बीपीएससी से बहाल हुए शिक्षकों की विभागीय जांच शुरू होने के साथ ही फर्जी बहाल शिक्षकों की पोल खुलने लगी है। बिहार के कई जिलों से फर्जी शिक्षकों के खुलासे हो रहे हैं। वहीं फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अब विभाग की ओर से कार्रवाई करने की भी तैयारी की जा रही है। बता दें कि बीपीएससी द्वारा हुई शिक्षक बहाली के बाद अब शिक्षकों का सत्यापन किया जा रहा है। ऐसे में शिक्षकों की बायोमेट्रिक जांच भी की जा रही है। वहीं अब फर्जी शिक्षक बायोमेंट्रक जांच से बचने के लिए तरह-तरह की जुगत लगाने में जुटे हुए हैं।

बीमारी का बहाना बनाकर हुआ फरार

इसी क्रम में मुजफ्फरपुर के शिक्षा भवन में हो रही जांच के दौरान एक फर्जी शिक्षक को पकड़ा गया है। इस फर्जी शिक्षक की पहचान शशि भूषण कुमार के रूप में हुई है, जिसकी तैनाती मुरौल के एक विद्यालय में हुई है। वहीं जांच से बचने के लिए शिक्षक बीमारी का बहाना बना कर फरार हो गया है। अब डीईओ ने फरार शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का विभागीय निर्देश दिया है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस जांच में अभी तक 226 शिक्षकों के अंगूठे का मिलान नहीं हो पाया है। फिलहाल एक शिक्षक के फर्जी होने की बात प्रमाणित हो चुकी है। उन्होंने कहा कुछ गलत लोग इस परीक्षा में गलत दरवाजे से घुसे हैं, जिनको बाहर का रास्ता दिखाने के लिए सारी कवायदें की जा रही हैं।

बायोमेट्रिक सत्यापन में पकड़ा गया फर्जी टीचर

इसके अलावा दरभंगा जिले में भी 3 जनवरी से चयनित विद्यालय अध्यापकों का बायोमेट्रिक सत्यापन चल रहा है। इसी क्रम में 10 जनवरी को बहेड़ी प्रखंड क्षेत्र में बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान एक फर्जी शिक्षक पकड़ा गया। मौके पर तैनात प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी शिवशंकर कुमार ने लहेरियासराय थाना को लिखित आवेदन देते हुए उसे पुलिस के हवाले कर दिया हैं। फर्जी शिक्षक देवेन्द्र कुमार महतो मध्य विद्यालय खरारी, बहेड़ी में काम कर रहा था। वहीं प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी ने आवेदन के माध्यम से बताया है कि बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान फर्जी अध्यापक देवेन्द्र कुमार महतो को पकड़ा गया है। इसके बायोमेट्रिक और फोटो का मिलान नहीं हुआ। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसके साथ आए एक अन्य व्यक्ति नविन कुमार ने उसकी परीक्षा दी थी।