Category Archives: Technology

ISRO ने नए साल के पहले दिन ही रचा इतिहास, लॉन्च किया XPoSAT सैटेलाइट, जानें मिशन से जुड़ी जानकारी

नए साल के पहले दिन, 1 जनवरी 2024 को इसरो नया इतिहास रच दिया है। आज सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर इसरो  PSLV-C58/XPoSat को लॉन्च कर दिया, जिससे अंतरिक्ष और ब्लैक होल के रहस्य का पता लगाया जा सकेगा। इस मिशन के बारे में, इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने बताया, “वर्कहॉर्स, PSLV का 60वां प्रक्षेपण इस दिन (1 जनवरी, 2024) को होगा। इसके अधिकांश मिशन सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं… यह रॉकेट प्रणाली वैश्विक परिदृश्य में सबसे विश्वसनीय और लागत प्रभावी में से एक के रूप में विकसित हुई है। इसके ट्रैक रिकॉर्ड से पता चलता है कि सफलता दर 95% से अधिक है।

उन्होंने बताया कि जहां तक ​​प्रक्षेपण प्रणालियों का सवाल है, यह वैश्विक मानक से अधिक है। यह प्रक्षेपण एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक मिशन है जिसमें आकाशगंगाओं, ब्लैक होल, मरते सितारों से जुड़ी मूलभूत घटनाओं को देखने के लिए एक अवलोकन प्रणाली होगी। यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति पर प्रकाश डालेगा। इसके अतिरिक्त क्षमता का उपयोग कई छोटे उपग्रहों को ले जाने के लिए किया जा रहा है। इस अवसर पर, मैं ध्रुवीय सैट प्रक्षेपण यान के प्रक्षेपण के साथ इसरो के लिए एक शानदार वर्ष की कामना करता हूं।

(पीएसएलवी) 1 जनवरी 2024 को..भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सोमवार को पहले एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह (XPoSAT) के प्रक्षेपण से नववर्ष का स्वागत करने के लिए तैयार है जो ब्लैक होल जैसी खगोलीय रचनाओं के रहस्यों से पर्दा उठाएगा।

पांच वर्ष है इस मिशन का जीवनकाल 

जानकारी के मुताबिक इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच वर्ष का होगा। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)-सी58 रॉकेट अपने 60वें अभियान पर प्रमुख पेलोड ‘XPoSAT’ और 10 अन्य उपग्रह लेकर जाएगा जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।

इसरो के एक्सपो सैटेलाइट की लॉन्चिंग आज, खंगालेगा ब्लैक होल्स के राज

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो आज अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और इतिहास रचने जा रहा है. दरअसल, इसरो सोमवार (1 जनवरी 2024) को एक्सपोसैट को लॉन्च करेगा. इसरो का ये सैटेलाइट ब्लैक होल्स के राज जानने की कोशिश करेगा.  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पहले एक्स-रे पोलरीमीटर उपग्रह यानी एक्सपोसैट को सुबह 9.10 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा. इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल सी58 (PSLV C58) द्वारा की जाएगी. जो इस सैटेलाइट को महज 21 मिनट में अंतरिक्ष में 650 किमी ऊंचाई पर पहुंचा देगा. बता दें कि PSLV C58 का ये 60वां मिशन है. इसरो एक्सपोसैट के साथ साथ 10 अन्य उपग्रहों को भी पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा.

रविवार को शुरू हुई थी उलटी गिनती

एक्सपोसैट की लॉन्चिंग के लिए रविवार सुबह 8:10 बजे से उलटी गिनती शुरू हुई. करीब दो घंटे बाद यानी सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र को प्रथम लॉन्च पैड से इसकी लॉन्चिंग की जाएगी. इसरो का ये एक्सपोसैट अगले पांच साल तक अंतरिक्ष में ब्लैक हॉल्स के राज जानने की कोशिश करेगा. यानी एक्सपोसैट 2028 तक काम करेगा. एक्सपोसैट के प्रक्षेपण के लिए 44.4 मीटर ऊंचा पीएसएलवी-डीएल रॉकेट बनाया गया है. जिसका लिफ्ट-ऑफ द्रव्यमान 260 टन है. जो एक्सपोसैट को पृथ्वी से 650 किमी ऊंचाई पर स्थापित करेगा.

