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प्राण प्रतिष्ठा के दिन ममता बनर्जी ने बनाया ये प्लान, जानें 22 जनवरी को कहां रहेंगी बंगाल की सीएम

22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कालीघाट मंदिर जाएंगी।

HIGHLIGHTS

  • 22 जनवरी को कालीघाट मंदिर जाएंगी ममता बनर्जी
  • मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे में जाने का भी है प्रोग्राम
  • राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं होंगी शामिल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी. बल्कि इस दिन वह काली मंदिर जाकर पूजा-पाठ करेंगी. जानकारी के मुताबिक, ममता बनर्जी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन कालीघाट मंदिर जाएंगी. जहां वह पूजा-पाठ करेंगी. इसके अलावा सीएम ममता बनर्जी का इस दिन मस्जिद, चर्चे और गुरुद्वारे जाने का भी कार्यक्रम है. इसके बाद वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगी।

ममता बनर्जी को भी मिला है प्राण प्रतिष्ठा का न्योता

बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए तमाम नेताओं को न्योता मिला है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण मिला है. हालांकि, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पहले ही राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से इनकार कर चुकी है. अब उन्होंने 22 जनवरी का अपना प्लान भी बना लिया है. वह राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में न जाकर कालीघाट मंदिर में दर्शन करेंगी. इसके साथ ही वह मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा भी जाएंगी।

22 जनवरी को सद्भाव रैली करेगी टीएमसी

मंगलवार को सीएम बनर्जी ने कहा कि वह 22 जनवरी को सद्भाव रैली करेंगी. ये रैली सभी धर्म के मानने वालों के लिए होगी. इसी दिन अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. बता दें कि ममता बनर्जी ने हाल ही में बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी राम मंदिर उद्घाटन के जरिए लोकसभा चुनाव के लिए नौटंकी कर रही है।

‘पालघर जैसी लिंचिंग’, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में साधुओं पर ‘हमले’ को लेकर बीजेपी का ममता सरकार पर निशाना

बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शाहजहां शेख जैसे अपराधी को संरक्षण दिया जाता है और साधुओं पर हमले हो रहे हैं।

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में साधुओं के एक ग्रुप को कथित तौर पर भीड़ के पीटने का वीडियो सामने आया है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा है. वहीं टीएमसी ने इन आरोपों पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी।

पश्चिम बंगाल बीजेपी ने शुक्रवार (12 जनवरी) को पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की ओर से शेयर किए वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “ममता बनर्जी की गहरी चुप्पी शर्मशार करने वाली. क्या ये साधु आपकी मान्यता के योग्य नहीं हैं? अत्याचार जवाबदेही की मांग करता है”

वायरल वीडियो में क्या?

सोशल मीडिया पर एक 30 सेकेंड की फुटेज वायरल हो रही है जिसमें कथित तौर पर साधुओं के समूह को भीड़ की ओर से निर्वस्त्र करते और उन पर हमला करते हुए देखा जा सकता है. हालांकि एबीपी न्यूज इस वीडियो की प्रमाणिकता का पुष्टि नहीं करता है।

वहीं बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इस घटना की तुलना साल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर मॉब लिंचिंग से करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से चौंका देने वाली घटना सामने आई है. मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा।”

  1. अमित मालवीय ने कहा, बंगाल में हिंदू होना अपराध है. बीजेपी नेता ने कहा, “ममता बनर्जी के शासन में शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है और साधुओं को पीट-पीटकर मार डाला जाता है।”

इस बीच, बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी हमले को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “पुरुलिया से चौंकाने वाली घटना. गंगासागर जा रहे साधुओं को टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा, जो पालघर त्रासदी की तरह है. ममता बनर्जी के शासन में, शाहजहां जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है, जबकि साधुओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है. पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है।”

One Nation One Election के विरोध में आईं ममता बनर्जी, बोलीं- देश में चुनाव…

तृणमूल कांग्रेस (TMC) की चीफ ममता बनर्जी ने One Nation, One Election से जुड़ी कमेटी, जिसकी अगुवाई स्वयं पूर्व राष्ट्रपति कोविंद कर रहे हैं, उन्हें एक लेटर लिखा है और कहा है कि, वे देश में एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर वन नेशन, वन इलेक्शन की पैरवी करते नजर आते रहे हैं. उनका कहना है कि इससे न सिर्फ देश के संसाधन बचेंगे, बल्कि चुनावी प्रक्रियाओं में लगने वाले समय की भी बचत होगी, हालांकि इसी बीच ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आज यानि गुरुवार 11 जनवरी को, One Nation, One Election को भारत के संवैधानिक बुनियादी ढांचे के विरुद्ध करार दिया है. उन्होंने कहा कि एक देश, एक चुनाव सही नहीं है।

