प्रवर्तन निदेशालय के बयान में कहा गया कि, भीड़ ने उनके फोन, लैपटॉप, नकदी और बटुए भी छीन लिए। साथ ही उन्होंने एजेंसी की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में हिंसा पर एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि “800-1000” लोगों ने हत्या के इरादे से उनके अधिकारियों पर हमला किया था. जांच एजेंसी ने कहा कि भीड़ के पास लाठियां, पत्थर और ईंटें जैसे चीजें थी. ईडी के तीन अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं और वे अस्पताल में भर्ती हैं. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि हमला तब हुआ जब उसके अधिकारी पीडीएस घोटाले के सिलसिले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के तीन परिसरों की तलाशी ले रहे थे।

प्रवर्तन निदेशालय के बयान में कहा गया कि, भीड़ ने उनके फोन, लैपटॉप, नकदी और बटुए भी छीन लिए. साथ ही उन्होंने एजेंसी की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की. दरअसल ईडी पश्चिम बंगाल के पीडीएस घोटाले के मामले में उत्तर 24 परगना के टीएमसी नेता शाहजहां शेख के तीन परिसरों पर तलाशी ले रही थी।

800 से 1000 लोगों ने किया जानलेवा हमला

तलाशी के दौरान एक परिसर में, ईडी की टीम पर 800 से 1000 लोगों ने हमला किया था. इस दौरान ईडी की टीम के साथ सीआरपीएफ जवान भी मौजूद थे. ईडी के बयान के मुताबिक, ये हमला हत्या के इरादे से किया गया था, क्योंकि हमलावरों के पास लाठी, पत्थर और ईंट जैसे चीजें थी।

इस घटना में 3 ईडी अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिसके बाद घायल ईडी अधिकारियों को फौरन इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. ईडी ने बताया कि, हिंसक भीड़ ने टीम के साथ छीना-झपटी भी की, जिसमें अधिकारियों के निजी/आधिकारिक सामान जैसे उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी, वॉलेट आदि चुरा लिए और ईडी के कुछ वाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया. मामले में अबतक मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय जानलेवा हिंसा के इस मामले में एफआईआर दर्ज करवा सकती है।

बंगाल में ममता सरकार का बने रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

वहीं ईडी पर हिंसा के इस मामले में तृणमूल कांग्रेस का भी बयान आया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय एजेंसी और सुरक्षा अधिकारियों पर ग्रामीणों को उकसाने का आरोप लगाया है, जिसपर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि, बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार का बने रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।