केंद्र सरकार देश में बिजली खपत के लिए नया नियम लाने जा रही है. बिजली बिल के लिए नया कानून बनाने जा रही है उसमें बिजली उपभोक्ताओं को दिन में 20% तक की बिजली बिल में बचत होगी. रात्रि में 20% अधिक बिजली बिल का भुगतान करना पड़ेगा. इस नियम के बाद गर्मी में बिजली की पीक ऑर्वस में उपभोक्ता कपड़े धोने और खाना पकाने जैसे बिजली खपत वाले कामों को करने से परहेज करेंगे, जिससे लोड कम होगा।

अप्रैल से नया नियम होगा प्रभावी: उपभोक्ता रात्रि के समय में चैन की नींद सोने के लिए एसी, फ्रिज और कूलर चलाते हैं. जिस कारण से बिजली का लोड बढ़ जाता है. साथ ही साथ बिजली की खपत भी ज्यादा हो रही है. इस को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने टाइम ऑफ डे व्यवस्था लागू करने जा रही है. यानी कि दिनभर एक ही दर पर बिजली बिल देने की जगह उपभोक्ता दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग बिजली शुल्क देंगे. साल 2025 के अप्रैल महीने से नया नियम लागू हो जाएगा।

सरकार का नया नियम समझ से परे है. दिनभर लोग अपने काम के दौरान घर से बाहर रहते हैं और रात्रि में सुकून के लिए एसी-कूलर चलाते हैं. सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए यह नियम लागू करने वाली है लेकिन इससे उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा”- अमरीश कुमार, बिजली उपभोक्ता

उपभोक्ताओं में रोषः केंद्र सरकार के इस नए नियम को लेकर बिजली उपभोक्ताओं में काफी रोष जताया है. बिजली उपभोक्ताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले को गलत बताया है. कहा कि एक तो स्मार्ट प्रीपेड मीटर से पहले ही उपभोक्ता परेशान हैं और जब दो कैटेगरी का बिजली बिल ग्राहकों को मिलेगा तो बहुत सारे उपभोक्ता बिजली बिल किस हिसाब से उठा समझ भी नहीं पाएंगे. बता दें कि पिक ऑवर में 10 से 20% बिजली बिल बढ़ेगी और सुबह से लेकर के दोपहर 8:00 से 10 घंटे तक बिजली बिल में 10 से 20% की कमी होगी।

बिजली बिल एक समान होना चाहिएः कुणाल सिंह ने कहा कि बिजली बिल का रेट एक समान होना चाहिए. दिन और रात क्या होता है. दिन में भी बिजली जलाना है रात में भी बिजली जलाना है. कभी दिन में भी आदमी एसी फ्रिज कूलर पंखा तमाम इलेक्ट्रॉनिक सामानों का प्रयोग करता है, तो उससे भी दिन में बिजली की खपत बढ़ेगी. रात्रि में बिजली का प्रयोग कम करेंगे लेकिन दिन में जब ज्यादा करने लगेंगे तो निश्चित तौर पर सरकार उसमें भी बढ़ोतरी करेगी. यह गलत है एक समान ही बिजली बिल होनी चाहिए।


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