नवादा जिले के वारिसलीगंज में लिखा परदेश किस्मत में वतन को याद क्या करना, जहां बेदर्द मालिक हो वहां फरियाद क्या करना। उक्त बातें शनिवार को अपने निजी कार्यक्रम में वारिसलीगंज पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने पत्रकारों से बात चीत करते हुए कही। घनी आबादी के बीच अडानी समूह का सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना पर उन्होंने कहा कि जहां बेदर्द मालिक हो वहां फरियाद क्या करना।

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय संरक्षक पूर्व सीएम ने बिहार सरकार की कुनीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नवादा के वारिसलीगंज समेत गया के गुरारू का चीनी मिल तथा गया का कॉटन मिल को सरकार कूड़े की कीमत में बेचकर उक्त स्थान पर ऐसी फैक्ट्री लगवा रही है। जिससे लोग कुछ ही दिनों में विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा ही साफ नहीं है। वारिसलीगंज में चीनी मिल के रहते किसानों के साथ साथ मजदूरों एवं स्थानीय बाजार के व्यापारियों को भी लाभ होता था। जिसके जगह पर अगर सरकार चाहती तो पुनः कृषि उत्पाद जनित फैक्ट्री लगवाती जिससे क्षेत्र के किसान मजदूरों में आर्थिक संपन्नता आती। उन्होंने कहा कि इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री की मानसिक हालत ठीक नहीं है, उन्हें इलाज की जरूरत है। क्योंकि पीएम बनने का ख्वाब उन्हें मानसिक बीमार बना दिया है। जो उनके बयान में साफ झलकता है।

पूर्व सीएम नप के वार्ड संख्या 12 स्थित विक्रम कुमार के घर पर करीब एक घंटे तक रुके। मौके पर हम के जिला उपाध्यक्ष सनोज साव, पूर्व मंत्री के निजी सहायक विक्रम कुमार, हम के जिला सचिव दीन दयाल भगत, प्रखण्ड अध्यक्ष रामवृक्ष मांझी, पूर्व प्रखण्ड प्रमुख रामाशीष मांझी समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।


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