गौरतलब है कि, इस मुद्दे के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की चीफ ममता बनर्जी ने One Nation, One Election से जुड़ी कमेटी, जिसकी अगुवाई स्वयं पूर्व राष्ट्रपति कोविंद कर रहे हैं, उन्हें एक लेटर लिखा है और कहा है कि, वे देश में एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है।

One Nation, One Election को लेकर ममता बनर्जी का कहना है कि, देश में संघ और राज्य चुनाव एक साथ नहीं होना भारतीय संवैधानिक व्यवस्था की मूल संरचना का हिस्सा है. ये शासन की वेस्टमिंस्टर प्रणाली की एक बुनियादी विशेषता है।

एक देश, एक चुनाव कमेटी का क्या काम है?

गौरतलब है कि, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति कमेटी मूल काम लोकसभा, विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार कर, सिफारिश करना है. बता दें कि इस कमेटी के सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, सुभाष सी कश्यप, हरीश साल्वे, संजय कोठारी, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद हैं. मगर अधीर रंजन चौधरी ने अपना नाम बाद में वापस ले लिया था।

लेटर में आगे लिखा कि, साल 1952 में एसी ही कोशिश की गई थी, जब लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव आने वाले कुछ सालों तक एक साथ हुए थे. हालांकि ये प्रणाली लंबे वक्त तक कायम न रह सकी थी।

ED पर हुए हमले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने दिया बड़ा बयान, सरकार भेजे जांच रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों पर हालिया हमले के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 5 जनवरी की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है. इस घटना को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी दल बीजेपी के बीच वार-पलटवार हो रहा है. राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों ने यह जताने की कोशिश की है कि 5 जनवरी की घटना जन आक्रोश के कारण हुई

पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने मंगलवार को दावा किया कि ऐसे हमले देश के अन्य हिस्सों में भी होंगे जहां जांच एजेंसियां छापेमारी करती हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने राज्य में एक स्थान पर जनाक्रोश का विस्फोट देखा… भविष्य में भारत में अन्य स्थानों पर भी ऐसी घटनाएं होंगी.’’ मंत्री के बयान पर बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों को बचाने के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार को तुरंत सत्ता से उखाड़ फेंकना चाहिए.

5 जनवरी को ईडी की टीम राज्य की राशन प्रणाली में कथित अनियमितताओं के संबंध में संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी, जब शेख के सैकड़ों समर्थकों ने उस पर हमला कर दिया. इस हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे. हमले के बाद ईडी ने कहा था कि हमारी तलाशी के दौरान एक परिसर में ईडी टीम और सीआरपीएफ कर्मियों पर 800-1000 लोगों ने जान लेने के इरादे से हमला किया.

ये लोग लाठी, पत्थर और ईंट जैसे हथियार से लैश थे. अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया था कि हिंसक भीड़ ने ईडी अधिकारियों के निजी और आधिकारिक सामान जैसे कि उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी, वॉलेट आदि भी छीन लिए, या लूट लिए लिए थे और एजेंसी के कुछ वाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था.

राशन घोटाले में ईडी ने कसा शिकंजा, टीएमसी नेता शंकर आध्या को किया गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल में ईडी ने राशन घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, ईडी की टीम पर हमले के बाद शुक्रवार देर रात टीम ने टीएमसी नेता शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया।

HIGHLIGHTS

  • पश्मिम बंगाल राशन घोटाले में ईडी का बड़ा एक्शन
  • टीएमसी नेता शंकर आध्या को किया गिरफ्तार
  • कल ईडी की टीम पर हुआ था हमला

 पश्चिम बंगाल के राशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशायल (ED) ने सख्ती दिखाते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता शंकर आध्या को गिरफ्तार कर दिया है. इससे पहले शुक्रवार को राशन घोटाले में जांच करने पहुंची ईडी की टीम पर हमला कर दिया गया था. उसके बाद विभाग ने सख्ती दिखाई और देर रात राशन घोटाला के मामले में बनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी नेता शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा हा है कि ईडी की टीम ने आधी रात को कार्रवाई करते हुए शंकर आध्या को गिरफ्तार किया।

