बिहार के शिक्षा विभाग का डोर जब से केके पाठक के हाथों में है. रोज दिन कुछ ना कुछ बदलाव हो रहा है. पाठक ने सरकारी स्कूल के अलावा कोचिंग संस्थाओ पर भी अंकुश लगा रहे है. ताकि कोचिंग जाने के वजह छात्र छात्राओं का स्कूल न छूटे . बता दें कि सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक बिहार में सभी कोचिंग संस्थान बंद रखने का आदेश मिला है. केके पाठक के इस आदेश से कोचिंग एसोसिएशन फॉर भारत नाराज है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के फैसले को लेकर कोचिंग एसोसिएशन ने कहा कि इस फैसले से यहां के बच्चे कोटा, दिल्ली जैसे शहर में पढ़ने चले जाएंगे . कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में कोचिंग संस्थान बंद करने से 7 से 8 लाख रोजगार प्रभावित होंगे . इसके अलावा प्रदेश को राजस्व का भी बड़ा नुकसान होगा . वहीं एसोसिएशन ने कहा कि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर केके पाठक की शिकायत करेंगे।

वहीं कहा कि बिहार में अगर ये फैसला को नहीं रोका गया तो 90 प्रतिशत कोचिंग संस्थान बंद हो जाएंगे . जिससे 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के राजस्व का नुकसान होगा . साथ ही कहा कि गर्वमेंट हमें गुड्स एंड सर्विसेज समझती है, जीएसटी के दायरे में रखना चाहती है. 18% जीएसटी हम से चार्ज किया जाता है. बिजनेस के रूप में आप हमको देखते हैं. जबकि बिजनेस का मुख्य समय 9 से 5 होता है. उसी समय आप हम पर रोक लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान वाले जीएसटी देते हैं तो बाजार मांगों के अनुसार व्यवसाय का अधिकार है. हमें इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।

साथ ही कहा कि हम सरकार के नियमों का पालन करते हैं. सरकार चाहे तो हम घोषणा करने के लिए तैयार हैं कि हम सरकारी स्कूल के छात्रों को निश्चित समय अवधि में पढ़ाएंगे और ना ही किसी सरकारी शिक्षक को हमारी कोचिंग में पढ़ाने की अनुमति देंगे।


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