सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का सिलसिला तेज हो गया है. इस बीच बीजेपी सहयोगी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी अपनी राय दी है. जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा कि केंद्र सरकार ने ये आश्वासन दिया है कि इस कानून के तहत किसी की भी नागरिकता समाप्त नहीं की जाएगी. जो तीन देशों के अल्पसंख्यक हैं, जो 2014 से पहले यहां के नागरिक हैं सिर्फ उन्हीं को नागरिकता दी जाएगी. ये लोकसभा और राज्यभा दोनों से पास हो चुका है. ये कानून बन चुका है।

विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि उनको लगता है कि चुनाव का मौका है तो वो ऐसा कहने और सोचने के लिए स्वतंत्र हैं. बता दें कि विपक्षी दल सरकार पर ये आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव से ठीक पहले इसे लागू किया गया है. टाइमिंग पर विपक्ष ने सवाल उठाया है।

सीएए से जुड़ी मुख्य बातें

भारतीय नागरिकता कानून (CAA) 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 संसद में पेश किया गया

10 दिसंबर, 2019 लोकसभा में और अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ

12 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही CAA कानून बना

11 मार्च, 2024 को केंद्र सरकार ने

CAA

की अधिसूचना जारी की

इसके तहत सरकार 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देगी.


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