इससे पहले शुक्रवार शाम को ईडी ने शंकर आध्या के ससुराल वालों के ठिकानों पर छापामारी कर 8.5 लाख रुपये का कैश बरामद किया था. इस कैश को अलमारी में भरकर रखा गया था. उसके बाद देर रात शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया गया. ईडी आज शंकर आध्या को कोलकाता के सीजीओ कॉम्प्लेक्स लाएगी जहां मेडिकल जांच के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

शुक्रवार को ईडी ने की थी छापेमारी

बता दें कि ईटी की टीम कल (शुक्रवार) राशन घोटाले में छापेमारी के लिए टीएमसी नेता के ठिकानों पर पहुंची थी. लेकिन इस दौरान ईडी की टीम पर हमला कर दिया गया. इस दौरान ईडी ने कोलकता में भी कई स्थानों पर छापेमारी की थी. इसके अलावा टीएमसी नेता शंकर आध्या के बनगांव स्थिर ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. इस दौरान टीम ने टीएमसी नेता से जुड़े पांच स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. केंद्रीय एजेंसी ने नेता के घर और उनके ससुराल में भी छापा मारा।

काफी खोजबीन के बाद जांच अधिकारियों को आध्या के ससुराल से साढे आठ लाख रुपये की नकदी मिली. इस दौरान ईडी की एक अलग टीम ने शंकर आध्या के घर पर उनसे पूछताछ की. उसके बाद परिजनों ने दावा किया कि ईडी ने उनसे तमाम व्यावसायिक मामलों पर पूछताछ की. बता दें कि तृणमूल नेता आध्या और उनके परिवार के कई व्यवसाय हैं. सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी नेता विदेशी मुद्रा विनिमय का कारोबार भी करता है. इससे पहले ईडी ने राशन घोटाले में ज्योतिप्रिय मल्लिक को भी गिरफ्तार किया है. जिनके साथ शंकर आध्या के काफी करीबी संबंध रहे हैं।

  • बता दें कि शुक्रवार (5 जनवरी) को जब ईडी की टीम तलाशी अभियान चला रही थी सभी संदेशखाली के सरबेरिया इलाके में टीम पर हमला कर दिया गया. इस दौरान स्थानीय लोगों और टीएमसी नेता शेख शाहजहां के समर्थकों ने टीम पर हमला कर दिया. बता दें कि शुक्रवार को राशन घोटाले के सिलसिले में सरबेरिया समेत 18 स्थानों पर छापेमारी की थी. हमले के बाद ईडी के अधिकारी अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकले थे. इस दौरान लोगों ने ईडी की टीम के वाहनों में भी तोड़फोड़ की थी. जिसमें एक अधिकारी के सिर में चोट आई थी।

बंगाल हिंसा पर ED का बड़ा बयान! हत्या के इरादे से किया हमला, हिंसा में शामिल थे 800 से 1000 हमलावर

प्रवर्तन निदेशालय के बयान में कहा गया कि, भीड़ ने उनके फोन, लैपटॉप, नकदी और बटुए भी छीन लिए। साथ ही उन्होंने एजेंसी की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में हिंसा पर एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि “800-1000” लोगों ने हत्या के इरादे से उनके अधिकारियों पर हमला किया था. जांच एजेंसी ने कहा कि भीड़ के पास लाठियां, पत्थर और ईंटें जैसे चीजें थी. ईडी के तीन अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं और वे अस्पताल में भर्ती हैं. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि हमला तब हुआ जब उसके अधिकारी पीडीएस घोटाले के सिलसिले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के तीन परिसरों की तलाशी ले रहे थे।

प्रवर्तन निदेशालय के बयान में कहा गया कि, भीड़ ने उनके फोन, लैपटॉप, नकदी और बटुए भी छीन लिए. साथ ही उन्होंने एजेंसी की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की. दरअसल ईडी पश्चिम बंगाल के पीडीएस घोटाले के मामले में उत्तर 24 परगना के टीएमसी नेता शाहजहां शेख के तीन परिसरों पर तलाशी ले रही थी।