जिसमें मात्र 21 मिनट का वक्त लगेगा. एक्सपोसैट को स्थापित करने के बाद इसरो के वैज्ञानिक लॉन्चिंग व्हीकल्स पीएसएलवी-सी 58 को पृथ्वी की ओर 350 किमी की ऊंचाई तक वापस लाएंगे. जो रॉकेट का चौथा चरण होगा. जिसमें पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-3 (पोयम3) का परीक्षण किया जाएगा. बता दें कि पीएसएलवी चार चरणों वाला रॉकेट है. इसके पहले तीन चरण प्रयोग होने के बाद समुद्र में गिर जाएंगे और अंतिम चरण (PS4) उपग्रह को कक्षा में प्रक्षेपित करने के बाद अंतरिक्ष में कचड़ा बन जाता है. बता दें कि इससे पहले अप्रैल 2023 में पीएसएलवी सी 55 रॉकेट के साथ भी पोयम परीक्षण कर चुका है.

एक्सपोसैट लगाए गए दो उपकरण

बता दें कि इसरो ने एक्सपोसैट में दो उपकरण लगाए हैं. जिसमें पहला पोलरीमीटर इंस्ट्रूमेंट इन एक्सरे यानी पॉलिक्स हैं जिसे रमन शोध संस्थान द्वारा विकसित किया गया है. वहीं दूसरा उपकरण एक्सरे स्पेक्ट्रोस्कोपी एंड टाइमिंग यानी एक्सपेक्ट है जिसे यूआर राव उपग्रह केंद्र बेंगलूरू द्वारा बनाया गया है.

एक्सपोसैट के साथ अंतरिक्ष में स्थापित होंगे ये 10 उपग्रह

इसरो एक्सपोसैट के साथ-साथ जिन 10 अन्य उपग्रहों को आज (सोमवार) को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा, उनमें टेक मी 2 स्पेस कंपनी द्वारा बनाया गया रेडिएशन शील्डिंग एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल, LBS महिला तकनीकी संस्थान द्वारा बनाया गया उपग्रह, केजे सोमैया तकनीकी संस्थान द्वारा बनाया गया रेडियो उपग्रह बिलीफसैट भी शामिल है. जिसे शौकिया तौर पर बनाया गया है.

इनके अलावा इंस्पेसिटी स्पेस लैब द्वारा बनाया गया ग्रीन इम्पल्स ट्रांसमीटर, ध्रुव स्पेस द्वारा विकसित लॉन्चिंग एक्सपीडिशंस फॉर एस्पायरिंग टेक्नोलॉजीस टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस द्वारा विकसित किए गए रुद्र 0.3 एचपीजीपी और आर्का 200 उपग्रह, इसरो के पीआरएल द्वारा बनाया गया उपग्रह डस्ट एक्सपेरिमेंट, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र द्वारा विकसित उपग्रह फ्यूल सेल पावर सिस्टम और सिलिकॉन आधारित उच्च ऊर्जा सेल शामिल हैं.

क्यों खास है एक्सपोसैट?

इसरो के मुताबिक, एक्सपोसैट उपग्रह का लक्ष्य सुदूर अंतरिक्ष से आने वाली गहन एक्स-रे का पोलराइजेशन यानी ध्रुवीकरण के बारे में जानकारी इकट्ठा करना है. जिसमें वह ये जानने की कोशिश करेगा ये किस आकाशीय पिंड की से आ रही हैं. ये संरचनाएं ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद नाभिक जैसी महत्वपूर्ण चीजों को समझने में मदद करेंगी. जो आकाशीय पिंडों के आकार और विकिरण बनाने की प्रक्रिया को समझाने में मददगार साबित होंगी.

सैटेलाइट लांच के साथ ISRO करेगा नए साल की शुरुआत, ब्लैक होल की जानकारी जुटाएगा भारतीय उपग्रह

भारत सोमवार को अपना पहला डेडिकेटेड पोलारिमेट्री मिशन, एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) लॉन्च करने के लिए तैयार है। उपग्रह को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 9 बज कर 10 मिनट पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान रॉकेट (Polar Satellite Launch Vehicle) पर लॉन्च किया जाएगा।

XPoSat का लक्ष्य उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की जटिलताओं को उजागर करना, चरम स्थितियों में उनकी जटिल गतिशीलता की जांच करना है। अंतरिक्ष यान निम्न-पृथ्वी कक्षा अन्वेषण के लिए डिजाइन किए गए दो अत्याधुनिक वैज्ञानिक पेलोड ले जाता है।

