भारत ने अपने एक फैसले से फ्रांस के साथ दोस्ती को और मजबूत कर दिया है। 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत ने फ्रांस के 4 नागरिकों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा है। भारत ने यह पुरस्कार फ्रांस के नागरिकों को ऐसे वक्त में दिया है, जब इस बार फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि रहे हैं। यह फैसला भारत और फ्रांस के बीच गहरे होते रिश्ते का प्रमाण है। भारत ने पहली बार फ्रांसीसी नागरिकों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना है। गणतंत्र दिवस के मौके पर इन चारों फ्रांसीसियों को पद्म सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई है।
जिन चारों लोगों को पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है, उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में सराहनी कार्य किया है। पद्म पुरस्कार से नवाजे गए इन फ्रांसीसी नागरकिों का जिक्र करते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह भारत-फ्रांस संबंधों की प्रगाढ़ता को रेखांकित करता है। पद्म पुरस्कारों की घोषणा बृहस्पतिवार को की गई थी जिस दिन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत आए। वह इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं।

इन फ्रांसीसी नागरिकों को मिला पद्म सम्मान

इस बार फ्रांस के जिन लोगों को यह सम्मान मिला है उनमें 100 वर्षीय योग गुरू चार्लोट चोपिन और योग विशेषज्ञ एवं आयुर्वेद चिकित्सक किरण व्यास (79) शामिल हैं। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार पियरे सिल्वेन फिलिओजैट (87) तथा फ्रेड नेग्रिट को भी पद्म सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई है। फिलिओजैट संस्कृत विद्वान हैं जो भारतीय संस्कृति अध्ययन को बढ़ाने के लिए समर्पित हैं। फ्रेड नेग्रिट भारतविद हैं जो भारतीय संस्कृति के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देते हैं। ​