800 से 1000 लोगों ने किया जानलेवा हमला

तलाशी के दौरान एक परिसर में, ईडी की टीम पर 800 से 1000 लोगों ने हमला किया था. इस दौरान ईडी की टीम के साथ सीआरपीएफ जवान भी मौजूद थे. ईडी के बयान के मुताबिक, ये हमला हत्या के इरादे से किया गया था, क्योंकि हमलावरों के पास लाठी, पत्थर और ईंट जैसे चीजें थी।

इस घटना में 3 ईडी अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिसके बाद घायल ईडी अधिकारियों को फौरन इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. ईडी ने बताया कि, हिंसक भीड़ ने टीम के साथ छीना-झपटी भी की, जिसमें अधिकारियों के निजी/आधिकारिक सामान जैसे उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी, वॉलेट आदि चुरा लिए और ईडी के कुछ वाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया. मामले में अबतक मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय जानलेवा हिंसा के इस मामले में एफआईआर दर्ज करवा सकती है।

बंगाल में ममता सरकार का बने रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

वहीं ईडी पर हिंसा के इस मामले में तृणमूल कांग्रेस का भी बयान आया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय एजेंसी और सुरक्षा अधिकारियों पर ग्रामीणों को उकसाने का आरोप लगाया है, जिसपर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि, बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार का बने रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

पश्चिम बंगाल में सियासी बवाल! जानें कौन है शाहजहां शेख, जिसपर पर छापा मारना ED को महंगा पड़ गया.

पूरा वाकया पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का है. जहां ईडी अधिकारियों की एक टीम, सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित केंद्रीय सेना के जवानों के साथ छापेमारी के लिए पहुंची थी।

पश्चिम बंगाल में बवाल मचा हुआ है… टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी के लिए पहुंची ईडी पर हमले में तीन अधिकारी जख्मी हो गए हैं. भाजपा का आरोप है कि, इस हमले में रोहिंग्या भी शामिल थे, लिहाजा इसकी एनआईए जांच की जानी चाहिए. बता दें कि छापेमारी के वक्त ईडी के साथ, केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान भी तैनात थे, जो खुद भी इस हमले का शिकार हुए हैं. ऐसे में सवाल है कि आखिर, कौन है ये टीएमसी नेता शाहजहां शेख, जिसपर ईडी अधिकारियों पर हमला कराने का गंभीर आरोप है।

गौरतलब है कि, ये पूरा वाकया पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का है. जहां ईडी अधिकारियों की एक टीम, सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित केंद्रीय सेना के जवानों के साथ छापेमारी के लिए पहुंची थी. जब ईडी के अधिकारी ताला खोलकर तलाशी लेने की कोशिश में थे, तभी अधिकारियों पर जानलेवा हमला हो गया, जिसके बाद उन्हें फौरन मौके से रवाना होना पड़ा।

चलिए जानें कौन है शाहजहां शेख? तो दरअसल टीएमसी नेता शाहजहां शेख वर्तमान में जिला परिषद का पदाधिकारी है. इससे पहले वह नगरपालिका के चेयरमैन का पद भी संभाल चुका है. कहा जाता है कि, शाहजहां शेख का संदेशखाली में ऐसा दबदबा है कि उसके इशारे के बिना इलाके में एक पत्ता भी नहीं हिलता. दावा किया जा रहा है कि, ईडी अधिकारियों के हमले के पीछे शाहजहां शेख के ही समर्थक थे, जो सुबह सात बजे मौके पर इकट्ठा हुए थे।

जानकारों का कहना है कि, शाहजहां शेख के टीएमसी में शामिल होने के बाद से उसकी ताकत में इजाफा हुआ है. इससे पहले वो सीपीएम का समर्थक था, हालांकि साल 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद उसने माकपा छोड़ टीएमसी के साथ मिल गया।

शुभेंदु ने हमले का आरोपियों का किया खुलासा

पश्चिम बंगाल में ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में शुभेंदु अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने शुक्रवार को सोशल साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जिन चरमपंथियों ने आज संदेशखाली में ईडी अधिकारियों, सीआरपीएफ जवानों और पत्रकारों पर कायरतापूर्ण हमला किया और अंजाम दिया; शेख आलमगीर; शेख शाहजहां का सबसे छोटा भाई, जियाउद्दीन; प्रसिद्ध हथियार तस्कर, हत्यारा और वर्तमान में सरबेरिया-अगरहाटी ग्राम पंचायत प्रधान, शेख सिराजुद्दीन; शेख शाहजहाँ का भाई।

इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि, ममता बनर्जी के आश्वासन और प्रोत्साहन के कारण, शेख शाहजहां जैसे अपराधियों ने रोहिंग्याओं को अपने गुर्गे के रूप में काम करने और आतंक का शासन स्थापित करने के लिए इकट्ठा किया है।

टीएमसी नेता के घर रेड करने गई टीम पर 200 लोगों ने किया हमला

राशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पश्चिम बंगाल में लगातार छापेमारी कर रही है. इस दौरान ही शुक्रवार को ED की टीम छापेमारी करने उत्तर 24 परगना पहुंची. लेकिन ईडी की टीम को यहां ग्रामीणों की भीड़ ने घेर लिया और 200 लोगों ने उन पर हमला कर दिया. भीड़ ने ईडी अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की है.हालांकि, इस हमले के बाद टीएमसी नेता एसके शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है।

ईडी की टीम पर हमले का यह मामला उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गांव का है. जांच एजेंसी की टीम यहां राशन घोटाले के केस में टीएमसी नेता एसके शाहजहां शेख के घर छापेमारी करने पहुंची थी।

अभिषेक बनर्जी की कंपनियों पर ईडी की कार्रवाई, कलकत्ता हाईकोर्ट में दिया जवाब

कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है और कहा है कि अभिषेक बनर्जी की कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स की आठ संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है. ईडी का अनुमान है कि यह करीब 7.5 करोड़ रुपये की संपत्ति हैं. ईडी के वकील ने मंगलवार को जस्टिस अमृता सिन्हा की अदालत में यह जानकारी दी।

लीप एंड बाउंड्स मामले में सीबीआई और ईडी ने जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ को अलग-अलग जांच रिपोर्ट सौंपी है. जज रिपोर्ट की जांच के बाद बुधवार को दोबारा मामले की सुनवाई करेंगे. हालांकि, न्यायाधीश ने ईडी के संयुक्त निदेशक और ईएसआई अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को बुधवार को अदालत में पेश होने का आदेश दिया।

सीबीआई के वकील बिल्वादल भट्टाचार्य ने बंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट के बारे में अदालत को जानकारी दी. सीबीआई को प्रारंभिक जांच में पता चला कि भर्ती के सभी पहलुओं में भ्रष्टाचार हुआ है. एस बसु रॉय एंड कंपनी 2022 तक एक चार्टर्ड अकाउंट फर्म थी. फिर अचानक उन्हें ओएमआर शीट तैयार करने की जिम्मेदारी मिल गई! इससे केंद्रीय एजेंसी हैरान रह गई।

2012 में कई अन्य संस्थाओं को ओएमआर शीट तैयार करने का अनुभव होने के बावजूद यह कार्य नहीं दिया गया. 2014 में कोई और निविदा नहीं बुलाई गई. प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने अभ्यर्थियों के पंजीकरण के लिए एक पोर्टल खोला जो पूरी तरह से अवैध है. यह प्रक्रिया बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए की गई है. यह पूरी तरह से अज्ञात है कि इसे किसके द्वारा या किसके कहने से इसे नष्ट किया गया था।

वकील ने दावा किया कि आरटीआई का जवाब देने के लिए उन्होंने एस बसु रॉय और कंपनी बोर्ड से चर्चा की होगी और ओएमआर शीट की स्कैन की हुई कॉपी दिखाई होगी. उन्होंने यह भी कहा कि अयान शील अब जेल में है. सीबीआई के वकील ने कहा कि भले ही उससे पूछताछ से कई अहम जानकारियां सामने आई हैं, लेकिन ये सारी बातें कोर्ट रूम में नहीं बताई जा सकतीं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में पूरे मामले का जिक्र किया गया है।

सीबीआई के वकील ने कहा, ‘जिसने भी ओएमआर बनाया, मार्क्स दिए, सब कुछ किया. ऐसा लगता है कि यह सब बच्चों का खेल है. जो कुछ भी किया गया है.’ वहीं, ईडी के वकील धीरज त्रिवेदी ने कहा कि कंपनी की कुल आठ संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है. जहां अनुमान है कि करीब 7.5 करोड़ रुपये की संपत्ति है. ईडी को आशंका है कि वहां से भर्ती को लेकर भ्रष्टाचार से जुड़ी कई जानकारियां सामने आएगी।