प्राथमिक उपकरण, POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) को ध्रुवीकरण की डिग्री और कोण जैसे पोलारिमेट्री मापदंडों को मापने का काम सौंपा गया है। खगोलीय उत्पत्ति के 8-30 केवी फोटॉन की मध्यम एक्स-रे ऊर्जा रेंज में काम करते हुए, POLIX आकाशीय पिंडों से एक्स-रे उत्सर्जन की हमारी समझ में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।

XPoSat में XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) पेलोड भी है, जिसे 0.8-15 केवी की ऊर्जा रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी प्रदान करने के लिए इंजीनियर किया गया है, जो ब्लैक होल, न्यूट्रॉन सहित विभिन्न खगोलीय स्रोतों के उत्सर्जन तंत्र में अमूल्य अंतर्दृष्टि, तारे, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, पल्सर पवन नीहारिकाएं और बहुत कुछप्रदान करता है। ।

धमाल मचाने लौट रही Yamaha RX100, अपने दौर में तूफान काटने वाली बाइक, इस साल होगी लॉन्च

1980 के दशक से भारतीय सड़कों को थर्राने वाली मशहूर बाइक Yamaha RX100 की वापसी का रास्ता साफ हो गया है. यामाहा मोटर इंडिया के चैयरमैन ईशिन चिहाना ने एक न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए कहा है कि कंपनी Yamaha RX100 की वापसी चाहती है. हालांकि कुछ तकनीकी कारणों की वजह से बिल्कुल पुराना मॉडल नहीं लाया जा सकता है.

लेकिन यामाहा के लिए Yamaha RX100 की पुरानी पहचान को मॉडर्न स्टाइल के साथ लेकर चलना एक बड़ा चैलेंज होगा. Yamaha RX100 के नए मॉडल को पावरफुल इंजन और डिजाइन के साथ 2026 के करीब लॉन्च किया जा सकता है. आइए देखते हैं Yamaha RX100 को लेकर यामाहा का क्या प्लान है.

नहीं आएगी पुरानी Yamaha RX100

यामाहा आरएक्स100 की वापसी एकदम पुराने मॉडल की तरह नहीं होगी. इसके दो तकनीकी कारण है. पहला कारण यह है कि आरएक्स 100 दो स्ट्रोक इंजन के साथ आती है. वहीं, दूसरा कारण यह है कि टू-स्ट्रोक इंजन के साथ कभी भी बीएस6 के अनुकूल इंजन तैयार नहीं किया जा सकता है.

2026 तक होगी लॉन्च

कंपनी के चैयरमैन ईशिन चिहाना का कहना है कि यामाहा के पास 2025 तक की लाइनअप के लिए मॉडल्स मौजूद हैं. इसलिए आरएक्स100 की वापसी 2026 के बाद ही मुमकिन हो पाएगी. बिजनेस लाइन से बात करते हुए चिहाना ने कहा कि हमारे पास आरएक्स100 की वापसी के लिए एक प्लान है.

कंपनी नहीं लेगी रिस्क

ईशिन चिहाना के मुताबिक कंपनी आरएक्स100 के नाम का इस्तेमाल इतनी आसानी से नहीं कर सकती है. इससे आरएक्स100 की इमेज खराब होने का खतरा है. आरएक्स100 के न्यू मॉडल को नए सिरे से तैयार किया जाएगा. कंपनी आरएक्स100 को एक अच्छी तैयारी के साथ लॉन्च करना चाहती है.

इनकी वापसी का भी है इंतजार

यामाहा के लिए आरएक्स100 को नए स्टाइल और डिजाइन के साथ पेश करना आसान नहीं होगा. लोगों के जेहन में आरएक्स100 आज भी ताजा है. इसलिए पुरानी पहचान के साथ तालमेल कायम करना एक बड़ा चैलेंज है. आरएक्स100 के अलावा लोगों को सुजुकी समुराई और होंडा सीडी-100 की वापसी का भी इंतजार है.

