बिहार में बीपीएससी के पहले चरण की शिक्षक नियुक्ति में बड़ी हेराफेरी हुई है. भागलपुर में शिक्षक नियुक्ति के दौरान इसका खुलासा हुआ है. भागलपुर केबरारी थाना क्षेत्र स्थित खिरनीघाट डायट सेंटर पर शिक्षक गौतम कुमार के बदले फर्जी तरीके से उपस्थित हुए आलोक कुमार की बायोमेट्रिक सत्यापन में पोल खुल गई।
बायोमेट्रिक जांच में पकड़ा गया मुन्ना भाई
जैसे ही इसकी भनक वहां मौजूद पदाधिकारी को लगी और उसकी पहचान संदेहस्पद दिखी, आलोक कुमार को कमरे में बंद कर बरारी थानध्यक्ष को घटना की सूचना दे दी गई. वहीं पूछताछ के तुरंत बाद ही गोपालपुर नवगछिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरुण कुमार भारती के आवेदन पर केस दर्ज किया गया. पुलिस ने धोखाधड़ी समेत गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया है, साथ ही उसके पास मौजूद दस्तावेज और फोन को जब्त कर लिया गया है।
फर्जी तरीके दी थी बीपीएससी परीक्षा
पूछताछ में आलोक कुमार ने बताया कि इस शिक्षक भर्ती में पहले चरण में ही कई लोग फर्जी तरीके से अपना नियुक्ति करवा रहे हैं, कई लोगों की नियुक्ति हो भी चुकी है. कई लोगों के लिए फर्जी तरीके से परीक्षार्थी के रूप में स्कॉलर बैठे थे, जिसके एवज में उन्होंने मोटी रकम ली है, इस मोटी रकम को तीन किस्तों में लेते हैं और जिसका जिक्र उन्होंने पुलिस के समक्ष किया।
गोतम की जगह आलोक ने दिया एग्जाम
आलोक ने परीक्षा में बैठकर गोतम को पास कराने का ठेका लिया था, अकबर नगर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव निवासी आलोक कुमार महिपाल राजकीय उच्च बुनियादी विद्यालय गोपालपुर नवगछिया में नवनियुक्त शिक्षक गौतम कुमार के बदले परीक्षा में शामिल हुआ था. नियुक्ति के बाद बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान प्रभारी प्रधानाध्यापक की सतर्कता से इस बड़ी हेरा-फेरी और फ्रॉड में मुन्ना भाई पकड़ा गया।
न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी
पुलिस हिरासत में कड़ी पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की कवायद शुरू हो गई है, फिलहाल उसे अन्य मुद्दे पर भी पूछताछ की जा रही है. कई दागियों को तलाश करने की बात कही जा रही है, उसने पुलिस को कई लोगों के नाम बताए हैं. पुलिस ने इसकी सूचना गुप्त रखी है. अन्य जिलों के युवकों के नाम आलोक ने अभी उजागर नहीं किए है।
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