण लेने के साथ ही बेहतर पठन-पाठन की उम्मीद जताई.इस दौरान कई प्रशिक्षणार्थियों ने खुलकर सवाल-जवाब किये.केके पाठक ने डायट कैम्पस का निरीक्षण किया.उन्होने डायट का रंग-रोगन कराने व स्वच्छ पानी को लेकर आरओ लगाने का निर्देश दिया. वही प्रशिक्षण के लिए आये शिक्षकों के खाना का भी जांच किया.रसोइया से खाने का मेन्यू पूछा व खाने के स्टॉल का भी निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने शिक्षकों से भी खाने की गुणवत्ता को लेकर बात की.

डायट सेंटर के डीएलएड के फाइनल ईयर के छात्रों ने उनसे फाइनल परीक्षा मई माह में कराने की अपील की.जिससे अगस्त में होनेवाली नियुक्ति परीक्षा में शामिल हो सके. केके पाठक ने आश्वासन दिया कि उन सब को अगस्त में होनेवाली परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा.उससे पहले डीएलएड की परीक्षा ले ली जायेगी.

गोपालगंज के डायट सेंटर पहुंचे केके पाठक, शिक्षकों में सेल्फी लेने की मची होड़, D.El.Ed छात्रों को दिया बड़ा आश्वासन

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ जहां शिक्षक संघ और विधान पार्षद हमलावर हैं वहीं उनसे मिलने पर स्टूडेंट्स और अभ्यर्थी काफी उत्साहित नजर आते हैं. ऐसा ही नजारा गोपालगंज के डायट सेंटर में देखने को मिला. केके पाठक को अपने बीच देखकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों की खुशी का ठिकाना ना रहा. सभी मोबाइल में केके पाठक को कैद करते नजर आए।

गोपालगंज डायट सेंटर पहुंचे केके पाठक:

दरअसल पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत केके पाठक थावे स्थित डायट में देर रात पहुंचे थे. उनके आगमन के पूर्व डायट में थावे में चहलकदमी देखने को मिली. जैसे ही वे डायट पहुंचे वैसे ही अधिकारियों और मौजूद शिक्षकों ने उनका स्वागत किया. इस दौरान अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों से संवाद किया।

अधिकारियों को दिये कई दिशा-निर्देश:

साथ ही डायट कैम्पस का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए.साथ ही उन्होंने प्रशिक्षण के लिए आये शिक्षकों के खाना समेत कई मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. वहीं डायट का रंगरोगन कराने व स्वच्छ पानी को लेकर आरओ लगाने का निर्देश दिया।

रसोइया से खाने का मेन्यू पूछा:

प्रशिक्षण के लिए आये शिक्षकों के खाने की भी जांच की गई. केके पाठक ने रसोइया से खाने का मेन्यू पूछा और खाने के स्टॉल का भी निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने शिक्षकों से भी खाने की गुणवत्ता को लेकर बात की।

D.El.Ed छात्रों ने की ये मांग:

डीएलएड के फाइनल ईयर के छात्रों ने उनसे फाइनल परीक्षा मई माह में कराने की अपील की, जिससे वे लोग अगस्त में होनेवाली नियुक्ति परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. केके पाठक ने आश्वासन दिया कि उन सब को अगस्त में होनेवाली परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा. उससे पहले डीएलएड की परीक्षा ले ली जायेगी।

गोपालगंज पुजारी हत्याकांड में बड़ा खुलासा, युवती ने चाकू से गला रेतकर हत्या की थी

गोपालगंज के बहुचर्चित पुजारी मनोज साह हत्याकांड मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है. सारण डीआईजी विकास कुमार ने सोमवार (18 दिसंबर) को कहा कि प्रेम-प्रसंग में ब्लैकमेलिंग के शिकार होने पर युवती और उसके घरवालों ने मिलकर पुजारी की हत्या की है. हत्या में शामिल दो महिला समेत तीन लोगों को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है. हत्या में प्रयुक्त चाकू, रस्सी, दुपट्टा और मोबाइल को बरामद किया गया है.

पुजारी नहीं था मृतक मनोज साह

डीआईजी ने कहा कि मृतक मंदिर का पुजारी नहीं था बल्कि केयर टेकर के रूप में रहता था. गांव की युवती के साथ उसका प्रेम-प्रसंग चल रहा था. युवती की शादी होने के बाद उसे ब्लैकमेल करने लगा था. परेशान होकर युवती ने अपने घर वालों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. 10 दिसंबर को युवती ने फोन कर मनोज को बुलाया था. इसके बाद तीन से चार दिनों तक एक कमरे में बंद कर पिटाई की.

अपने ही हाथों चाकू से प्रेमिका ने की हत्या

घटना के संबंध में बताया गया कि युवती ने अपने ही हाथों प्रेमी मनोज साह की चाकू से गला रेतकर हत्या की थी. इसके बाद उसकी दोनों आंखें निकाल लीं. पुलिस ने मामले में टेक्निकल सेल की जांच और फॉरेंसिक जांच के आधार पर हत्या से जुड़े साक्ष्य को इक्कठा किया. इसके बाद तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अभियुक्तों में नेहा कुमारी, सुनीता देवी और अमित कुमार शामिल हैं. ये सभी मांझा थाना क्षेत्र के दानापुर गांव के रहने वाले हैं.

हत्या के बाद एंगल देने की हुई थी कोशिश

उधर घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों की तलाश में एसआईटी छापेमारी कर रही है. डीआईजी ने कहा कि मनोज साह की हत्या के बाद मामले को दूसरे तरह का एंगल देने की कोशिश की गई थी. हालांकि समय रहते टीम ने बेहतर काम किया और हत्याकांड का खुलासा कर दिया.