Google ने चोरी-छिपे की यूजर्स की जासूसी, 41 हजार करोड़ का लग सकता है जुर्माना, जानें पूरा मामला

Google पर एक बार फिर से यूजर्स की चोरी-छिपे जासूसी करने का आरोप लगा है। कंपनी को इसके लिए 5 बिलियन डॉलर यानी करीब 41 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। टेक कंपनी गूगल पर यह आरोप लगा है कि यूजर्स के डेटा की सीक्रेट ट्रैकिंग की गई है। हैरानी की बात यह है कि जिस प्राइवेट ब्राउजिंग यानी इनकोगनिटो (Incognito) मोड का इस्तेमाल करके यूजर्स कुछ भी सर्च करते हैं, ताकि उनकी ब्राउजिंग सुरक्षित रहे। उस इनकोगनिटो मोड के डेटा की ट्रैकिंग का आरोप गूगल पर लगा है। अमेरिका की कैलिफोर्निया कोर्ट ने गूगल को 24 फरवरी 2024 तक केस के निपटारे का डॉक्यूमेंट अदालत में पेश करने के लिए कहा गया है, नहीं तो गूगल को भारी जुर्माना भरना होगा।

क्या है मामला?

गूगल पर यह मुकदमा 2020 में दायर किया गया था। कंपनी पर आरोप है कि गूगल एनालिटिक्स, कूकीज और ऐप्स के जरिए यूजर्स की जासूसी करता है। गूगल यूजर्स की पसंद, नापसंद, दोस्तों, शौक, पसंदीदा भोजन, यहां तक की खरीदारी की आदतों को भी ट्रैक करता है। यूजर्स द्वारा गूगल सर्च के जरिए कुछ भी सर्च करने पर यह जासूसी की जाती है। हालांकि, गूगल पहले कई बार इस मुकदमे को खारिज करने की कोशिश कर चुका है, लेकिन कोर्ट ने मामले की सघन जांच करने के लिए गूगल की अपील खारिज कर दी।

कैलिफोर्निया कोर्ट के जस्टिस रोजर्स ने कहा कि साल 2020 में यह मुकदमा दायर किया गया था। 1 जून 2016 से लेकर अब तक लाखों यूजर्स को पार्टी बनाया गया है। गूगल अगर इस मामले को तय समय तक नहीं निपटाता है, तो उसे हर यूजर को कम से कम 5 हजार डॉलर मुआवजा देना होगा।

यह पहला मामला नहीं है, जब गूगल पर यूजर की जासूसी करने का आरोप लगा है। इससे पहले भी गूगल पर इस तरह के कई आरोप लग चुके हैं। अमेरिकी सीनेटर रॉन विडेन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि गूगल पुश नोटिफिकेशन के जरिए भी यूजर्स की जासूसी करता है।

भारत खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए अगले 5 साल में 50 सैटेलाइट भेजेगा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

भारत अब सैटेलाइट की मदद से खुफिया जानकारियों को इकट्ठा करेगा। इसके लिए अंतरिक्ष में 50 सैटेलाइट भेजने की योजना है। ये 50 सैटेलाइट भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से भेजे जाएंगे। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बृहस्पतिवार को मुंबई आईआईटी के कार्यक्रम में उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारत भू-खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए अगले पांच वर्षों में 50 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रख रहा है। उन्होंने कहा कि इनमें सैनिकों की आवाजाही पर नजर रखने और हजारों किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें लेने की क्षमता के साथ विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों की एक परत का निर्माण शामिल होगा।

आईआईटी बंबई के कार्यक्रम में शामिल हुए इसरो चीफ

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बंबई के वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी समारोह ‘टेकफेस्ट’ को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि बदलावों का पता लगाने, आंकड़ों के विश्लेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से संबंधित और डेटा आधारित प्रयासों के मामले में उपग्रहों की क्षमता बढ़ाना अहम है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत राष्ट्र बनने की भारत की आकांक्षा को साकार करने के लिए, इसके उपग्रह बेड़े का वर्तमान आकार पर्याप्त नहीं है और इसे ‘‘आज की क्षमता के मुकाबले दस गुना’’ होना चाहिए।

अंतरिक्षयान देश की सीमाओं और पड़ोसी क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम

उन्होंने कहा कि अंतरिक्षयान देश की सीमाओं और पड़ोसी क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम हैं। सोमनाथ ने कहा, ‘‘यह सब उपग्रहों से देखा जा सकता है। हम इसे संभालने के लिए उपग्रह प्रक्षेपित कर रहे हैं, लेकिन अब सोचने का एक अलग तरीका है और हमें इसे और अधिक महत्वपूर्ण तरीके से देखने की जरूरत है क्योंकि (किसी भी) राष्ट्र की शक्ति उसकी यह समझने की क्षमता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है।’’

इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘हमने अगले पांच वर्षों में 50 उपग्रहों को अंतिम रूप देने के लिए उनका संयोजन कर लिया है और इसे अगले पांच वर्षों से अधिक समय में इस विशेष भू-खुफिया जानकारी संग्रह में सहायता के लिहाज से भारत के लिए भेजा जा रहा है।’’ सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत इस स्तर पर उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है तो देश के सामने आने वाले खतरों को बेहतर तरीके से कम किया जा सकता है।

स्मार्टवॉच की बिक्री पर इन वजहों से लगा बैन, Apple ने फैसले के खिलाफ की अपील

व्हाइट हाउस ने एप्पल की स्मार्टवॉच पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया है। ऐप्पल के नवीनतम स्मार्टवॉच मॉडल पर प्रतिबंध मंगलवार से लागू हो गया है। इसके बाद अब ऐप्पल वॉच सीरीज़ 9 और ऐप्पल वॉच अल्ट्रा 2 स्टोर पर या ऑनलाइन में उपलब्ध नहीं हैं। बाइडेन प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ एप्पल ने अपील दायर कर दी है। बता दें कि बाइडेन प्रशासन ने पेटेंट उल्लंघन पर एक फैसले को वीटो नहीं करने का विकल्प चुनने के बाद नवीनतम स्मार्टवॉच मॉडल पर अमेरिकी प्रतिबंध के खिलाफ अपील दायर की है।

यह प्रतिबंध मूल्यवान पेटेंट को लेकर बड़ी तकनीकी कंपनियों से जुड़ा नवीनतम कानूनी झगड़ा है, जिसमें स्पीकर तकनीक की लड़ाई में गूगल ने सोनोस के खिलाफ अदालत में लड़ाई भी देखी है। एआई यूनाइटेड स्टेट्स इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (आईटीसी) ने अक्टूबर में रक्त-ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाने के लिए पेटेंट तकनीक पर ऐप्पल वॉच मॉडल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। यह आदेश चिकित्सा उपकरण निर्माता मासिमो कॉर्प द्वारा 2021 के मध्य में आयोग को की गई एक शिकायत से उपजा है, जिसमें एप्पल पर “प्रकाश-आधारित ऑक्सीमेट्री कार्यक्षमता” का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।

राजदूत ने कहा नहीं पलटेगा फैसला

स्मार्टवॉच पर प्रतिबंद के खिलाफ भले ही एप्पल ने अपील दायर कर दी है। मगर इस पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद राजदूत (कैथरीन) ताई ने निर्णय को नहीं पलटने का फैसला किया है।अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, आईटीसी का निर्णय 26 दिसंबर, 2023 को अंतिम हो गया।” हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यालय के पास आयात प्रतिबंधों को उलटने का अधिकार है, लेकिन ऐसी कार्रवाइयां शायद ही कभी की जाती हैं। एक बयान में, मैसिमो ने कहा कि प्रतिबंध “अमेरिकी पेटेंट प्रणाली की अखंडता और अंततः अमेरिकी उपभोक्ताओं की जीत है, जो सच्चे नवाचार को पुरस्कृत करने वाले पारिस्थितिकी तंत्र से लाभान्वित होंगे।” ऐप्पल ने अमेरिकी संघीय अदालत में अपील दायर करते हुए तर्क दिया कि आईटीसी का निष्कर्ष त्रुटिपूर्ण था और इसे उलट दिया जाना चाहिए।

एप्पल ने बंद की स्मॉर्टवाच की बिक्री

कंपनी ने 21 दिसंबर को ऑनलाइन एप्पल स्टोर से स्मार्टवाच उत्पादों को हटा लिय। जबकि 24 दिसंबर से खुदरा स्थानों पर भी बिक्री को बंद कर दिया गया। बता दें कि अपने अधिकांश उत्पादों का निर्माण विदेशों में करता है। मुख्य रूप से चीन में। ऐसे में इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोग को अधिकार क्षेत्र मिल जाता है। मैसिमो का तर्क है कि उसने प्रौद्योगिकी का आविष्कार किया  और Apple ने ज्ञान तक पहुंच हासिल करने के लिए अपने कर्मचारियों को धोखा दिया। जबकि एप्पल इससे असहमतहै। वह अपनी ऐप्पल वॉच की प्रत्येक पीढ़ी के साथ फिटनेस और स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार कर रहा है, जो स्मार्टवॉच श्रेणी में हावी है।

