बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केके पाठक को जिम्मेवारी सौंपते हैं और आईएएस अधिकारी के के पाठक इस अभियान को सफल बनाने के लिए दिन रात एक कर देते हैं. इस दौरान शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केके पाठक कई बार नियमों का पालन करते हुए अधिकारियों को फटकार लगाते हैं तो कई बार नियम को तोड़ते हुए विश्वविद्यालय के बड़े बड़े अधिकारियों पर एक्शन लेते हैं. मामला राजभवन तक पहुंचता है और बिहार के शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच टकराव शुरू हो जाता है. इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने जाते हैं और अगले ही दिन राजभवन से एक आदेश जारी होता है. इस आदेश के अनुसार विश्वविद्यालय अर्थात कॉलेज में पढ़ने वाले कोई छात्र जिनकी हाजिरी 75% से कम होगी परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा।

राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। राजभवन की ओर से इस बाबत बुधवार की रात सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश जारी किए गए हैं। 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं होने पर विद्यार्थियों को परीक्षा फॉर्म भरने नहीं दिया जाएगा। उन्हें परीक्षा में किसी सूरत में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा।

राजभवन ने 75 फीसदी उपस्थिति नहीं होने के बावजूद परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति देने पर नाराजगी जताई है। राजभवन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि कम उपस्थिति के बाद भी छात्र-छात्राओं का परीक्षा फॉर्म भरवा कर उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू की ओर से सभी कुलपतियों को लिखे गए पत्र में 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा है कि उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है तो परीक्षा में शामिल होने के लिए फॉर्म जमा नहीं कराएं। यदि कोई उचित कारण नहीं है तो ऐसे छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की इजाजत न दें। राजभवन की ओर से विश्वविद्यालयों को इस आदेश का पालन हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा गया है।

हरकत में विवि पर लक्ष्य दूरछात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों के स्तर से भी प्रयास शुरू किए गए हैं। फिर भी अधिकतर कॉलेजों में यह संतोषजनक नहीं है। इस बीच 75 फीसदी उपस्थिति नहीं होने के बावजूद विश्वविद्यालय और कॉलेजों में परीक्षा फॉर्म भराए जाने के मामले में सामने आ रहे थे। इसी वजह से राजभवन ने छात्रों की उपस्थिति को 75 प्रतिशत करने का निर्देश दिया गया है।

शिक्षा विभाग ने भी उठाये कई कदम

विश्वविद्यालय व कॉलेजों में पठन-पाठन का बेहतर वातावरण निर्माण को लेकर शिक्षा विभाग और राजभवन की ओर से हाल के महीने में कई कदम उठाये गए हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर लगातार कॉलेजों और विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान सभी कॉलेजों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम मिल रही थी। पिछले दिनों उच्च शिक्षा की निदेशक रेखा कुमारी ने भी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया था। कॉलेजों में उपस्थिति की रिपोर्ट राजभवन को भी भेजी जा रही थी।


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