सितंबर में, ऐप्पल ने ऐप्पल वॉच सीरीज़ 9 जारी की, जिसमें स्वास्थ्य डेटा तक पहुंचने और लॉग इन करने की क्षमता जैसी सुविधाओं के साथ-साथ बेहतर प्रदर्शन की बात कही गई थी। एप्पल ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “हम यूएसआईटीसी के फैसले और परिणामी बहिष्करण आदेश से पूरी तरह असहमत हैं, और जितनी जल्दी हो सके यूएस में ग्राहकों को ऐप्पल वॉच सीरीज़ 9 और ऐप्पल वॉच अल्ट्रा 2 वापस करने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं।

1,000 से ज्यादा कर्मचारियों को Paytm ने नौकरी से निकाला, जानें कंपनी ने क्यों लिया ऐसा फैसला

फिनटेक कंपनी पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस की ओर से अपने सभी यूनिट्स से 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ये कंपनी की कुल वर्कफोर्स का करीब 10 प्रतिशत है। कंपनी ने ये फैसला अपनी लागत को कम करने के लिए और सभी बिजनेस को फिर से संगठित करने के लिए लिया है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई।  इस निर्णय का सीधा कंपनी के छोटी टिकट साइज के लोन और बाय नाउ पे लेटर पर पड़ेगा। बता दें, हाल ही में आरबीआई द्वारा अनसिक्योर्ड लोन को लेकर नियमों को सख्त किया गया है।

इस सेगमेंट पर हुआ ज्यादा असर 

रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे बड़ा ले-ऑफ पेटीएम के लेडिंग बिजनेस में देखने को मिला है, जिसने पिछले कुछ समय में तेजी बढ़त देखने को मिली थी। पेटीएम पोस्टपेड नाम से कंपनी ने एक सर्विस भी शुरू की थी, जिसमें 50,000 रुपये का लोन कंपनी द्वारा दिया जाता था। कंपनी ने आरबीआई के निर्णय के बाद फिलहाल इसे बंद कर दिया है। इस कारण 7 दिसंबर को कंपनी का शेयर 20 प्रतिशत लुढ़क गया था। पेटीएम का फोकस अब वेल्थ मैनेजमेंट और इंश्योरेंस ब्रोकिंग पर है।

ले-ऑफ कर रहे स्टार्टअप 

रिसर्च फर्म लॉन्गहाउस कंसल्टेंसी की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, 2023 की पहली तीन तिमाही में न्यू ऐज कंपनियों की ओर से 28,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। वहीं, 2022 में ये संख्या 20,000 और 2021 में 4,080 की थी।

घाटे में पेटीएम 

पेटीएम एक लॉस मेकिंग कंपनी है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1856 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस दौरान कंपनी का आय 6,028 करोड़ रुपये रही थी। वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी को 2325 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस दौरान कंपनी की आय 3,892 करोड़ रुपये रही थी।

Samsung Galaxy S23 FE फोन पर 30 हजार रुपये तक का मिल रहा एक्सचेंज बोनस… जानें

Samsung Galaxy S23 FE पर 30 हजार रुपये तक का एक्सचेंज बोनस भी दे रही है। वहीं, HDFC बैंक के क्रेडिट कार्ड पर EMI और पूरे पेमेंट करने पर 10 हजार रुपये तक का इस्टेंट डिस्काउंट मिल सकता हैं। Samsung Galaxy S23 FE फोन कंपनी की वेबसाइट पर 8GB रैम मॉडल के लिए 59,999 रुपये के साथ लिस्ट किया गया है। EMI का भी विकल्प भी है। कंपनी 5011 रुपये की शुरूआती कीमत पर कस्टमर्स को फोन दे रही है।

सैमसंग के इस फोन में आपको 6.4-इंच डायनामिक फुल-एचडी+ AMOLED 2X डिस्प्ले मिलता है। S23 FE में आपको ट्रिपल रियर फ्लोटिंग कैमरा सिस्टम दिया गया है। इस फोन में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8 जेन 1 या इन-हाउस Exynos 2200 चिप मिलता है। वहीं, USB टाइप-सी पोर्ट और 25W वायर्ड फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 4,500mAh की बैटरी दी गई है।